एथलेटिक्स हर ओलंपिक खेल में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला और पसंदीदा खेल स्पर्धाओं में से एक है।
आठ बार के स्वर्ण पदक विजेता उसैन बोल्ट ने हमेशा ही अपनी तेज गति से ट्रैक इवेंट को रौशन किया है, जबकि 5000 मीटर और 10000 मीटर में चार बार के ओलंपिक चैंपियन मो. फराह ने एक एथलीट के तौर पर धैर्य और क्षमता का प्रदर्शन किया है।
ब्लैंका व्लासिक ने ऊंची कूद में बहुत लचीलापन दिखाया, जबकि ट्रैक एंड फील्ड में अगले बड़े स्टार के रूप में देखे जाने वाले नीरज चोपड़ा टोक्यो 2020 में भाला फेंकते समय अपनी शारीरिक शक्ति दिखाने के लिए उत्सुक दिखाई देते हैं।
एथलेटिक्स विभिन्न प्रकार के खेलों को कवर करने वाले ट्रैक और फील्ड इवेंट्स का एक समूह है, जिसमें अलग-अलग तरह के डिसिप्लीन शामिल होते हैं। इसमें दौड़ने, चलने, कूदने और फेंकने जैसे खेल शामिल हैं।
आइए एक नज़र डालें कि ओलंपिक खेल की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में कौन-कौन सी स्पर्धा होती है।
स्प्रिंट (100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर)
ओलंपिक खेल में सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करने वाली स्पर्धा की बात करें तो, इसमें स्प्रिंट में 100 मीटर, 200 मीटर और 400 मीटर की दूरी होती है और सभी की निगाहें फिनिश लाइन पर टिकी होती हैं।
इसमें अलग-अलग लेन में आठ धावक स्टार्टिंग गन की आवाज़ सुनाई देने के बाद फिनिश लाइन तक दौड़ते हैं।
बाधा दौड़ (हर्डल रेस) (110 मीटर, 400 मीटर)
यह ठीक स्प्रिंट के जैसे ही समान दूरी का एक प्रारूप है, इसमें अंतर सिर्फ इतना है कि इसके धावकों को फिनिश लाइन तक पहुंचने से पहले बाधाओं (हर्डल्स) को कूद कर पार करना होता है।
110 मीटर हर्डल रेस में, बाधा (हर्डल) की ऊंचाई 107 सेमी होती है और इसे आप हल्का सा छू भी लें तो यह नीचे गिर सकता है।
पहले हर्डल को शुरुआती लाइन से 13.72 मीटर रखा जाता है, जबकि 9 अन्य हर्डल को 9.14 मीटर की दूरी पर रखा जाता है, जिसमें प्रतिभागियों को अंतिम बाधा से अंत तक 14.02 मीटर की दूरी को तय करना होता है।
400 मीटर बाधा दौड़ में, हर्डल की ऊंचाई 91.4 सेमी (पुरुष) और 76.2 सेमी (महिला) होती है, जबकि धावकों को फिनिश लाइन से पहले 10 समान दूरी वाली बाधाओं को पार करना होता है।
रिले (4x100 मीटर, 4x400 मीटर)
इस इवेंट में सबसे लोकप्रिय खेल की सूची में एक अन्य कैटेगरी रिले रेस की होती है - जिसमें प्रत्येक देश के चार धावक शामिल होते हैं, जो हाथ में एक बैटन के साथ समान दूरी की दौड़ लगाते हैं।
इसमें आमतौर पर प्रत्येक देश अपने धावकों को खुद ही चुनते है। उनका चयन स्प्रिंट रेस में हिस्सा लेने वाले एथलीटों और रिले एक्सपर्ट्स में से किया जा सकता है।
मध्य दूरी और लंबी दूरी स्टीपलचेज (800 मी, 1500 मी, 5000 मी, 10000 मी, 3000 मी)
मध्यम और लंबी दूरी के धावक ऐसे एथलीट होते हैं जो धावक के समान ही तैयार किए जाते हैं, लेकिन उनके पास फिनिश लाइन पार करने के दौरान जरूरी ऊर्जा का भंडार होता है।
