नीरज चोपड़ा के कोच कौन हैं?

जर्मन दिग्गज उवे हॉन 2017 से 2018 तक नीरज चोपड़ा के कोच थे। भारतीय भाला फेंक एथलीट ने साल 2019 से 2024 तक बायोमैकेनिक्स एक्सपर्ट डॉ. क्लॉस बार्टोनिएट्ज़ के साथ ट्रेनिंग की। साल 2025 से वह जैन जेलेजनी के साथ ट्रेनिंग करेंगे।

5 मिनटद्वारा विवेक कुमार सिंह

जेवलिन थ्रो में 100 मीटर से अधिक की दूरी तक भाला फेंकने वाले जर्मनी के यूवे हॉन एकमात्र एथलीट हैं।
(Getty Images)

नीरज चोपड़ा ने टोक्यो 2020 एथलेटिक्स में भारत का पहला व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। ओलंपिक स्टेडियम में हुए जैवलिन थ्रो फाइनल में इस भाला फेंक खिलाड़ी ने 87.58 मीटर की दूरी पर भाला भेंका।

हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले नीरज चोपड़ा को कई कोचों ने पोडियम तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाई है, जबकि उनके मुख्य कोच दिग्गज उवे हॉन रहे। उनके साथ डॉ क्लॉस बार्टोनिएट्ज़, गैरी कैल्वर्ट, वर्नर डेनियल, काशीनाथ नाइक, नसीम अहमद और जयवीर सिंह भी नीरज के कोच रहे हैं।

जयवीर नीरज चोपड़ा के बचपन के कोच हैं, जिनकी देख-रेख में ही हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव के लड़के ने सबसे पहले जैवलिन थ्रो करना सीखा।

2011 में नीरज हरियाणा के पंचकुला में ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स गए, जहां उन्होंने कोच नसीम अहमद से ट्रेनिंग ली। नीरज वहां अपने सीनियर्स की ट्रेनिंग को देखते और उनसे टिप्स लेते थे। अहमद ने उन्हें अपनी आंतरिक-शक्ति (स्टेमिना) और ताकत (स्ट्रेंथ) को बढ़ाने के लिए लंबी दूरी के धावकों के साथ ट्रेनिंग दी।

कोच अहमद ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "चूंकि वो क्रॉस लेग के साथ थ्रो करते थे और आखिरी स्टेप (स्ट्राइड) बड़ा लेते थे, जिससे उन्हें स्मूथ थ्रो के लिए आवश्यक गति मिल जाती थी।" "दो स्ट्राइड से थ्रो करने से लेकर तीन स्ट्राइड और पांच स्ट्राइड तक, हम हर दिन एक पूरे रन-अप की ओर बढ़ने की कोशिश करते थे और इससे उन्हें लैंडिंग तकनीक में महारत हासिल करने में मदद मिली।"

नीरज चोपड़ा ने पोलैंड में 2016 विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप में 86.48 मीटर थ्रो के साथ जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण पदक जीता।

उस समय नीरज चोपड़ा को मुख्य कोच गैरी कैल्वर्ट ट्रेनिंग दे रहे थे और काशीनाथ नाइक असिस्ट कोच के तौर पर काम कर रहे थे। ऑस्ट्रेलियाई गैरी कैल्वर्ट ने चीन की नेशनल जैवलिन कोच के रूप में काम किया था। साल 2018 में बीजिंग में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था।

2010 राष्ट्रमंडल खेल की भाला फेंक स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले काशीनाथ नाइक नीरज को एक बेहतरीन जूनियर एथलीट के रूप में याद करते हैं, जो (नीरज चोपड़ा) उस समय दुबले-पतले होने के बावजूद बहुत तेज़ी के साथ थ्रो करते थे।

नीरज चोपड़ा ने बाद में 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले जर्मन कोच वर्नर डेनियल से ट्रेनिंग ली, जहां उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।

उवे हॉन – 2017 से 2018 तक नीरज चोपड़ा के कोच

एशियन गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा के सबसे प्रसिद्ध कोच जर्मन उवे हॉन रहे, जो इतिहास में 100 मीटर से अधिक की दूरी तक भाला फेंकने वाले एकमात्र एथलीट हैं।

