वाटर पोलो
वाटर पोलो को शुरू में एक जोखिम भरे खेल के तौर पर जाना जाता था, जो पहली बार 19वीं सदी के मध्य में इंग्लैंड की नदियों और झीलों में रग्बी के जलीय संस्करण के रूप में विकसित हुआ था। साल 1870 में लंदन स्विमिंग एसोसिएशन ने इनडोर स्विमिंग पूल में इस खेल के इस्तेमाल के लिए नियम लागू किए। बाद में स्कॉटलैंड में विकसित हुए नियमों ने "रग्बी संस्करण" के विपरीत फ़ुटबॉल की खेल शैली को अपनाया। वाटर पोलो 1888 में संयुक्त राज्य अमेरिका में आया, जहां पानी में रग्बी खेल शैली का उपयोग किया जाता था और जो अमेरिकी फ़ुटबॉल के खेल से काफ़ी मिलता-जुलता था। हालांकि, शेष विश्व ने खेल के स्कॉटिश नियमों को अपनाया, जिसने वाटर पोलो के खेल का आधार बनाया जैसा कि हम आज जानते हैं। पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 1890 में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच हुआ जिसे स्कॉटलैंड ने 4-0 से जीता था।
नियमों को संक्षिप्त में जानें
इस खेल में सात खिलाड़ियों की दो टीमें 3 मीटर गहरे पूल में आमने-सामने होती हैं, जिसका आयाम तय नहीं है और जो 20×10 और 30×20 मीटर के बीच हो सकता है (वर्ल्ड एक्वेटिक्स (इंटरनेशनल स्विमिंग फ़ेडरेशन) द्वारा अनुमोदित मैचों के लिए पुरुषों के लिए 30x20 मीटर पूल और महिलाओं के लिए 25x20 मीटर पूल की आवश्यकता होती है)। मैच में आठ-आठ मिनट के चार क्वार्टर होते हैं। गोलकीपर के अलावा अन्य खिलाड़ी गेंद को केवल एक हाथ से पकड़ सकते हैं। खिलाड़ी गेंद को अधिकतम 30 सेकंड तक के लिए पकड़ सकते हैं; अगर टीम इस समय के भीतर शॉट का प्रयास नहीं करती है, तो गेंद की पोज़िशन विरोधी टीम के पास चली जाती है और शॉट-क्लॉक रीसेट हो जाती है।
वाटर पोलो एक अत्यंत शारीरिक खेल है और गेंद पोज़िशन के समय खिलाड़ी एक-दूसरे के संपर्क में आ सकते हैं। इसलिए इस खेल में ताक़त, सहनशक्ति, शारीरिक क्षमता और रणनीति की अहम भूमिका होती है।
ओलंपिक इतिहास
वाटर पोलो आधुनिक ओलंपिक खेलों में सबसे पुराने टीम खेलों में से एक है, क्योंकि इसे 1900 में पहले क्लबों के बीच प्रतियोगिताओं के रूप में रग्बी के साथ ही कार्यक्रम में जोड़ा गया था। फिर 1908 से देशों के बीच टूर्नामेंट के रूप में वाटर पोलो की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाने लगी। हालांकि, एक सदी बाद सिडनी 2000 तक ओलंपिक खेलों में महिलाओं की प्रतियोगिता शुरू नहीं हुई थी।
यूरोपीय राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों का वर्षों से पुरुषों के वाटर पोलो में दबदबा रहा है। इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1908 से खेलों के हर संस्करण में महाद्वीप के एनओसी ने स्वर्ण पदक जीता है। हंगरी 16 पदक (9 स्वर्ण सहित) के साथ पुरुषों की पदक तालिका में शीर्ष पर काबिज़ है। ओलंपिक में महिलाओं का वाटर पोलो अभी भी अपने शुरूआती दौर में है, लेकिन लंदन 2012, रियो 2016 और टोक्यो 2020 में स्वर्ण जीतने के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका तीन बार का चैंपियन है।
