भारतीय बैडमिंटन ने बीते एक दशक में साइना नेहवाल, पीवी सिंधु और किदांबी श्रीकांत से लेकर चिराग शेट्टी, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और लक्ष्य सेन जैसे कई बेहतरीन सितारे दिए हैं।
ठीक उसी तरह एक ऐसा नाम है जो अगले कुछ वर्षों में इन चमकते हुए बैटमिंटन सितारों की सूची में शामिल होने की क्षमता रखता है। यहां हम बात कर रहे हैं 14 वर्षीय भारतीय शटलर उन्नति हुड्डा की जो वैश्विक मंच पर भारत के लिए शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने हुनर की चमक बिखेर रही हैं।
उन्नति हुड्डा ने ओडिशा ओपन 2022 जीतने के बाद इतिहास रच दिया, जिससे वह सुपर 100 BWF वर्ल्ड टूर खिताब जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं।
प्रतिभाशाली उन्नति हुड्डा का सफर हरियाणा के रोहतक के छोटू राम स्टेडियम से शुरू हुआ था।
खेल के प्रति जुनून से प्रोफेशनल खिलाड़ी बनने तक का सफर
रोहतक के छोटू राम स्टेडियम को कुश्ती कौशल के लिए जाना जाता है। वहां प्रशिक्षण लेने वाले खिलाड़ियों में ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक का नाम भी शामिल है।
हालांकि, इसी स्टेडियम में परवेश कुमार ने एक बैडमिंटन अकादमी चलाई और यहीं पर उन्नति हुड्डा ने इस खेल की बारीकियां सीखना शुरू किया।
उन्नति हुड्डा का जन्म 20 सितंबर 2007 को रोहतक के चमरिया गांव में हुआ था। उनके पिता उपकार को बैडमिंटन का शौक था। जब उन्नति सात साल की थीं, तभी उनके पिता ने अपनी बच्चे का अकादमी में दाखिला करा दिया।
उपकार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमारे परिवार के अधिकांश सदस्य शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इसलिए, हम चाहते थे कि उन्नति कुछ नया करने की कोशिश करे।”
हुड्डा के परिवार को इस बात का अंदाजा जल्द ही हो गया कि वह कितनी प्रतिभाशाली थीं।
इस बाबत उनके पिता ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, “उसने अंडर-11 जूनियर इवेंट जीता और फिर जिला और राज्य स्तर की कई प्रतियोगिताएं जीती। यही वह समय था जब मुझे एहसास हुआ कि वह इस खेल को गंभीरता से ले सकती है।”
उपकार ने जल्द ही अपनी बेटी के साथ देश भर के विभिन्न राज्य और राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में जाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। 2019 में अंडर-15 नेशनल चैंपियन बनने से पहले उन्नति हुड्डा ने 2018 में U-13 नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
उन्नति हुड्डा न केवल एक प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी थीं बल्कि वह खुद को आगे बढ़ाने के लिए भी पूरी तरह से तैयार थीं।
कोच परवेश कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "जब उन्नति मुझसे ट्रेनिंग लेने के लिए आई, तो उसकी लंबाई तीन फीट से भी कम थी। लेकिन उसने कोर्ट पर अच्छा प्रदर्शन दिखाया और उसकी मुख्य ताकत उसका फोकस था।”
परवेश कुमार ने बताया, “हमें उसकी सर्विस, स्मैश, नेट ड्रिबल, टॉस और ड्रॉप शॉट्स पर काफी समय तक काम करना पड़ा और वह हमेशा अधिक सीखने के लिए उत्सुक रहती है। एक सामान्य प्रशिक्षण के दिन हम उसे लगभग 1,600 ड्रॉप शॉट्स का अभ्यास कराते हैं।”
जब उन्नति हुड्डा ने रचा इतिहास
जनवरी 2022 में सुपर 100 BWF वर्ल्ड टूर इवेंट, ओडिशा ओपन में उन्नति हुड्डा को उनकी कड़ी मेहनत का शानदार परिणाम हासिल हुआ।
इस युवा शटलर ने क्वार्टर-फाइनल में हाई रैंकिंग वाली हमवतन सामिया फारूकी को हराया और सेमीफाइनल में मालविका बंसोड़ को 50 मिनट तक चले मुकाबले में शिकस्त दी।
हुड्डा ने महिला एकल खिताब का दावा करने के लिए ओडिशा ओपन के फाइनल में स्मित तोशनीवाल को सीधे गेम में हराया। इस तरह से वह महज 14 साल की उम्र में सुपर 100 इवेंट जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय शटलर बन गई।
