क्रिकेट और ओलंपिक: जब ग्रेट ब्रिटेन ने फ्रांस को हराकर जीता था इकलौता क्रिकेट स्वर्ण पदक

ओलंपिक में खेले गए एकमात्र क्रिकेट मैच में दो अर्धशतक और दो पांच विकेट झटकने का रोमांच भी देखने को मिला था।

5 मिनटद्वारा सैयद हुसैन
Performers depict an English countryside view during the Opening Ceremony of the London 2012 Olympic Games.
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एक मैच की चार पारियों में सिर्फ 366 रन ही बन पाए थे, लेकिन 1900 ओलंपिक गेम्स में खेले गए इस कम स्कोर वाले टेस्ट मैच का क्रिकेट इतिहास में एक अलग ही महत्व है। ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस के बीच चला ये दो दिनों वाला टेस्ट मैच ओलंपिक इतिहास का एकमात्र क्रिकेट मैच है।

ये एक ऐसा क्रिकेट मैच था जिसमें 22 नहीं बल्कि 24 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, और दोनों ही देशों की ओर से कोई भी ऐसा क्रिकेटर नहीं था जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व किया हो। जबकि 1877 में ही इंग्लैंड ने टेस्ट मैच की शुरुआत कर दी थी, उसने अपना पहला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।

रोचक बात यह है कि 1900 ओलंपिक गेम्स में खेला गया ये पेरिस टेस्ट मैच उस साल का एकमात्र दो देशों के बीच खेला गया टेस्ट क्रिकेट था। हालांकि, इस मैच को प्रथम श्रेणी क्रिकेट का दर्जा हासिल नहीं है क्योंकि इसमें एक टीम में 11 से ज्यादा खिलाड़ी थे और टेस्ट मैच की अवधि सिर्फ दो दिन रखी गई थी।

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पेरिस 1900 ओलंपिक टेस्ट मैच की यादें

साल 1896 में हुए पहले एथेंस ओलंपिक में ही क्रिकेट को शामिल करने की योजना थी, लेकिन फिर आखिरी वक़्त पर क्रिकेट इसका हिस्सा नहीं बन पाया था। हालांकि, चार साल बाद क्रिकेट ने ओलंपिक में अपना डेब्यू किया।

1900 में ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, नीदरलैंड और बेल्जियम ने इस खेल में शिरकत करने के लिए मन बना लिया था, लेकिन ओलंपिक की मेज़बानी नहीं मिलने की वजह से नीदरलैंड और बेल्जियम ने इस खेल में प्रतिस्पर्धा नहीं करने का फैसला लिया ।

जिसके बाद साइकिलिंग स्टेडियम वेलोड्रोम डी विन्सेनेस में ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस के बीच फाइनल मुक़ाबला खेला गया था। दोनों देशों ने दो-दो पारियां खेलीं, जो दो दिन चली। वर्तमान समय में टेस्ट मैच अमूमन पांच दिनों (कुछ टेस्ट चार दिनों के भी खेले जाते हैं) का होता है। उस मैच में दोनों कप्तानों की मंजूरी के बाद प्रत्येक टीम के 12 खिलाड़ियों ने बल्लेबाज़ी की थी।

बेहद कम स्कोर वाला रहा था ओलंपिक क्रिकेट टेस्ट मैच

दोनों ही देशों के किसी भी राष्ट्रीय खिलाड़ी ने मैच में शिरकत नहीं की थी, ग्रेट ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व डेवॉन और समरसेट वांडेरर्स क्लब ने किया था जबकि उनके सामने फ्रेंच एथलेटिक क्लब यूनियन थी, जिसमें ब्रिटिश प्रवासियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज की थी।

दूसरे दिन का खेल खत्म होने के ठीक पांच मिनट पहले ग्रेट ब्रिटेन ने फ्रांस को 158 रनों से शिकस्त दी थी। दोनों पारियों को मिलाकर फ्रांस की टीम सिर्फ 104 रन ही जोड़ पाई थी।

