आकाशदीप सिंह: भारतीय हॉकी टीम के सुपर स्ट्राइकर

आकाशदीप सिंह ने 200 से अधिक हॉकी मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और अपने देश के लिए 80 से अधिक गोल किए हैं। वह एशियन गेम्स के चैंपियन और कॉमनवेल्थ गेम्स के पदक विजेता भी हैं।

5 मिनटद्वारा सतीश त्रिपाठी
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(2018 Getty Images)

आकाशदीप सिंह ने साल 2012 में भारतीय हॉकी टीम में अपना डेब्यू किया और उन्हें गोल मशीन के रूप में जाना जाता है।

फॉर्म खराब होने के कारण उन्हें भारत की टोक्यो 2020 ओलंपिक टीम से बाहर कर दिया गया, लेकिन आकाशदीप सिंह ने लगातार मेहनत करते हुए वापसी की।

टोक्यो से चूक जाने के बाद, भारतीय हॉकी खिलाड़ी ने टीम में वापसी की और तब से उन्होंने काफी प्रभावशाली प्रदर्शन किया है।

अन्य सीज़न के विपरीत आकाशदीप सिंह अब मिडफ़ील्डर के रूप में मैदान पर दिखाई दे सकते हैं। ये वह पोज़िशन है जिसने आकाशदीप सिंह को एक बार फिर से भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करने में मदद की है।

आकाशदीप सिंह FIH हॉकी विश्व कप 2023 के लिए भारत की 18 सदस्यीय टीम का हिस्सा हैं और 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैचों में शिरकत करने वाले भारतीय टीम के पीआर श्रीजेश और मनप्रीत सिंह के अलावा एकमात्र खिलाड़ी हैं। आकाशदीप ने अब तक भारत के लिए 80 से ज़्यादा गोल किए हैं।

आकाशदीप सिंह का जन्म कहां हुआ था?

आकाशदीप सिंह का जन्म 2 दिसंबर, 1994 को पंजाब के तरनतारन जिले के वेरोवाल गांव में हुआ था। उनके पिता सुरिंदर पाल सिंह पंजाब पुलिस में एक इंस्पेक्टर के रूप में कार्यरत थे, जबकि उनके छोटे भाई प्रभदीप सिंह भी एक हॉकी खिलाड़ी हैं और वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं।

आकाशदीप सिंह शुरुआत में गुरु अंगद देव स्पोर्ट्स क्लब के लिए भी खेलते थे। जहां उनके खेलने की बेहतरीन स्किल को देखते हुए आकाशदीप के माता-पिता ने उन्हें 12 साल की उम्र में लुधियाना में स्थित पीएयू हॉकी अकादमी में दाख़िला करा दिया।

इसके बाद आकाशदीप जालंधर के सुरजीत हॉकी अकादमी चले गए और वहां वो 4 साल तक रहे। इस दौरान उन्होंने खेल की हर बारिकियों को बख़ूबी से समझा और घरेलू व राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी प्रतिभा दिखाई।

साल 2011 में आकाशदीप सिंह को भारतीय जूनियर हॉकी टीम का कप्तान बनाया गया। जहां उन्होंने 2011 में मलेशिया में आयोजित जूनियर एशिया कप में भारत को कांस्य पदक दिलाया।

आकाशदीप सिंह ने एक साल बाद 2012 में चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के लिए सीनियर टीम में डेब्यू किया। जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की।

आकाशदीप सिंह के मेडल और उपलब्धियां

आकाशदीप सिंह ने अपने शानदार खेल की बदौलत भारतीय हॉकी में अपनी एक ख़ास पहचान बनाई। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू करने के बाद सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। साल 2014 में दक्षिण कोरिया के इंचियोन में आयोजित एशियाई खेलों में उन्होंने भारत को स्वर्ण पदक जीतने में मदद की।

भारतीय खिलाड़ी ने सेमीफ़ाइनल में दक्षिण कोरिया और फ़ाइनल मुक़ाबले में अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को पेनल्टी में 4-2 से करारी शिकस्त दी।