इस शानदार प्रदर्शन की वजह से राष्ट्रीय स्तर पर उनके नाम की चर्चा होने लगी। अप्रैल में, चयन ट्रायल में तीसरे स्थान पर रहने के बाद उन्नति हुड्डा को भारत की उबेर कप टीम में शामिल कर लिया गया। उन्हें एशियाई खेल की टीम का भी हिस्सा बनाया गया था, लेकिन इस इवेंट को साल 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
इसके बाद युवा खिलाड़ी के पास एक ही विकल्प था, वह या तो ऑल इंडिया अंडर-19 रैंकिंग टूर्नामेंट खेल सकती थीं या चयन ट्रायल के लिए जा सकती थी। उन्नति हुड्डा ने ट्रायल्स को चुना और इससे उन्हें फायदा भी मिला। उन्हें जल्द ही अपने बड़े सपनों में से एक को साकार करने का मौक़ा मिला।
इस खेल को खेलना शुरू करने के बाद से ही वह पीवी सिंधु की बड़ी फैन रही हैं। उन्नति हुड्डा को अपनी आदर्श के साथ उबेर कप दौरे पर जाने का मौक़ा मिला।
उन्नति हुड्डा ने द ट्रिब्यून को बताया, “मैं पीवी सिंधु के स्मैश की बहुत बड़ी फैन हूं। मेरी हमेशा से ही बड़े होकर उनकी तरह खेलने की ख्वाहिश रही है। उम्मीद है कि मुझे उनका खेल देखने और उनके खेल से सीखने का मौक़ा मिलेगा।”
हालांकि, उन्होंने उबर कप में एक भी मैच नहीं खेला, लेकिन उनके लिए सीनियर खिलाड़ियों को खेलते हुए देखने का अनुभव ही काफ़ी अच्छा और लाभदायक रहा।
उन्नति ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “उबेर कप के लिए भारतीय बैडमिंटन टीम का हिस्सा बनना मेरे लिए काफ़ी खास था। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु जैसे खिलाड़ियों को देखकर मुझे बहुत प्रेरणा मिली। जिस तरह से एचएस प्रणॉय सर ने अपने सभी मुक़ाबलों में से पांचवां मैच जीता, उसने मुझे कभी भी हार न मानने के लिए प्रेरित किया।”
खेलो इंडिया यूथ गेम्स में चमका उन्नति हुड्डा का नाम
जून 2022 में, उन्नति हुड्डा ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने की राह में अदिति भट्ट और तसनीम मीर को हराकर एक बार फिर सनसनी फैलाई। ये दोनों ही खिलाड़ी पहले उबेर कप में भारतीय टीम का हिस्सा थीं। इससे पहले साल की शुरुआत में तसनीम मीर अंडर-19 के महिला एकल वर्ग में वर्ल्ड नंबर-1 भारतीय खिलाड़ी रह चुकी थीं।
फाइनल मुक़ाबले में तसनीम मीर के खिलाफ उन्नति हुड्डा एक गेम से पीछे चल रही थीं। दूसरे गेम में भी शानदार वापसी के साथ जीतने से पहले वह 10-18 से पिछड़ रहीं थीं।
उन्नति हुड्डा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "भले ही मैं दूसरे गेम में 10-18 से पीछे थी और तसनीम को खिताब जीतने के लिए केवल तीन और अंक चाहिए थे, लेकिन मैं केवल कड़ी मेहनत करने के बारे में सोच रही थी। तसनीम जैसी खिलाड़ी के ख़िलाफ़ इस तरह के फाइनल के बाद ख़िताब जीतकर काफ़ी अच्छा महसूस होता है।”
“मेरे पिता हमेशा कोच के साथ बैठते हैं, क्योंकि वह हमेशा ही मेरे साथ यात्रा करते हैं। वह भी मुझे हार नहीं मानने के लिए ही कह रहे थे। यह खेलो इंडिया में मेरा पहला स्वर्ण पदक है और अपने गृह राज्य में हासिल हुई जीत ने इस पल को और भी खास बना दिया है।”
उन्नति हुड्डा ने साल 2022 में एक बड़ी छलांग लगाई। साल की शुरुआत में वह 418वें स्थान पर थीं और ओडिशा ओपन में जीत के साथ 200 पायदान की छलांग लगाते हुए वह वर्ल्ड रैंकिंग पर 217वें नंबर पर पहुंच गईं।
साल 2023 के आख़िरी में उन्नति हुड्डा बैडमिंटन रैंकिंग में शीर्ष 100 में जगह बनाने में सफल रहीं। उन्नति ने अपना दूसरा सीनियर ख़िताब अक्टूबर 2023 में हासिल किया, जब उन्होंने एक और सुपर 100 BWF वर्ल्ड टूर इवेंट अबू धाबी मास्टर्स के कड़े फाइनल में हमवतन सामिया इमाद फारूकी को हराया।