आश्चर्यजनक बात य है कि विजेता ग्रेट ब्रिटेन को रजत पदक जबकि फ्रांस को कांस्य पदक मिला था। साथ ही साथ दोनों टीमों को एफ़िल टॉवर की आकृति का मिनिएचर भी दिया गया था।

बाद में ये पदक क्रमश: स्वर्ण और रजत में बदल दिए गए थे, और इस प्रतिस्पर्धा पर आधिकारिक तौर पर 1912 में ओलंपिक इवेंट की मुहर लगी थी।

ग्रेट ब्रिटेन के कप्तान चार्ल्स बेशक्रॉफ़्ट और अलफ़्रेड बॉवरमैन ही ऐसे दो खिलाड़ी थे जिन्होंने मैच में अर्धशतक जड़ा, इन दोनों ने ही ग्रेट ब्रिटेन के लिए दूसरी पारी में अर्धशतक लगाया था। गेंदबाज़ी में ग्रेट ब्रिटेन की ओर से फ़्रेडरिक क्रिश्चियन ने पहली पारी में 7 विकेट लिए थे, जबकि दूसरी पारी में मोन्टागु टॉलर के 9 रनों पर 7 विकेट (7/9) ने फ्रेंच टीम को नेस्तनाबूद कर दिया था।

स्कोर: ग्रेट ब्रिटेन (117 और 145/5 पारी घोषित) ने फ्रांस (78 और 26) को 158 रनों से मात दी।

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कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में क्रिकेट

1904 में आयोजित सेंट लुईस ओलंपिक में भी वैसे तो क्रिकेट को शामिल किया गया था, लेकिन आख़िरी लम्हों में प्रतिस्पर्धी देशों की कमी होने की वजह से इसे बाहर कर दिया गया।

लिहाज़ा ओलंपिक में क्रिकेट सिर्फ एक ही बार शामिल हो पाया, लेकिन इसके बाद क्रिकेट को राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेल में भी जगह मिली।

1900 ओलंपिक के बाद पहली बार 1998 राष्ट्रमंडल खेल में क्रिकेट किसी मल्टिस्पोर्ट्स इवेंट में शामिल हुआ था। वेस्टइंडीज की टीम जहां कई देशों में बंटी हुई थी, तो वहीं उत्तरी आयरलैंड भी एक अलग देश की तरह प्रतिस्पर्धा में शामिल हुआ था।

इस टूर्नामेंट में क्रिकेट के कई बड़े और दिग्गज नामों ने हिस्सा लिया था जिनमें सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले, हरभजन सिंह, वीवीएस लक्ष्मण, महेला जयवर्धने, कर्टली एम्ब्रोज़, स्टीव वॉ, मार्क वॉ और एडम गिलक्रिस्ट शामिल थे।

1998 राष्ट्रमंडल खेल में क्रिकेट का स्वर्ण पदक दक्षिण अफ़्रीका के नाम था जिनके कप्तान शॉन पोलॉक थे।

इसके बाद एक बार फिर 2022 राष्ट्रमंडल खेल में क्रिकेट को शामिल किया गया, लेकिन इस बार सिर्फ़ महिला क्रिकेट टीम के बीच ही T20 क्रिकेट प्रतिस्पर्धा देखने को मिली।

एशियाई खेल में भी क्रिकेट ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जिसमें पुरुष और महिला दोनों ही स्पर्धाओं में एशियाई देशों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। पहली बार 2010 एशियन गेम्स में क्रिकेट को शामिल किया गया था और फिर दूसरी बार 2014 में और फिर 2023 में क्रिकेट एशियन गेम्स में शामिल किया गया था।

एशियन गेम्स 2023 में, क्रिकेट को T20 फॉर्मेट में आयोजित किया गया और तीन संस्करणों में पुरुष और महिला दोनों इवेंट को शामिल किया गया। हांगझोऊ में इन मैचों को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिया गया।

128 साल बाद लॉस एंजिल्स 28 के ओलंपिक गेम्स में क्रिकेट की वापसी होगी।

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