नीरज चोपड़ा भले ही मौजूदा ओलंपिक और विश्व भाला फेंक चैंपियन हों, लेकिन 25 वर्षीय भारतीय एथलीट का मानना है कि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभी आना बाकी है।
चोपड़ा का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.94 मीटर है, जो उन्होंने जून 2022 में स्टॉकहोम डायमंड लीग में हासिल किया गया था। टोक्यो 2020 में उनका स्वर्ण पदक जीतने वाला थ्रो 87.58 मीटर का था।
हालांकि, चोपड़ा ने लगातार 90 मीटर से अधिक थ्रो करने वाले विरोधियों को हराया है और लगभग हर प्रमुख स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते हैं, लेकिन फिर भी वह अभी तक प्रतिष्ठित 90 मीटर के आंकड़े को पार नहीं कर पाए हैं।
नीरज चोपड़ा ने कहा कि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आना अभी बाकी है। उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि अगर वह अपनी तकनीक में सुधार करते हैं, खासकर लेग-ब्लॉकिंग के संबंध में, तो अगले साल 90 मीटर के थ्रो का आंकड़ा वह पार कर सकते हैं।
नीरज चोपड़ा ने इस साल की शुरुआत में बुडापेस्ट में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पहला भारतीय स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। उसके बाद 25 वर्षीय भाला फेंक एथलीट ने एशियन गेम्स में अपने ख़िताब को डिफेंड भी किया था।
नीरज ने एक इवेंट में कहा “मैं यह स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि मेरा सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है। मुझे लंबे समय से किसी प्रतियोगिता में ऐसा महसूस नहीं हुआ है कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है या मैं अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के क़रीब आया हूं।"
उन्होंने आगे कहा “छह सेमी हासिल करना अभी बाकी है। स्टॉकहोम डायमंड लीग (जून 2022 में) में यह 89.94 मीटर था। मैं उस समय लाइन से थोड़ा पीछे था। अगर मैंने अपना भाला थोड़ा आगे बढ़कर फेंका होता, तो यह 90 मीटर होता।"
“मुझे लगता है कि इस साल मेरा प्रदर्शन मेरे सर्वश्रेष्ठ से कम रहा। अगले साल मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा।"
उनके शीर्ष स्तर के लचीलेपन और बांह की गति ने उन्हें ओलंपिक और विश्व चैंपियन बना दिया, लेकिन चोपड़ा अपनी लेग-ब्लॉकिंग तकनीक को बेहतर बनाना चाहते हैं।
इसके साथ ही चोपड़ा ने यह भी ज़ाहिर किया कि वह अपनी लेग-ब्लॉकिंग तकनीक को बेहतर बनाना चाहते हैं।
इस बाबत उन्होंने कहा “मेरे कोच हमेशा कहते हैं कि यह 60 प्रतिशत पैर और 40 प्रतिशत ऊपरी शरीर है जो इस खेल में काम में आता है। इसलिए पैरों का काम बहुत ज़रूरी है। भारतीय भाला फेंक के दिग्गज खिलाड़ी ने कहा ''मुझे अपने पैरों के काम में काफी सुधार करना होगा।''
“मैं बहुत सी चीज़ें अच्छे से करता हूं। मेरा लचीलापन काफी अच्छा है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि मेरी बांह (आर्म) की गति के कारण, मैं बहुत अच्छा कर रहा हूं। मुझे लगता है कि अगले साल मैं अपनी तकनीक में सुधार करूंगा, और अपनी ताक़त और लचीलेपन पर अधिक काम करूंगा। अगर सबकुछ ठीक रहा, 100 फीसदी फिट रहा और मेरी कमर ठीक रही तो मैं यक़ीनन पेरिस ओलंपिक में बहुत अच्छा प्रदर्शन करूंगा।"
इसके साथ ही नीरज चोपड़ा ने यह स्वीकार किया कि हांगझोऊ में आयोजित एशियन गेम्स 2023 में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान उनकी तकनीक अच्छी नहीं थी।
इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा “हांगझोऊ एशियाई खेलों के दौरान मेरी तकनीक अच्छी नहीं चल रही थी। मेरा लेगवर्क उतना अच्छा नहीं था, मेरा ब्लॉकिंग पैर मुड़ रहा था। यह उतना अच्छा नहीं था लेकिन अहम बात यह थी कि मेरा हाथ बहुत अच्छा थ्रो दे रहा था, मेरी हाथ की गति बहुत अच्छी थी।"
टोक्यो ओलंपिक की तरह, चोपड़ा पेरिस ओलंपिक से पहले बहुत अधिक स्पर्धाओं में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, ''मैं चुनिंदा प्रतियोगिताओं में हिस्सा लूंगा ताकि यह पेरिस ओलंपिक की तैयारियों में फिट हो सके। जहां तक बात है कि मैं अगले साल किन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लूंगा, तो यह मैं दिसंबर में बता पाऊंगा।"
चोपड़ा ने बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप के क्वालीफाइंग राउंड में अपने 88.77 मीटर प्रयास के साथ पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। ऑटोमैटिक क्वालीफाइंग मार्क 83.00 मीटर था। भारत के नंबर 2 भाला फेंक खिलाड़ी किशोर जेना ने भी अगले साल होने वाले ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
आपको बता दें कि किशोर जेना ने हांगझोऊ में 87.54 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता था। जबकि नीरज चोपड़ा ने 88.88 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया था।