पिक्टोग्राम
वाटर पोलो को शुरू में एक जोखिम भरे खेल के तौर पर जाना जाता था, जो पहली बार 19वीं सदी के मध्य में इंग्लैंड की नदियों और झीलों में रग्बी के जलीय संस्करण के रूप में विकसित हुआ था। साल 1870 में लंदन स्विमिंग एसोसिएशन ने इनडोर स्विमिंग पूल में इस खेल के इस्तेमाल के लिए नियम लागू किए। बाद में स्कॉटलैंड में विकसित हुए नियमों ने "रग्बी संस्करण" के विपरीत फ़ुटबॉल की खेल शैली को अपनाया। वाटर पोलो 1888 में संयुक्त राज्य अमेरिका में आया, जहां पानी में रग्बी खेल शैली का उपयोग किया जाता था और जो अमेरिकी फ़ुटबॉल के खेल से काफ़ी मिलता-जुलता था। हालांकि, शेष विश्व ने खेल के स्कॉटिश नियमों को अपनाया, जिसने वाटर पोलो के खेल का आधार बनाया जैसा कि हम आज जानते हैं। पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 1890 में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच हुआ जिसे स्कॉटलैंड ने 4-0 से जीता था।
नियमों को संक्षिप्त में जानें
इस खेल में सात खिलाड़ियों की दो टीमें 3 मीटर गहरे पूल में आमने-सामने होती हैं, जिसका आयाम तय नहीं है और जो 20×10 और 30×20 मीटर के बीच हो सकता है (वर्ल्ड एक्वेटिक्स (इंटरनेशनल स्विमिंग फ़ेडरेशन) द्वारा अनुमोदित मैचों के लिए पुरुषों के लिए 30x20 मीटर पूल और महिलाओं के लिए 25x20 मीटर पूल की आवश्यकता होती है)। मैच में आठ-आठ मिनट के चार क्वार्टर होते हैं। गोलकीपर के अलावा अन्य खिलाड़ी गेंद को केवल एक हाथ से पकड़ सकते हैं। खिलाड़ी गेंद को अधिकतम 30 सेकंड तक के लिए पकड़ सकते हैं; अगर टीम इस समय के भीतर शॉट का प्रयास नहीं करती है, तो गेंद की पोज़िशन विरोधी टीम के पास चली जाती है और शॉट-क्लॉक रीसेट हो जाती है।
वाटर पोलो एक अत्यंत शारीरिक खेल है और गेंद पोज़िशन के समय खिलाड़ी एक-दूसरे के संपर्क में आ सकते हैं। इसलिए इस खेल में ताक़त, सहनशक्ति, शारीरिक क्षमता और रणनीति की अहम भूमिका होती है।
ओलंपिक इतिहास
वाटर पोलो आधुनिक ओलंपिक खेलों में सबसे पुराने टीम खेलों में से एक है, क्योंकि इसे 1900 में पहले क्लबों के बीच प्रतियोगिताओं के रूप में रग्बी के साथ ही कार्यक्रम में जोड़ा गया था। फिर 1908 से देशों के बीच टूर्नामेंट के रूप में वाटर पोलो की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाने लगी। हालांकि, एक सदी बाद सिडनी 2000 तक ओलंपिक खेलों में महिलाओं की प्रतियोगिता शुरू नहीं हुई थी।
यूरोपीय राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों का वर्षों से पुरुषों के वाटर पोलो में दबदबा रहा है। इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1908 से खेलों के हर संस्करण में महाद्वीप के एनओसी ने स्वर्ण पदक जीता है। हंगरी 16 पदक (9 स्वर्ण सहित) के साथ पुरुषों की पदक तालिका में शीर्ष पर काबिज़ है। ओलंपिक में महिलाओं का वाटर पोलो अभी भी अपने शुरूआती दौर में है, लेकिन लंदन 2012, रियो 2016 और टोक्यो 2020 में स्वर्ण जीतने के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका तीन बार का चैंपियन है।