बैडमिंटन में सर्विस कैसे करते हैं? जानिए क्या कहते हैं नियम

बैडमिंटन में सर्विस का बहुत ज्यादा महत्व होता है, लेकिन इसे खिलाड़ी अपने हिसाब से अलग-अलग कर सकते हैं। जानिए कैसे करनी चाहिए मैच में सर्विस।

5 मिनटद्वारा विवेक कुमार सिंह
PV Sindhu prefers to go long with her forehand serves.
(2019 Getty Images)

किसी भी बैडमिंटन मैच की शुरुआत सर्विस के साथ होती है, शटलकॉक के साथ सर्विस करना भी एक कला होती है।

दुनिया के अधिकांश प्रमुख पेशेवर खिलाड़ी शॉर्ट बैकहैंड सर्विस के साथ मैच की शुरुआत करते हैं।

हालांकि ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु अपने फोरहैंड सर्व के साथ मैच की शुरूआत करती हैं, जिससे उनका प्रतिद्वंद्वी बेसलाइन पर चला जाता है और उन्हें पूरा टाइम मिल जाता है।

ओलंपिक चैंपियन कैरोलिना मारिन या पुरुष वर्ग में दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी केंटो मोमोता जैसे खिलाड़ी बाएं हाथ से सर्विस करते हैं, इससे एक कोण बनता है, जिसका रिटर्न करना उनके प्रतिद्वंदियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता।

बैडमिंटन में सर्विस खिलाड़ियों के खेल के हिसाब से होती है, जैसा कि कहा जाता है, लॉन टेनिस में एक सर्विस में गेंद की गति और सटीकता जीत के लिए महत्वपूर्ण होती है। हालांकि खिलाड़ियों का फॉर्म किसी भी मुक़ाबले का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।

तो चलिए बैडमिंटन विश्व महासंघ (BWF) द्वारा निर्धारित बैडमिंटन के सर्विस नियमों पर एक नजर डालते हैं।

एक सही सर्विस तब होती है जब कोई खिलाड़ी अपने रैकेट से शटलकॉक को प्रतिद्वंद्वी की तरफ नेट के ऊपर से मारता है। अगर शटलकॉक नेट में नहीं फंसती और बैडमिंटन कोर्ट की सीमाओं को भी नहीं पार करती तो ये एक सही सर्विस होती है। इस दौरान शटलर का पैर कोर्ट में ही होना चाहिए।

अगर सर्विस की गई शटल नेट को छू लेती है या कोर्ट की सीमाओं को पार कर जाती है तो विपक्षी को एक प्वॉइंट मिल जाता है।

जब किसी शटलर द्वारा सर्विस की जाती है, तो सर्वर के रैकेट का शाफ्ट और हेड नीचे की ओर झुका होना चाहिए और सर्वर को रैकेट से शटलकॉक के बेस को हिट करना चाहिए।

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सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि सर्वर जब भी रैकेट को हिट करता है तो शटलकॉक उसके कमर से ऊपर होनी चाहिए।

एक बार जब दोनों पक्ष सर्विस के लिए तैयार हो जाते हैं, तब सर्वर को पहली सर्विस करनी चाहिए। सर्वर को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि जब सर्वर और रिसीवर दोनों तैयार हों, तब सर्विस में किसी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए।

सर्वर और रिसीवर कोर्ट की सीमा रेखाओं को छुए बिना कोर्ट में तिरछे और एक-दूसरे के विपरीत दिशा में अपने-अपने पाले में खड़े होते हैं।

बैडमिंटन मैच में टॉस से निर्धारित किया जाता है कि सबसे पहले सर्विस कौन करेगा, और जो भी खिलाड़ी साइड स्कोर हासिल करता है, वो अंक हासिल करने के बाद सर्वर बन जाता है।

सिंगल सर्विस

जो खिलाड़ी किसी भी खेल में पहले सर्विस करता है, वो सर्विस कोर्ट के दाईं ओर से करेगा। जिसके बाद मैच शुरु हो जाता है।

अगर सर्वर ने एक गेम में सम अंक जीते हैं, तो वो आगे के अंक के लिए कोर्ट के दाईं ओर से ही सर्विस करेगा।

अगर किसी गेम के दौरान सर्वर ने विषम संख्या में अंक जीते हैं, तो वो आगे के अंक के लिए कोर्ट के बाईं ओर से सर्विस करेगा।

डबल्स सर्विस

BWF के नियमों में डबल्स सर्विस के नियम को समझना थोड़ा कठिन है।

मूल सर्विस के नियम एक समान ही हैं – मतलब ये कि जो खिलाड़ी पहले सर्विस करता है वो सर्विस कोर्ट के दाईं ओर से सर्विस करेगा और हर बार खेल के दौरान सम संख्या में अंक जीतने के बाद भी ऐसा करता रहेगा जबकि विषम संख्या में अंक जीतने के बाद सर्विस बाएं कोर्ट से की जाएगी।

रिसीवर को उस सर्विस कोर्ट के सामने वाले दूसरे कोर्ट में खड़ा होना चाहिए और जो अंक जीतता है वो बाद में सर्वर बन जाता है।

(2013 Getty Images)

डबल्स गेम में सर्विस के दौरान इन नियमों का पालन होना चाहिए:

- जो सबसे पहसे सर्व करता है उसे दाएं कोर्ट में खड़ा होना चाहिए

- वो फिर पहला रिसिवर सर्व करेगा

- इसके बाद पहले सर्वर का साथी सर्व करेगा

- फिर पहले रिसिवर का साथी सर्व करेगा

- इसी तरह आगे गेम ये चलता रहेगा

सर्विस रिसिव करने वाला कोई भी खिलाड़ी एक ही गेम में दो लगातार सर्विस नहीं रिसिव कर सकता है।

अगर किसी भी खिलाड़ी ने कोर्ट के गलत साइड से सर्विस की है या रिसिव किया है, तो इसे सर्विस कोर्ट की गलती मानी जाती है और इसे तुरंत सुधारा जाता है।

किसी भी साइड को कोई भी खिलाड़ी कोर्ट में किसी भी पोजिशन को ले सकता है अगर उसके आंखों के सामने कोई बाधा आ जाती है।

स्कोरिंग सिस्टम ये तय करता है कि सर्विस करने वाली साइड ने रैली जीता है या रिसिव करने वाली साइड ने। यहां रैली को टीम के बीच शॉट्स की एक सीरीज के रूप में परिभाषित किया जा रहा है जब तक कि शटलकॉक जमीन को नहीं छूता, नेट को हिट करता है, या कोर्ट की सीमाओं के बाहर नहीं जाता।

21 अंक तक पहुंचने वाली पहली साइड या इसके बाद दो अंकों के अंतर के साथ, गेम जीत लेती है और एक मैच में तीन गेम होते हैं।

हर एक गेम के बाद कोर्ट साइड को बदलने की आवश्यकता होती है, और जीतने वाली साइड का कोई भी खिलाड़ी अगले गेम में सर्विस कर सकता है, और इसी तरह, हारने वाले साइड से कोई भी खिलाड़ी अगले गेम में सर्विस रिसिव कर सकता है।