अनमोल नाम का अंग्रेजी में मतलब है 'प्राइसलेस' और हरियाणा की शटलर अनमोल खरब अपने नाम को सही ठहराते हुए भारतीय बैडमिंटन का चमकता हुआ सितारा बनकर उभर रही हैं।
अनमोल खरब 16 साल की उम्र में महिला एकल राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियन बनीं और एक साल बाद, मलेशिया में 2024 बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में भारतीय महिला टीम के ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई।
उच्चतम स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने के लिए अनमोल की तकनीकी कुशलता और अद्वितीय क्षमता शानदार है, लेकिन जो चीज उन्हें सबसे खास बनाती है, वह है उनकी अद्भुत मानसिक दृढ़ता। यह विशेषता उन्हें हर चुनौती को आत्मविश्वास के साथ सामना करने में मदद करती है।
अनमोल खरब ने मलेशिया में एक बार नहीं, बल्कि तीन अलग-अलग मौकों पर भारत के लिए अहम खिलाड़ी साबित हुईं और फाइनल सहित निर्णायक मुकाबलों में हाई रैंकिंग वाले और अनुभवी प्रतिद्वंदियों को शिकस्त दी।
अनमोल खरब कहां से हैं?
अनमोल खरब का जन्म 20 जनवरी 2007 को हरियाणा के फरीदाबाद में हुआ था। उन्होंने अपने बड़े भाई हार्दिक को खेलते हुए देखकर कम उम्र में ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था।
जबकि हार्दिक ने अंत में पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का विकल्प चुना। वहीं, अनमोल ने बैडमिंटन को गंभीरता से लिया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए परिवार का पूरा समर्थन भी मिला। उनके पिता देवेंद्र, पेशे से एक वकील हैं। उनकी मां का नाम राजबाला है।
ओलंपिक पदक विजेता साइना नेहवाल और अश्विनी पोनप्पा के पूर्व राष्ट्रीय स्तर की साथी कोच कुसुम सिंह के तहत सनराइज शटलर्स अकादमी में नोएडा में ट्रेनिंग लेने से पहले अनमोल ने शुरुआत में फरीदाबाद में दयानंद पब्लिक स्कूल के लिए खेला था।
राजबाला भी अपनी बेटी के करियर को आगे बढ़ाने के लिए उनके साथ चली गईं।
अपने नियमित प्रैक्टिस के अलावा, अनमोल ने अपने तकनीकी प्रशिक्षण को और बेहतर करने के लिए कुछ अपरंपरागत साधन भी अपनाए। हर सुबह युवा खिलाड़ी एक स्थानीय पार्क में एक पूर्व अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज द्वारा आयोजित फिजिकल ट्रेनिंग क्लास में हिस्सा लेने के लिए सुबह 5:00 बजे उठती थीं।
इस क्लास ने उन्हें अपने खेल में और ज्यादा ताकत जोड़ने में मदद की, जो अंततः उनकी खेल शैली की एक आंतरिक विशेषता बन गई। अनमोल बैडमिंटन कोर्ट पर अपने जबरदस्त और सटीक स्मैश के लिए जानी जाती हैं।
अनमोल खरब की उपलब्धियां
युवा खिलाड़ी की प्रतिभा ने जल्दी ही अपनी पहचान बना ली। साल 2019 में, 12 साल की उम्र में, अनमोल ने हैदराबाद में अंडर-17 ऑल इंडिया रैंकिंग खिताब अपने नाम किया, जो उनका पहला राष्ट्रीय स्तर का खिताब था। उन्होंने उस साल विशाखापत्तनम में सीनियर ऑल इंडिया रैंकिंग टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में भी जगह बनाई और उन्हें भारत सरकार की खेलो इंडिया योजना के लिए चुना गया, जो उभरते एथलीटों को आगे बढ़ने में मदद करती है।
अनमोल 2020 में एकल और युगल दोनों में अंडर-17 राष्ट्रीय खिताब जीतकर तेजी से आगे बढ़ीं, उन्होंने के. वेन्नला के साथ पार्टनरशिप की थी।
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय आयु वर्ग के कई टूर्नामेंट में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने 2022 में एशियन जूनियर चैंपियनशिप के प्री-क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई। अनमोल जल्द ही अंडर-17 और 19 दोनों आयु वर्ग में भारत की नंबर-1 खिलाड़ी बन गईं।
हालांकि, 2023 में अनमोल खरब ने खूब सुर्खियां बटोरीं, जब युवा खिलाड़ी ने गुवाहाटी में आयोजित सीनियर नेशनल में, 16 साल की उम्र में तन्वी खन्ना को हराकर अपना पहला सीनियर राष्ट्रीय खिताब जीता।
सेमीफाइनल में, साइना नेहवाल की प्रशंसक ने अपनी सीनियर हमवतन अश्मिता चालिहा को हराया, जो BWF वर्ल्ड टूर की रेगुलर खिलाड़ी हैं।
मलेशिया में बिखेरी चमक