800 मीटर में, धावक 400 मीटर ट्रैक के दो लैप (दो चक्कर) पूरे करते हैं। उन्हें पहले मोड़ तक अपनी-अपनी लेन को फॉलो करना होता है, जिसके बाद वह इनसाइड लाइन (ट्रैक की पहली लाइन) के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, जो कि फिनिश लाइन के लिए सबसे छोटी दूरी होती है।
धावक 1500 मीटर में एक साथ खड़े होकर शुरुआत करते हैं, और 400 मीटर ट्रैक के तीन-चौथाई हिस्से को पूरा करते ही तुरंत अंदर की लाइन के लिए जा सकते हैं।
5000 मीटर के प्रतिभागी भी एक साथ दौड़ को शुरू करते हैं, और 400 मीटर ट्रैक के साढ़े 12 लैप पूरा करने के तुरंत बाद इनसाइड लाइन के लिए जा सकते हैं।
10000 मीटर में धावक एक समूह में शुरुआत करके इनसाइड लाइन के लिए जा सकते हैं और उन्हें 400 मीटर ट्रैक के 25 लैप पूरे करने होते हैं।
इस कैटेगरी में 3000 मीटर स्टीपलचेज़ भी एक स्टैंडआउट इवेंट है, इसमें प्रतिभागी एक साथ दौड़ना शुरू करते हैं और जैसे ही स्टार्टिंग गन की आवाज आती है, एथलीट अंदर की लाइन के लिए जा सकते हैं और 400 मीटर ट्रैक के आसपास लैप को पूरा करते हुए 28 सामान्य हर्डल और सात पानी के हर्डल को पार करते है।
रेस वॉक (20 किमी, 50 किमी)
हालांकि यह सुनने और पढ़ने में काफ़ी आसान स्पर्धा लगती है, लेकिन एथलेटिक रेस वॉकिंग वास्तव में एक बहुत ही खास इवेंट है। इसमें वॉकर को सख़्त नियमों और तकनीकों का पालन करना होता है।
20 किमी की रेस वॉक में वॉकर एक रोड कोर्स में हिस्सा लेते हैं। उन्हें चलने के दौरान हर समय अपना एक पैर जमीन के संपर्क में रखना होता है। इसके अलावा उनका आगे बढ़ने वाला पैर भी जमीन के संपर्क के बिंदु से बिल्कुल सीधा होना चाहिए, और तब तक सीधा रहना चाहिए जब तक कि पूरा शरीर उसके ऊपर से ना गुजर जाए।
रेस वॉक के दौरान दिए गए नियमों के अनुसार तीन गलतियां हो जाने पर एथलीट को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
50 किमी रेस वॉक में समान नियमों के साथ, टोक्यो 2020 के बाद से ओलंपिक में पुरुषों का एकमात्र आयोजन था। हालांकि, पेरिस 2024 में इसे मैराथन रेस वॉक मिश्रित रिले से बदल दिया गया, जिसमें एक पुरुष और एक महिला वाली टीमें हिस्सा लेती हैं। 42.195 किमी के कोर्स में प्रत्येक एथलीट को निम्नलिखित क्रम में दो-दो लेग पूरे करने होते हैं - पहले लेग में पुरुष को 11.45 किमी, महिला को 10 किमी और दूसरे लेग में पुरुष को 10 किमी और महिला को 10.745 किमी।
35 किमी रेस वॉकिंग इवेंट विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप का हिस्सा है।
मैराथन
मैराथन ओलंपिक खेल में सबसे लंबी दूरी वाली दौड़ है, जिसमें दौड़ने वाले एथलीट एक सड़क मार्ग पर 26 मील और 385 गज की दूरी तय करते हैं।
जंप (हाई जंप, लॉन्ग जंप, ट्रिपल जंप, पोल वॉल्ट)
ट्रैक और रोड रेस के बाद अब हम आपको फील्ड इवेंट पर ले चलते हैं; यहां हम चार जंप इवेंट से शुरूआत कर रहे हैं।
