वर्षों से भारतीय एथलीटों के लिए लॉन्ग जंप एक मुश्किल चुनौती रही है। अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक और एथेंस 2004 ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहकर अपनी छाप छोड़ी, लेकिन उनके बाद अन्य कोई एथलीट इस इवेंट में अपना परचम नहीं लहरा सका।
बर्मिंघम में आयोजित 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक विजेता मुरली श्रीशंकर का लक्ष्य पुरुषों की श्रेणी में अगला बड़ा नाम बनना है तो वहीं युवा शैली सिंह महिलाओं की श्रेणी में काफी प्रभावशाली रही हैं।
शैली सिंह: बिना जूतों के उड़ान भरने की चाहत
शैली सिंह का जन्म 7 जनवरी 2004 को उत्तर प्रदेश के झांसी में हुआ था और उनका पालन-पोषण उनकी मां विनीता सिंह ने किया था। वह दो लड़कियों और एक लड़के सहित कुल तीन बच्चों की सिंगल पैरेंट थीं।
शैली एक साधारण परिवार से आती हैं। परिवार चलाने के लिए उनकी मां का सिलाई का छोटा सा व्यवसाय था, जिसे सफलतापूर्वक चलाने में उन्हें कुछ शुरुआती कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
शैली ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "स्पाइक्स को भूल जाइए, हम सामान्य दौड़ने वाले जूतों की एक जोड़ी भी नहीं खरीद सकते थे।" "मैंने अपने स्कूल में लड़कों को रेस में प्रतिस्पर्धा करते देखा और सोचा कि 'अगर वे कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं?'
शैली ने आगे कहा, “मैंने नंगे पैर दौड़ना शुरू किया और अक्सर अपने पैरों पर छाले लेकर घर लौटती था। मेरी माँ यह देखकर रो पड़ती थी।”
फिर भी, उनकी माँ ने युवा शैली को खेलों में अपनी रुचि जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। दरअसल, उनकी माँ विनीता ने शैली को लखनऊ में एक चयन ट्रायल में भाग लेने के लिए कहा, जिससे उन्हें एक स्पोर्ट्स हॉस्टल में शामिल होने की अनुमति मिल गई।
साल 2017 में विजयवाड़ा के मंगलागिरी में एक जूनियर एथलेटिक्स मीट में प्रतिस्पर्धा करते समय, शैली को एक प्रसिद्ध कोच और अंजू बॉबी जॉर्ज के पति रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज ने देखा था। हालांकि, शैली प्रतियोगिता नहीं जीत पाई या उसके पास सर्वश्रेष्ठ तकनीक नहीं थी, लेकिन बॉबी और अंजू को पता था कि ये युवा खिलाड़ी कुछ ख़ास है।
अंजू ने स्पोर्टस्टार को बताया, “जब हमने शैली को देखा तो उसके पास कोई तकनीक नहीं थी। वह छोटी थी और शारीरिक रूप से प्रभावशाली नहीं थी।”
“लेकिन जब हमने उसे दौड़ते हुए देखा तो हमें पता चल गया कि वह तेज़ थी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह अपनी आखिरी छलांग के लिए भी उतनी ही तीव्रता से दौड़ी, जितनी तीव्रता से उसने अपनी पहली छलांग लगाई थी। उसमें कभी न हार मानने वाला एटीट्यूड था।''
अंजू बॉबी जॉर्ज स्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा नियुक्त, 14 वर्षीय शैली सिंह बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण परिसर में चली गईं, जहां उन्हें लॉन्ग जंप की बेहतरीन तकनीकों से परिचित कराया गया।
शैली सिंह की उपलब्धियां और रिकॉर्ड
शैली ने जल्द ही रांची में 2018 जूनियर राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान अपनी पहचान बनाई। उन्होंने 5.94 मीटर की छलांग लगाकर राष्ट्रीय अंडर-16 लॉन्ग जंप रिकॉर्ड तोड़कर स्वर्ण पदक जीता।
साल 2019 में, उन्होंने गुंटूर में जूनियर नेशनल में और भी बेहतर प्रदर्शन किया और 15 साल की उम्र में 6.15 मीटर की छलांग लगाकर नया अंडर-18 रिकॉर्ड बनाया। इससे उन्हें विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2021 के लिए क्वालीफ़ाई करने में भी मदद मिली।
शैली सिंह ने जून 2021 में 17 साल की उम्र में सीनियर राष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू किया और 6.48 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता।
उन्होंने जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपनी छाप छोड़ी। अगस्त में नैरोबी में विश्व एथलेटिक्स अंडर-20 चैंपियनशिप 2021 में शैली सिंह ने फ़ाइनल में 6.59 मीटर की विंड-असिस्टेड जंप (2.2 मीटर/सेकेंड) के साथ रजत पदक जीता। वह स्वीडन की माजा अस्काग से बहुत कम अंतर से हार गईं, जिन्होंने 6.60 मीटर की छलांग लगाकर शीर्ष स्थान हासिल किया।
दो महीने बाद, उन्होंने बेंगलुरु में नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2022 में 6.41 मीटर की छलांग के साथ स्वर्ण पदक जीता।
अप्रैल में अपने अगले सीनियर प्रतियोगिता में, शैली सिंह ने बेंगलुरु में इंडियन ग्रां प्री 2023 में स्वर्ण पदक जीतने के लिए 6.76 मीटर की व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाई। यह प्रयास एथेंस 2004 ओलंपिक में अंजू बॉबी जॉर्ज द्वारा निर्धारित 6.83 मीटर के महिलाओं की राष्ट्रीय लॉन्ग जंप रिकॉर्ड से केवल सात सेंटीमीटर कम था।
आपको बता दें, उनकी यह जंप एशियाई खेल 2023 के लिए क्वालीफ़ाइंग मानक पर भी खरी उतरी।
बाद में जुलाई में, शैली सिंह ने बैंकॉक में आयोजित एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीत कर अपने पहले सीनियर अंतरराष्ट्रीय पदक पर कब्ज़ा किया। भारतीय एथलीट का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 6.54 मीटर था, जो जापानी विजेता सुमिर हाटा की 6.97 मीटर की छलांग से कम था।
शैली सिंह को अभी भी काफी मेहनत करनी है। उनकी सर्वश्रेष्ठ जंप, राष्ट्रीय रिकॉर्ड से केवल 7 सेमी कम होने के बावजूद, वह टोक्यो 2020 ओलंपिक और विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2022 में नौवें स्थान पर रहीं। लेकिन उनकी शीर्ष पर पहुंचने की लालसा काफी अधिक है।
शैली ने स्पोर्टस्टार से कहा, "मैं ओलंपिक में (एथलेटिक्स में) पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनना चाहती हूं।" “जब अंजू मैडम ने ओलंपिक में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा, तो वह बहुत प्रसिद्ध हो गईं।
“मैं भी यही चाहती हूं। हर कोई जानता है कि अंजू मैम और नीरज चोपड़ा कौन हैं। मैं चाहती हूं कि लोग यह भी जानें कि शैली सिंह कौन हैं।”