प्रिया मोहन- एक होनहार एथलीट, जिसने अपनी गति से कई सितारों को छोड़ा पीछे
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 में प्रिया मोहन ने 200 मीटर स्पर्धा में दुती चंद को हराया था।
भारत की प्रिया मोहन ट्रैक एंड फील्ड में अपने कारनामे से दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रही हैं।
19 साल की इस धाविका ने पिछले चार वर्षों में तेजी से अपने करियर को आगे बढ़ाया है, भारत के कुछ सबसे बेहतरीन एथलीटों को पछाड़ा है और जूनियर विश्व चैंपियनशिप में पदक जीता है।
तीन साल पहले इस युवा भारतीय धाविका ने स्कूल की स्पर्धा में भी अपने जबरदस्त प्रदर्शन से धमाल मचाया हुआ था।
प्रिया मोहन कौन हैं?
15 मार्च, 2003 को बेंगलुरु के तुमकुरु जिले के हब्बाथनहल्ली गांव में जन्मी प्रिया मोहन देश की सबसे तेज 400 मीटर रेस की धाविकाओं में से एक हैं।
प्रिया के पिता एचए मोहन बेलगावी में डिस्ट्रिक्ट जज हैं, जबकि उनकी मां चंद्रकला गृहिणी हैं।
युवा भारतीय एथलीट अक्टूबर 2018 में ICSE स्कूल नेशनल में प्रतिस्पर्धा कर रही थीं, तभी उनके वर्तमान कोच अर्जुन अजय की उन पर नज़र पड़ी।
अर्जुन के मार्गदर्शन में प्रिया मोहन ने बड़े पैमाने पर अपनी प्रतिभा में सुधार किया। उन्होंने 400 मीटर के रेस में तीन महीने के भीतर अपने समय को 1:05.50 से 57.81 तक पहुंचा कर छह सेकेंड का सुधार किया।
अर्जुन अजय ने स्पोर्टस्टार को बताया, "उनकी पीठ हार्ड थी। वो बहुत झुकती थीं। हमने उनके ऊपरी शरीर की ताक़त और लचीलेपन पर काम किया।"
एक साल में प्रिया मोहन ने अंडर- 20 नेशनल चैंपियनशिप 2019 में 53.62 सेकेंड का समय निकालकर अपनी टाइमिंग को और भी बेहतर किया और यहां तक कि उसी साल एशियाई युवा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेडले रिले भी जीता।
उन्होंने दक्षिण एशियाई खेलों में 400 मीटर स्पर्धा में रजत पदक के साथ शानदार साल का समापन किया।
हालांकि, उनकी गति पर ब्रेक तब लगी, जब महामारी की वजह से दुनिया भर में सभी खेल गतिविधियों को रोक दिया गया। प्रिया ने 2020 में किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया।
लेकिन इसने प्रिया मोहन को कड़ी मेहनत करने से नहीं रोका।
अर्जुन अजय ने बताया, "वो मेरे लिए सबसे जुझारू छात्रों में से एक हैं। अगर वो किसी कारण से ट्रेनिंग नहीं कर पाती हैं, तो वो रोने लगती हैं।"
विजयनगर की रहने वाली प्रिया ने लॉकडाउन के दौरान रोजाना विद्यानगर स्टेडियम तक 100 किमी से अधिक की यात्रा करने के लिए बेंगलुरु पुलिस से विशेष अनुमति ली।
नैरोबी में जूनियर विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की तैयारी के लिए इस धाविका ने ऊटी में ऊंचाई पर ट्रेनिंग की, जो समुद्र तल से 2,240 मीटर ऊपर है, जबकि नैरोबी का आयोजन स्थल समुद्र तल से लगभग 1,800 मीटर ऊपर था।
उस ट्रेनिंग का फ़ायदा तब हुआ, जब वो 2021 में ट्रैक पर लौटीं और भारत में सभी 400 मीटर स्पर्धाओं में जीत हासिल की।
इस शानदार सफ़र में उन्होंने पटियाला में आयोजित नेशनल इंटर-स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर का स्वर्ण पदक जीता, जहां उन्होंने रियो 2016 ओलंपियन एमआर पूवम्मा और जिस्ना मैथ्यू को हराया।
साल 2021 में 400 मीटर की रेस में सबसे तेज होने के बावजूद, प्रिया मोहन टोक्यो 2020 मिश्रित रिले टीम का हिस्सा नहीं थीं क्योंकि वो नेशनल कैंप में शामिल नहीं हुई थीं। दरअसल, एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया सिर्फ नेशनल कैंप में शामिल एथलीटों में से ही रिले टीम का चयन करती है।
प्रिया ने इस बाबत अपनी बात रखते हुए कहा, "मैं पटियाला में कैंप शामिल नहीं हो सकी, क्योंकि मेरी परीक्षा थी।"
हालांकि, इसने उनके बढ़ते करियर को प्रभावित नहीं किया। प्रिया मोहन ने विश्व एथलेटिक्स अंडर-20 चैंपियनशिप 2021 में 400 मीटर में 52.77 का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जहां वह सिर्फ कुछ समय के अंतराल से कांस्य पदक जीतने में असफल रहीं।
प्रिया ने जूनियर वर्ल्ड मीट से पदक के साथ वापसी की, जहां वह 4×400 मीटर मिश्रित रिले में भारत की कांस्य विजेता टीम का हिस्सा थीं।
ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी वूमेंस एथलेटिक्स चैंपियनशिप और इंडियन ग्रां प्री में स्वर्ण पदक जीतकर, इस धाविका ने साल 2022 में भी अपना शानदार सफ़र जारी रखा है।
प्रिया मोहन ने इंडियन ग्रां प्री 1 में 52.91 सेकेंड के समय के साथ 400 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड भी तोड़ा और एक महीने बाद नेशनल फेडरेशन कप में 23.85 सेकेंड के साथ अपने 200 मीटर के रिकॉर्ड को भी बेहतर किया।
इस दौरान प्रिया मोहन एथलेटिक्स और पढ़ाई को लेकर तालमेल बिठाने में लगी थीं। आपको बता दें कि प्रिया माउंट कार्मेल कॉलेज की छात्रा हैं।
मई 2022 में प्रिया ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 में अपने 200 मीटर व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ के करीब पहुंचकर, 23.90 के समय के साथ मौजूदा चैंपियन दुती चंद को हराया। यही नहीं युवा खिलाड़ी ने 400 मीटर का स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया।
लेकिन प्रिया मोहन का मुख्य उद्देश्य 50 सेकेंड के उस तिलिस्म को तोड़ना है, जो किसी अन्य भारतीय महिला ने पहले कभी नहीं किया है।
प्रिया मोहन ने डेक्कन हेराल्ड को बताया, "हम हर दिन सुधार करने में लगे हैं और इसके अवाला कुछ नहीं।"
वर्तमान में महिलाओं की 400 मीटर का नेशनल रिकॉर्ड हिमा दास के पास है, जिन्होंने इंडोनेशिया के जकार्ता में 2018 एशियाई खेल में 50.79 का समय निकाला था।