अपनी राष्ट्रीय जीत के बाद, अनमोल को मलेशिया के सेलांगोर में बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप 2024 के लिए भारतीय महिला टीम का हिस्सा बनने के लिए चुना गया था। वह दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु और चालिहा के साथ टीम में तीसरी एकल खिलाड़ी थीं।
मलेशिया मीट में, भारत ने महाद्वीपीय टीम स्पर्धा में सिर्फ दो पदक जीते थे, दोनों कांस्य पदक 2016 और 2020 में पुरुष टीम ने जीते थे।
शाह आलम में भारतीय महिलाओं द्वारा पहला स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही इतिहास रचा गया और 17 वर्षीय अनमोल इस ऐतिहासिक जीत में अहम खिलाड़ी थीं। उन्होंने तीन मैच खेले और सभी में जीत दर्ज की, लेकिन जो बात इन्हें खास बनाती है वह यह कि ये तीनों ही निर्णायक मैच थे।
जब अनमोल अपनी पहली सीनियर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए कोर्ट पर उतरीं, तो उन्हे पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के खिलाफ भारत के ग्रुप स्टेज मैच में निर्णायक मुकाबला खेलना था।
दुनिया की 149वें नंबर के खिलाड़ी वू लुओ यू के खिलाफ, उस समय कुछ लोगों को BWF विश्व रैंकिंग में 472वें स्थान पर मौजूद युवा खिलाड़ी के जीतने की उम्मीद नहीं थी।
लेकिन अनमोल ने सभी को गलत साबित करते हुए यू को 22-20, 14-21, 21-18 से हराया। पहले गेम में, भारतीय प्रतिभाशाली खिलाड़ी ने 17-15 से पिछड़ने के बाद बेहतरीन वापसी की और 18-ऑल से बराबरी पर रहने के बाद तीसरे गेम में जीत दर्ज करने के लिए धैर्य बनाए रखा।
जबकि चीन के खिलाफ हार भी भारत को क्वार्टरफाइनल में पहुंचा देती, अनमोल खरब के विजयी फाइनल स्टैंड ने टूर्नामेंट के लिए शानदार माहौल तैयार किया।
भारत ने क्वार्टरफाइनल में अनमोल की सर्विसेज के बगैर ही हांगकांग चीन को 3-0 से हराया, लेकिन जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में, युवा खिलाड़ी को एक बार फिर दुनिया के 29वें नंबर की पूर्व जूनियर विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी नात्सुकी निदाइरा के खिलाफ निर्णायक मैच खेलने के लिए बुलाया गया।
चीन के मैच के विपरीत, अनमोल की हार से इस बार भारत बाहर हो जाता।
लेकिन अनमोल ने बड़ा उलटफेर कर दिया और जापानी शटलर के खिलाफ 21-14, 21-18 से जीत दर्ज की और प्रतियोगिता में भारत की पहली फाइनल उपस्थिति सुनिश्चित कर दी।
थाईलैंड के खिलाफ फाइनल में, पीवी सिंधु और त्रिशा जॉली-गायत्री गोपीचंद ने पहले दो मैच जीतकर भारत को 2-0 की बढ़त दिला दी, लेकिन लगातार हार से स्कोर 2-2 हो गया।
अनमोल ने एक बार फिर उन्हीं परिस्थितियों में दुनिया की 45वें नंबर की खिलाड़ी पोर्नपिचा चोइकीवोंग के खिलाफ कोर्ट में कदम रखा, इस बार भारत को ऐतिहासिक स्वर्ण दिलाने में उन्हें अहम भूमिका निभानी थी। हमेशा की तरह, युवा खिलाड़ी ने निराश नहीं किया और अपने से ऊंची रैंकिंग वाली प्रतिद्वंद्वी को सिर्फ 43 मिनट में 21-14, 21-9 से मात दी।
मलेशिया में अनमोल खरब का शानदार अभियान हैरान करने वाला था। यहां तक कि पुलेला गोपीचंद जैसे बैडमिंटन दिग्गज भी उनके प्रदर्शन से रोमांचित थे।
गोपीचंद ने कहा, “वास्तव में एक बड़े मैच में निर्णायक मुकाबला खेलने के लिए... एक टीम इवेंट का फाइनल, इसके लिए साहस और आत्मविश्वास की बहुत जरूरत होती है और यह दिखाता है कि आप कितने मजबूत हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने उस समय शानदार रूप से बेहतरीन प्रदर्शन किया है। वह अद्भुत रही हैं, उसने सही स्ट्रोक खेले और उनका अंदाज सबसे अच्छा था और यह देखना शानदार है।”
अनमोल खरब ने सितंबर में बेल्जियम इंटरनेशनल में महिला एकल स्पर्धा में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता और इसके ठीक दो सप्ताह बाद पोलिश इंटरनेशनल में एक और जीत हासिल की।
भारतीय बैडमिंटन में जब सिंधु-साइना युग समाप्त हो जाएगा, तो अनमोल जैसी खिलाड़ी, अगर सही रास्ते पर आगे बढ़ना जारी रखती हैं, तो संभवतः वह इस विरासत को आगे ले जा सकती हैं।
अनमोल खरब के पदक और पुरस्कार
- 2023 में सीनियर महिला एकल राष्ट्रीय चैंपियन
- बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप 2024 में स्वर्ण पदक
- बेल्जियम इंटरनेशनल 2024 में पहला एकल अंतरराष्ट्रीय खिताब