अर्जेंटीना लंबे समय से दुनिया की बेहतरीन फुटबॉल टीमों में से एक रही है और अतीत में इस टीम ने कई यादगार पल जिए हैं जिसमें फीफा विश्व कप के कुछ शानदार प्रदर्शन शामिल हैं।
ला अल्बिसेलेस्टे के नाम से मशहूर अर्जेंटीना की फुटबॉल टीम ने अब तक 18 बार फीफा विश्व कप का हिस्सा रही है। यह टीम विश्व कप के कुल 21 संस्करणों में सिर्फ़ 4 बार ही इस प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं रही है।
अर्जेंटीना ने साल 1938, 1950 और साल 1954 में मेजबानी के अधिकारों की असहमति और राजनीतिक कारणों से फुटबॉल विश्व कप से अपना नाम वापस ले लिया था। ऐसे में अर्जेंटीना की टीम इस प्रतियोगिता से 24 साल तक नदारद रही क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के कारण साल 1942 और साल 1946 में फीफा विश्व कप का आयोजन नहीं हुआ था।
दक्षिण अमेरिकी फुटबॉल टीम साल 1970 में पहली और एकमात्र बार चार साल पर होने वाले इस आयोजन के लिए क्वालीफ़ाई करने में करने में विफल रही थी।
हालांकि, अर्जेंटीना फुटबॉल का स्वर्णिम वर्ष 70 के दशक में शुरू हुआ और आने वाले वर्षों में यह देश इस खेल के शिखर पर पहुंच गया।
अर्जेंटीना ने कितनी बार फीफा विश्व कप का ख़िताब जीता?
अर्जेंटीना ने तीन बार - साल 1978, 1986 और साल 2022 में फीफा विश्व कप का ख़िताब जीता है। उन्होंने 6 बार फ़ाइनल तक का सफ़र तय किया है, जिसमें साल 1930 में आयोजित पहले संस्करण में दूसरा स्थान हासिल करना भी शामिल है।
1978 - जब अर्जेंटीना ने पहली बार जीता विश्व कप का खिताब
अर्जेंटीना ने साल 1978 में डेनियल पासरेला की अगुवाई में पहली बार फुटबॉल विश्व कप की ट्रॉफी उठाई थी। इस समय टीम के प्रबंधक सीजर लुइस थे।
हालांकि, एल मैटाडोर मारियो केम्पेस टूर्नामेंट के स्टार प्लेयर थे।
मारियो केम्पेस की बेहतरीन स्कोरिंग क्षमता और एक शानदार घरेलू समर्थन के दम पर अर्जेंटीना ने ग्रुप 1 में दूसरे स्थान पर रहकर प्रतियोगिता के दूसरे दौर में जगह बनाई थी। उन्होंने हंगरी और फ्रांस को समान 2-1 के अंतर से हराया लेकिन इटली से उन्हें 1-0 से हार का सामना करना पड़ा था।
दूसरे दौर में अर्जेंटीना ने पोलैंड (2-0) और पेरू (6-0) को हराया और ब्राजील के खिलाफ गोल रहित ड्रॉ किया। जिसके बाद दो जीत और एक ड्रॉ अर्जेंटीना के लिए स्टैंडिंग में शीर्ष पर पहुंचने और फाइनल में जगह बनाने के लिए काफी थे।
अर्जेंटीना और नीदरलैंड के बीच खेला गया साल 1978 का फीफा विश्व कप फ़ाइनल बेहद रोमाचंक रहा। क़रीबी मुक़ाबले में खेल के अंत तक दोनों टीमों के खाते में एक-एक गोल थे।
इसके बाद अतिरिक्त समय में अर्जेंटीना की ओर से मारियो केम्पेस और रिकार्डो बर्टोनी ने 1-1 गोल कर ब्यूनस आयर्स के एस्टाडियो मोन्यूमेंटल स्टेडियम में टीम की जीत सुनिश्चित की।