इसके बाद उन्होंने एक और उपलब्धि अपने नाम की, जब राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने अपना एकमात्र गोल न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ किया। इस गोल की अहमियत इसलिए भी ख़ास थी क्योंकि ये गोल तब आया जब स्कोर 2-2 की बराबरी पर था। इसके बाद भारत ने साल के दूसरे फ़ाइनल मैच में अपनी जगह बनाई, लेकिन फ़ाइनल मुक़ाबले में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों हारकर रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।

आकाशदीप सिंह साल 2014 में FIH हॉकी विश्व कप में पांच गोल के साथ भारत के शीर्ष गोल स्कोरर भी थे। हॉकी इंडिया ने आकाशदीप सिंह को 2014 में फ़ॉरवर्ड ऑफ़ द ईयर के लिए धनराज पिल्ले अवार्ड से सम्मानित किया था।

रियो 2016 ओलंपिक में भारतीय अटैक का नेतृत्व किया

आकाशदीप सिंह ने रियो 2016 ओलंपिक में भारत के अटैक का नेतृत्व किया। उन्होंने ग्रुप स्टेज में कनाडा के ख़िलाफ़ एक महत्वपूर्ण गोल किया और भारत को क्वार्टर-फ़ाइनल में अंतिम रजत पदक विजेता बेल्ज़ियम के साथ सामना करना पड़ा। हालांकि, भारत को बेल्ज़ियम से 3-1 से हार झेलनी पड़ी।

इसके बाद आकाशदीप अन्य किसी टूर्नामेंट में ज़्यादा ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पाए। वहीं दो साल बाद गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में आकाशदीप सिंह एक भी गोल करने में नाकाम रहे और अंत में भारत चौथे स्थान पर रहा।

इस होनहार भारतीय खिलाड़ी ने उस वर्ष जकार्ता में आयोजित एशियाई खेल 2018 में 13 गोल दागे और टूर्नामेंट के संयुक्त दूसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी रहे। सेमीफ़ाइनल शूटआउट में मलेशिया से हारने के बाद और कांस्य पदक के प्ले-ऑफ़ में पाकिस्तान को 2-1 से हराकर भारत को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

वहीं, आकाशदीप सिंह को 2018 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफ़ी में मिडफ़ील्ड में उनके शानदार प्रदर्शन के कारण उन्हें प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट घोषित किया गया।

अपनी ख़राब फ़ॉर्म के कारण आकाशदीप को टोक्यो 2020 की टीम में जगह नहीं मिली। लेकिन अब वो एक बार फिर से मैदान पर अपना जलवा बिखेरने के लिए तैयार हैं।

वर्ष 2020 में, उन्हें अर्जुन पुरस्कार (खिलाड़ियों के लिए भारत का दूसरा सबसे बड़ा अवार्ड) से सम्मानित किया गया।

आकाशदीप सिंह ने बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल 2022 में अपनी टीम के लिए तीन गोल किए। इस प्रतियोगिता में बाद में फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारने के बाद भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

साल 2022 के अंत में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ में गोल की हैट्रिक लगाई और तीसरे मैच में 59वें मिनट में उन्होंने गोल कर भारत की हार के सिलसिले को समाप्त किया।

आकाशदीप सिंह उस भारतीय टीम का भी हिस्सा थे जिसने चेन्नई में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2023 में स्वर्ण पदक जीता था।

आकाशदीप सिंह की उपलब्धियां

  • जूनियर एशिया कप 2011 - कांस्य पदक
  • राष्ट्रमंडल खेल 2014 - रजत पदक
  • राष्ट्रमंडल खेल 2022 - रजत पदक
  • एशियाई खेल 2014 - स्वर्ण पदक
  • एशियाई खेल 2018 - कांस्य पदक
  • 2014 में फ़ॉरवर्ड ऑफ़ द ईयर के लिए धनराज पिल्ले पुरस्कार
  • रियो 2016 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया
  • आकाशदीप को 2020 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया
  • एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2023 - स्वर्ण पदक
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