1984 में, हॉन ने बर्लिन में 104.8 मीटर थ्रो रिकॉर्ड दर्ज कराया था। बाद में 1986 में एक नया भाला डिज़ाइन अपनाया गया; गुरुत्वाकर्षण के केंद्र को भाले पर आगे लाया गया ताकि उन थ्रो को छोटा किया जा सके जो स्टेडियमों में उपलब्ध स्थान से बाहर जा सकते थे और साथ ही अस्पष्ट लैंडिंग से बचने के लिए उन्हें सपाट गिरने के बजाय जमीन में गिरने लायक बनाया गया। उवे होन का अविश्वसनीय थ्रो तब से एक 'अटूट' विश्व रिकॉर्ड बन गया है।

ईस्ट जर्मनी के नेरुप्पिन में जन्मे उवे हॉन ने 1982 की यूरोपीय चैंपियनशिप और 1985 के IAAF विश्व कप में भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता था। ईस्ट जर्मनी ने लॉस एंजेलिस ग्रीष्मकालीन खेलों का बहिष्कार किया, जिसकी वजह से हॉन 1984 के ओलंपिक में भाग लेने से चूक गए।

हॉन ने चीन के झाओ किंगगैंग को भी कोचिंग दी है, जिन्होंने 2014 एशियन गेम्स में भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता था।

2018 और 2019 में उवे हॉन ने नीरज चोपड़ा की थ्रोइंग तकनीक में और अधिक सुधार किया, जो जर्मन कोच को स्वाभाविक लगा।

हॉन ने ये भी कहा था कि भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ COVID-19 महामारी के दौरान भारतीय एथलीटों को विदेशी कैंप्स या प्रतियोगिताओं में भेजने के लिए और अधिक प्रयास कर सकते थे। उन्होंने ये भी कहा था कि एथलीटों के लिए सही आहार भी एक मुद्दा रहा था।

हॉन के बाद, बायोमैकेनिक्स एक्सपर्ट डॉ. क्लॉस बार्टोनिएट्ज़ ने नीरज चोपड़ा के साथ काम किया और उन्होंने भारतीय दिग्गज को और भी अधिक ऊंचाइयां हासिल करने में मदद की।

जर्मन खिलाड़ी ने नीरज को टोक्यो 2020 ओलंपिक, हांगझोऊ में 2023 एशियाई खेल और बुडापेस्ट में 2023 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने में मदद की है।

बार्टोनिट्ज के मार्गदर्शन में, नीरज 2022 में डायमंड लीग चैंपियन भी बने और पेरिस 2024 में रजत पदक जीता।

पेरिस 2024 ओलंपिक के तुरंत बाद दोनों अलग हो गए, 75 साल के क्लॉस बार्टोनिट्ज ने अपनी उम्र और अपनी पारिवारिक प्रतिबद्धताओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की इच्छा की वजह से अलग होने का फैसला किया।

2025 से नीरज चोपड़ा के कोच जैन जेलेजनी

भारत के भाला फेंक सुपरस्टार नीरज चोपड़ा ने 2025 एथलेटिक्स सत्र से पहले चेकिया के दिग्गज जैन जेलेजनी को अपना नया कोच नियुक्त किया है।जेलेजनी चेकिया के टोक्यो 2020 रजत पदक विजेता जैकब वाडलेज्च और कांस्य विजेता विटेजस्लाव वेस्ली के पूर्व कोच हैं। उन्होंने दो बार की ओलंपिक और तीन बार की विश्व चैंपियन बारबोरा स्पोटाकोवा को भी कोचिंग दी है।

जेलेजनी को आधुनिक युग का सबसे महान जेवलिन थ्रोअर माना जाता है। उन्होंने बार्सिलोना 1992, अटलांटा 1996 और सिडनी 2000 ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते। उनका वर्तमान रिकॉर्ड 98.48 मीटर है जो उन्होंने 1996 में जर्मनी में बनाया था।

नीरज 2025-26 सीजन के लिए जेलेजनी के साथ प्रशिक्षण लेंगे, न कि पूरे ओलंपिक साइकल के लिए।

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