अर्जेंटीना ने नीदरलैंड को 3-1 से हराकर विश्व कप का ख़िताब अपने नाम किया। मारियो केम्पेस को 1978 विश्व कप में सर्वाधिक गोल करने के लिए गोल्डन बूट से सम्मानित किया गया। उन्होंने उस टूर्नामेंट में सर्वाधिक 6 गोल दागे। इसके अलावा उन्होंने गोल्डन बॉल पुरस्कार को भी अपने नाम किया था। यह पुरस्कार टूर्नामेंट के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी को दिया जाता है।
1986 - माराडोना का हैंड ऑफ गॉड और गोल ऑफ द सेंचुरी
मेक्सिको में आयोजित 1986 फीफा विश्व कप में डिएगो माराडोना अपनी शीर्ष फॉर्म में थे। उन्होंने अर्जेंटीना को तीन संस्करणों में अपने दूसरे खिताब को जीताने के लिए टीम का नेतृत्व किया और इस स्टार खिलाड़ी ने टीम की जीत में भी अहम भूमिका निभाई।
आपको बता दें माराडोना के नेतृत्व में अर्जेंटीना इस टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं हारी।
सबसे पहले अर्जेंटीना ने दक्षिण कोरिया (3-1) और बुल्गारिया (2-0) पर जीत हासिल की और फिर डिफेंडिंग चैंपियन इटली के खिलाफ ड्रॉ के साथ ग्रुप चरण में शीर्ष स्थान हासिल किया।
फाइनल में वेस्ट जर्मनी का सामना करने से पहले नॉकआउट राउंड में ला अल्बिसेलेस्टे ने उरुग्वे (1-0), इंग्लैंड (2-1) और बेल्जियम (2-0) को मात दी। माराडोना ने इंग्लैंड के खिलाफ 'हैंड ऑफ गॉड' गोल और गोल ऑफ द सेंचुरी भी दागा था।
अर्जेंटीना ने 1986 फीफा विश्व कप फाइनल में वेस्ट जर्मनी के खिलाफ जोस ब्राउन, जॉर्ज वाल्डानो और जॉर्ज बुरुचागा के गोल की मदद से 3-2 से जीत हासिल की।
माराडोना को उनके पांच गोल और पांच असिस्ट के लिए गोल्डन बॉल से सम्मानित किया गया।
अर्जेंटीना साल 1990 में अपने खिताब को डिफेंड करने के बेहद क़रीब आया लेकिन फ़ाइनल में उन्हें वेस्ट जर्मनी से हार का सामना करना पड़ा। अर्जेंटीना की टीम साल 2014 के विश्व कप प्रतियोगिता में भी दूसरे स्थान पर रही थी।
2022 - लियोनेल मेसी ने क़तर में विश्व कप जीतने का सपना पूरा किया
2014 में निराश लौटने सहित चार विश्व कप से खाली हाथ लौटने के बाद यह माना जा रहा था कि क़तर में आयोजित फीफा विश्व कप 2022 विश्व कप के बड़े मंच पर लियोनेल मेसी आख़िरी बार दुनिया के सामने होंगे।
सात बार के बैलोन डी'ओर विजेता ने सात गोल और तीन असिस्ट की मदद से गोल्डन बॉल-विजेता प्रदर्शन के साथ अपनी टीम को ख़िताब दिलाकर इसे मेसी ने इस जीत को यादगार बना दिया। इनमें से दो गोल उन्होंने फ्रांस के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में किए, जो अतिरिक्त समय के बाद 3-3 के स्कोर पर समाप्त हुआ क्योंकि काइलियन एम्बाप्पे ने मेसी को कड़ी टक्कर देते हुए हैट्रिक गोल कर अपनी टीम को मैच में बनाए रखा। आख़िरकार अर्जेंटीना ने पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से जीतकर साल 1986 के बाद पहली बार विश्व कप ट्रॉफ़ी अपने नाम की। अर्जेंटीना ने अपना आख़िरी विश्व कप ख़िताब लियोनेल मेसी के जन्म से ठीक एक साल पहले जीता था।
अर्जेंटीना को टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में सऊदी अरब से हार झेलनी पड़ी थी लेकिन टीम ने जोरदार वापसी करते हुए ट्रॉफ़ी अपने नाम की।