ऊंची कूद (हाई जंप) में एथलीट एक रन-अप लेकर चार मीटर की ऊंचाई पर लगे बार के ऊपर से अधिक से अधिक ऊंचाई कूद सकते हैं। प्रत्येक प्रतियोगी के पास एक तय ऊंचाई को सही से कूदने के लिए तीन मौक़े होते हैं, जिसे वह ख़ुद तय कर सकते हैं और वर्तमान ऊंचाई को पार न कर पाने के बावजूद अधिक ऊंचाई पर बार को सेट करने का विकल्प भी चुन सकते हैं। बार को तीन प्रयास में पार ना कर पाने वाला एथलीट प्रतियोगिता से बाहर हो जाएगा।
पोल वॉल्ट में प्रतियोगी हाथ में एक पोल के साथ एक रनवे के पर दौड़ते हैं और ख़ुद को ऊपर ले जाने के लिए इसे नीचे फंसा देते हैं, जिसके बाद उन्हें 4.5 मीटर लंबी पट्टी को एक तय ऊंचाई पर से सफाई से कूदना होता है। इस बार को वह खुद ही अपने मुताबिक किसी भी ऊंचाई पर सेट कर सकते हैं।
प्रत्येक प्रतिभागी के पास तय की गई ऊंचाई को पार करने के तीन मौक़े होते हैं, और इसके साथ ही वर्तमान ऊंचाई को पार ना कर पाने के बावजूद वह उसे और अधिक ऊंचाई तक ले जा सकते हैं। हालांकि, लगातार तीन बार विफल होने पर उन्हें मुक़ाबले से बाहर कर दिया जाता है।
लंबी कूद (लॉन्ग जम्प) में, प्रतिभागी एक रनवे पर दौड़ते हैं और फिर लकड़ी के बोर्ड से सैंडपिट पर छलांग लगाते हैं। बोर्ड के किनारे से एथलीट की लगाई गई छलांग से बने शुरुआती निशान तक की दूरी को उसकी छलांग की माप करार दे दिया जाता है। यदि कोई एथलीट बोर्ड के बाहर से छलांग लगाता है तो इसे फाउल कहा जाता है और इस लॉन्ग जम्प को अमान्य करार दे दिया जाता है।
क्वालीफाइंग राउंड और फाइनल में प्रत्येक जंपर के पास सर्वश्रेष्ठ प्रयास के लिए तीन मौक़े होते हैं। फाइनल में शीर्ष आठ कूदने वालों को अपने प्रयासों को और बेहतर करने के लिए तीन और मौक़े दिए जाते हैं।
ट्रिपल जंप में तीन चरण शामिल हैं - हॉप, स्टेप और जंप। इसमें प्रतिभागी एक रनवे पर दौड़ते हैं और लकड़ी के बोर्ड के किनारे से छलांग लगाते हैं। इसमें वह पहले अपने टेक-ऑफ फुट (हॉप) पर उतरते हैं, फिर अपने विपरीत पैर (स्टेप) पर उतरते हैं और अंत में एक सैंडपिट पर कूदते हैं। यहां पर भी बोर्ड के किनारे से एथलीट के जरिए लगाई गई पूरी छलांग के पहले निशान तक की दूरी को ट्रिपल जम्प की दूरी करार दिया जाता है।
इसके बाकी सभी नियम लंबी कूद के ही समान हैं।
थ्रो (भाला, डिस्कस, हैमर, शॉट पुट)
जहां छलांग किसी एथलीट के शरीर के लचीलेपन का परीक्षण लेती है, तो वहीं थ्रो उनके शरीर की ताकत का आंकलन करती है। यही वजह है कि अधिकांश थ्रोअर काफी ताक़तवर होते हैं। सभी फेंकने (थ्रो) वाले इवेंट बहुत आसान हैं। इसमें प्रतियोगियों का लक्ष्य अपने संबंधित उपकरणों को एक सीमा के भीतर ज्यादा से ज्यादा दूरी पर फेंकना होता है।
भाला फेंक प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे प्रतिभागियों को कॉर्डेड ग्रिप द्वारा धातु की नोक वाला भाला पकड़ना होता है, और इसे फाउल लाइन (या स्क्रैच लाइन) के पीछे से फेंकने से पहले एक रन-अप लेना होता है और ऐसा करते हुए उन्हें अपने भाला फेंकने वाले हाथ को ऊपर रखना होता है। इसके साथ ही उन्हें अंडरहैंड थ्रो से बचना भी होता है।
