क्या आप जानते हैं बैडमिंटन कोर्ट का साइज़ और लंबाई-चौड़ाई कितनी होती है ?
सिंगल्स और डबल्स का मुकाबला एक ही बैडमिंटन कोर्ट पर खेला जाता है। देखें कि यह कैसे मुमकिन है।
पिछले एक दशक में भारतीय जनता ने बैडमिंटन को खूब पसंद किया है और बदले में इस खेल ने भी भारत को कई नामी खिलाड़ी दिए हैं।
साइना नेहवाल (Saina Nehwal) और पीवी सिधु (PV Sindhu) जहां ओलंपिक मेडल की चमक देश में लाईं, वहीं बाकी कई खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उम्दा प्रदर्शन कर भारत को सम्मानित किया है।
बैडमिंटन के खेल में रैकेट का इस्तेमाल होता है और इस खेल की गति बहुत तेज़ होती है। जब शटल 400 kph से दौड़ती है तो वह खिलाड़ियों से त्रुटियां करवा ही देती है और यही इस खेल को ख़ास बनाता है
क्या कभी आपने सोचा है कि कोर्ट की सतह कैसी होती है? फ्लोर पर बनीं लाइन क्या दर्शाती हैं और बैडमिंटन एरीना कैसा लगता है? आइए एक नज़र डालते हैं इन्हीं सब बातों पर।
बैडमिंटन कोर्ट लकड़ी से बनाया जाता है जिसका मैट सिंथेटिक का होता है। इस कोर्ट पर खिलाड़ियों को अच्छा बाउंस मिलता है और यह न फिसलने वाला होता है यानी खिलाड़ियों की ग्रिप अच्छी बनती है और इससे चोट लगने के मौके भी कम हो जाते है
एक ही सतह पर बैडमिंटन का खेल दो भागों में खेला जाता है जो सिंगल्स और डबल्स में विभाजित हैं।
बैडमिंटन कोर्ट का आकार और आयाम
बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन के दिशा निर्देशों के अंतर्गत बैडमिंटन के कोर्ट की लम्बाई को 13.40m (44 ft) (सिंगल्स और डबल्स) का बनाया जाता है। वहीं कोर्ट की चौड़ाई को सिंगल्स के लिए 5.18m (17 ft) और डबल्स के लिए 6.1m (20 ft) रखा गया है। इसे साइड लाइन के हिसाब आंका जाता है।
एक कोर्ट दो भागों में बँटा होता है, जिसकी लंबाई 6.7 मीटर (22 फ़िट) होती है और उसके बीच में एक नेट होती है जो 1.55 मीटर (5 फ़िट 1 इन्च) ऊँची होती है। बीच में ये थोड़ी सी कम यानी 1.52 मीटर (5 फ़िट) की होती है।
दोनों ही भागों में दो दो सर्विस एरिया दिया जाता है यानी एक कोर्ट में कुल 4 सर्विस एरिया होते हैं। सर्विस एरिया 3.96m (13 ft) लंबा और 2.59m (8.5 ft) चौड़ा होता है।
बैडमिंटन के खेल में सर्विस के भी कुछ नियम होते हैं जो कि सर्विस लाइन और शॉर्ट सर्विस लाइन के अंतर्गत बनाए गए हैं। ग़ौरतलब है कि शॉर्ट सर्विस लाइन नेट से 1.98m (6.5 ft) की दूरी पर होती है और लॉन्ग सर्विस लाइन को नेट से 0.76m (2.5ft) पर बनाया जाता है।
सिंगल्स के मुकाबले में सर्विस शॉर्ट सर्विस लाइन और बाउंड्री लाइन के बीच में गिरनी चाहिए और वहीं डबल्स के मुकाबले में सर्विस शॉर्ट सर्विस लाइन और लॉन्ग सर्विस लाइन (बैक कोर्ट लाइन) के बीच जानी चाहिए। इसका मतलब है कि डबल्स में सर्विस की लम्बाई सिंगल्स के मुकाबले छोटी होती है।