भारतीय बैडमिंटन की स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधु ने पिछले एक दशक में हर स्तर पर खिताब जीते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कई मौकों पर इतिहास भी रचा है।
भारतीय बैडमिंटन की दिग्गज खिलाड़ी के पास एक स्वर्ण सहित पांच विश्व चैंपियनशिप पदक हैं। इसके अलावा दो ओलंपिक पदक भी शामिल हैं। बता दें कि ये वो खिताब हैं, जो अब तक किसी भारतीय ने हासिल नहीं किए हैं।
कोर्ट पर पीवी सिंधु की उपलब्धियों ने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए हैं। जिनमें भारत के कुछ सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान भी शामिल हैं।
पीवी सिंधु का जन्म हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने साल 2021 में टोक्यो 2020 में कांस्य पदक अपने नाम किया था।
"पीवी सिंधु ने कहा, यह गर्व का लम्हा है। मैं भारत सरकार की शुक्रगुजार हूं। ये पुरस्कार हमें बहुत प्रोत्साहन, समर्थन और प्रेरणा देते हैं।"
जिसके लिए उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वह दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं।
साल 2013 में विश्व चैंपियनशिप पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनने के बाद पीवी सिंधु को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा खेल सम्मान है।
इसके बाद पीवी सिंधु ने अपना प्रभावशाली प्रदर्शन जारी रखा। यहां तक कि उन्होंने एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में भी पोडियम पर अपनी जगह बनाई।
भारतीय शटलर बैडमिंटन विश्व रैंकिंग के शीर्ष 10 में भी शामिल हुई। वहीं, सिंधु ने साल 2015 में देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त किया।
पीवी सिंधु को सबसे बड़ी उपलब्धि साल 2016 में मिली, जब उन्होंने रियो ओलंपिक में रजत पदक अपने नाम किया, जो कि ग्रीष्मकालीन खेलों में उनकी पहली उपस्थिति थी। वह ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
ओलंपिक में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के बाद उन्हें भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मानित किया गया।
हैदराबाद की शटलर ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन बरकरार रखा और साल 2017 और 2018 में लगातार विश्व रजत पदक जीतने के बाद पीवी सिंधु 2019 में वर्ल्ड चैंपियन बनीं।
पीवी सिंधु को साल 2019 में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) द्वारा स्पोर्ट्सवुमेन ऑफ द ईयर से नामित किया गया था। इसके बाद उनके रिकॉर्ड में लगातार इजाफा देखने को मिला।