भारतीय मुक्केबाज शिव थापा ने 2021 एशियाई चैंपियनशिप (Asian Championships) के सेमीफाइनल में पहुंचकर पदक हासिल किया। शिव थापा ने दुबई में चल रहे इस इवेंट में अपना शानदार प्रदर्शन दिखाया। इसके साथ ही उन्होंने महाद्वीपीय टूर्नामेंट के रिकॉर्ड बुक में अपनी एक विशेष जगह हासिल कर ली है।
आपको बता दें कि पदक चाहे कांस्य हो, रजत हो या फिर स्वर्ण, इस 27 वर्षीय भारतीय ने अपने हुनर के दम पर महाद्वीपीय स्पर्धा में लगातार पांच पदक जीतकर इतिहास रच दिया है, और वह ऐसा करने वाले पहले मुक्केबाज बन गए हैं। जहां उन्होंने 2013 में एक स्वर्ण, 2015 में एक कांस्य, 2017 में एक रजत और 2019 में एक और कांस्य पदक अपने नाम किया था।
शिव थापा ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला खिलाड़ी बनूंगा। यह आपके लिए एक बेहतरीन रिकॉर्ड है" आपको बता दें कि शिव थापा सेमीफाइनल में 64 किग्रा वर्ग में शुक्रवार को ताजिकिस्तान के बखोदुर उस्मोनोव (Bakhodur Usmonov) से सामना करेंगे।
जब शिव थापा (Shiva Thapa) से उनके पसंदीदा पदक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रत्येक पदक का अपना महत्व है। लेकिन परिस्थितियों के कारण अभी हाल ही में जो पदक हासिल हुआ है, वो मेरे दिल के बहुत करीब है।
शिव थापा ने आगे कहा, “वर्तमान में COVID-19 महामारी का दौर है, फिलहाल दुनिया जिस स्थिति में है। इस तरह प्रतियोगिता में हिस्सा लेना और पदक हासिल करना अपने आप में बड़ी बात है। ऐसा लग रहा है कि मैंने वायरस को मात दे दी है।"
उन्होंने आगे कहा, "ये एशियाई पदक एक दावे की तरह था कि हम हार नहीं मानेंगे। इसलिए यह मेरे लिए काफी मायने रखता है।"
वहीं, वासिली लेविट - रियो 2016 में हैवीवेट रजत पदक विजेता - जो पुरुषों की मुक्केबाजी में एशियाई स्पर्धा में शिव थापा के पदकों से मेल खाते है। हालांकि, कजाकिस्तान के यह दिग्गज मुक्केबाज अपने लगातार सीजन में खिताब हासिल नहीं कर सके हैं।
वासिली लेविट (Vassiliy Levit), जो इस साल पहले से ही सेमीफाइनल में है, उन्होंने बैंकॉक में 2019 के सीजन में कांस्य जीता था, और 2009, 2015 और 2017 में स्वर्ण पदक हासिल किया था।
हालांकि शिव थापा अब एशियाई चैंपियनशिप में सबसे सफल पुरुष मुक्केबाज के रूप में हैं, फिर भी वो महिला दिग्गज एमसी मैरी कॉम (MC Mary Kom) (सात पदक) और लैशराम सरिता देवी (Laishram Sarita Devi) (आठ पदक) से पीछे हैं। सरिता देवी ने लगातार छह सीजन में पदक हासिल किए थे।
असम के मुक्केबाज ने कहा, "इन महिलाओं की उपलब्धियों के करीब कहीं भी होना मेरे लिए विनम्र की तरह है। मैं इससे सम्मानित महसूस कर रहा हूं।"
वहीं, मनीष कौशिक टोक्यो के लिए पुरुषों के 63 किग्रा वर्ग में कोटा हासिल कर चुके हैं, इसके साथ ही शिव थापा, जिन्होंने लंदन 2012 के साथ-साथ रियो 2016 में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
वास्तव में शिव थापा ने दुबई में भारतीय दल का गौरव बढ़ाया और अपने शानदार प्रदर्शन से विरोधियों को चारों खाने चित किया। वहीं, मनीष कौशिक (Manish Kaushik) कोविड-19 वायरस के प्रकोप से उबर रहे हैं।
शिव थापा ने आगे कहा। "शायद ये एक संकेत है कि मुझे चलते रहना है, कड़ी मेहनत करनी है, यही एक एथलीट को करना है। हम हार नहीं मान सकते।"
उन्होंने आगे कहा, "जाहिर है, ओलंपिक की तुलना में ये कुछ भी नहीं है, लेकिन आपको जो मौके मिलते हैं, उसमें आपको अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा, मैं ऐसा करने की कोशिश कर रहा हूं।"