ओलंपिक कांस्य पदक विजेता एमसी मैरी कॉम (MC Mary Kom) हाल ही में भारत में COVID-19 मामलों में तेजी के बीच सीमित विकल्पों के कारण पुणे में राष्ट्रीय मुक्केबाजी शिविर में पुरुष मुक्केबाजों के साथ ट्रेनिंग करेंगी। वो मई में होने वाले एशियन चैंपियनशिप के लिए ट्रेनिंग कर रही हैं।
भारत वर्तमान में चल रहे COVID-19 संकट से जूझ रहा है, जिसमें 20 अप्रैल से प्रतिदिन 300,000 से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
मूल रूप से बॉक्सिंग कैंप पिछले महीने नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में शुरू हुआ था, जिसे 21 पॉजिटिव COVID मामलों के सामने आने के बाद स्थानांतरित करना पड़ा था। दिल्ली भारत का एक COVID हॉटस्पॉट है।
टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली भारतीय मुक्केबाज़ पिछले हफ्ते ही पुणे के आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में गई थीं और कुछ दिन पहले उन्हें COVID-19 वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी। बता दें कि इससे पहले वो घर पर ही ट्रेनिंग कर रही थीं।
हालांकि, कैंप में COVID प्रोटोकॉल के कारण मैरी कॉम के स्पैरिंग (जिसके साथ वो ट्रेनिंग कर सकें) विकल्प सीमित हो गए हैं।
IANS समाचार एजेंसी के अनुसार, सेना के दो पुरुष मुक्केबाजों को छह बार की विश्व चैंपियन के साथ मुक्केबाज़ी के लिए चुना गया है। दोनों मुक्केबाजों का COVID टेस्ट नेगेटिव आया था और दोनों सिर्फ मैरी कॉम के साथ ट्रेनिंग करेंगे।
मैरी कॉम के निजी कोच छोटे लाल यादव भी इस महीने की शुरुआत में COVID -19 के संपर्क में आए थे, जो 6 मई से नई दिल्ली में 15 दिन के लिए क्वारनटीन में हैं। यादव के अगले सप्ताह पुणे कैंप में शामिल होने की उम्मीद है, बशर्ते वो टेस्ट में नेगेटिव आएं और आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट के प्रोटोकॉल को फॉलो करें।
मैरी कॉम (51 किग्रा) के अलावा, ओलंपिक के लिए जाने वाली मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) (69 किग्रा) और सिमरनजीत कौर (Simranjit Kaur) (60 किग्रा) भी पुणे कैंप में हैं। पूजा रानी (Pooja Rani) (75 किग्रा) फिलहाल बेल्लारी के इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में हैं।
अप्रैल के अंत में COVID टेस्ट में पॉजिटिव आने वाली सिमरनजीत को छोड़कर, टोक्यो जाने वाली बाकि तीन महिला मुक्केबाज एशियन मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए तैयार हैं, जो 21 मई से दुबई में शुरू होगी।
एशियन चैंपियनशिप मूल रूप से दिल्ली में निर्धारित की गई थी, लेकिन महामारी के कारण इसे यूएई में स्थानांतरित करना पड़ा।