भाला को पहले 29 डिग्री वाले क्षेत्र में उसकी नोंक पर ही गिरना चाहिए। पुरुषों को वह भाला चुनना चाहिए जिसका वजन 800 ग्राम से कम न हो और जिसकी लंबाई 2.6-2.7 मीटर हो, जबकि महिलाओं के लिए इसमें क्रमशः 600 ग्राम और 2.2-2.3 मीटर है। प्रतियोगियों के पास भाला फेंकने के छह मौक़े होते हैं, और सबसे दूर फेंके जाने वाले भाले की दूरी को गिना जाता है।
डिस्कस थ्रो एक ऐसा इवेंट है जहां प्रतिभागी धातु के डिस्कस को फेंकने से पहले डेढ़ बार घूमते हैं। पुरुषों के लिए इस डिस्कस का वजन 2 किलो होता है और इसका व्यास 22 सेमी होता है, जबकि महिलाओं के लिए वजह 1 किलो और व्यास 18 सेमी होता है।
प्रतियोगियों को डिस्कस 2.5 मीटर व्यास के घेरे के भीतर से फेंकना होता है और डिस्कस को एक चिह्नित किए गए क्षेत्र के अंदर ही फेंकना होता है। उन्हें इसे छह बार फेंकने का मौका मिलता है और सबसे अधिक दूर गिरने वाले थ्रो को गिना जाता है।
हैमर थ्रो में प्रतिभागियों को एक धातु की गेंद फेंकना होता है, जो स्टील के तार के जरिए हाथ में पकड़ने वाले हैंडल से जुड़ी होती है। एथलीट को इस गेंद को 35-डिग्री चिह्नित क्षेत्र के अंदर फेंकने से पहले 2.135 मीटर व्यास सर्कल के अंदर तीन या चार बार घूमना होता है।
इसमें हिस्सा लेने वाले एथलीटों को छह मौके मिलते हैं और उनके सर्वश्रेष्ठ थ्रो को ही गिना जाता है। परुषों के लिए गेंद का वजन 7.26 किलोग्राम और महिलाओं के लिए 4 किलोग्राम होता है।
शॉट पुट में प्रतिभागियों को जहां तक संभव हो, एक धातु की गेंद (हैमर थ्रो के समान ही नियम, जिसमें प्रतिभागी का चक्कर लगाने वाला गोला भी शामिल है) को फेंकना नहीं, 'पुट' करना होता है।
शॉट किसी भी तरह छह मौकों के दौरान एथलीट के कंधों की रेखा से नीचे नहीं गिरना चाहिए और एक चिह्नित 35-डिग्री क्षेत्र के अंदर ही लैंड होना चाहिए।
कम्बाइंड इवेंट्स (हेप्टाथलॉन, डेकाथलॉन)
अंत में दो कम्बाइंड इवेंट भी शामिल हैं - जिसमें ट्रैक और फील्ड दोनों इवेंट शामिल होते हैं - हेप्टाथलॉन और डेकाथलॉन। हेप्टाथलॉन में केवल महिलाएं हिस्सा लेती हैं, जबकि डेकाथलॉन में केवल पुरुष हिस्सा लेते हैं।
हेप्टाथलॉन एक सात-इवेंट की प्रतियोगिता है, जो प्रतिभागियों को प्रत्येक इवेंट के लिए अंक प्रदान करती है और सबसे अधिक अंक हासिल करने वाले को ही विजेता घोषित किया जाता है।
प्रतियोगी पहले दिन 100 मीटर बाधा दौड़, ऊंची कूद, शॉटपुट और 200 मीटर में प्रतिस्पर्धा करते हैं और दूसरे दिन लंबी कूद, भाला फेंक और 800 मीटर में प्रतिस्पर्धा करते हैं।
इसके विपरीत डेकाथलॉन एक 10-इवेंट की प्रतियोगिता है।
इसमें पहले दिन पुरुष 100 मीटर, लंबी कूद, शॉटपुट, ऊंची कूद और 400 मीटर में प्रतिस्पर्धा करते हैं, जबकि दूसरे दिन 110 मीटर बाधा दौड़, डिस्कस थ्रो, पोल वॉल्ट, भाला फेंक और 1500 मीटर स्पर्धा करते हैं।