ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने 31 साल की उम्र में कुश्ती से संन्यास ले लिया है। उन्होंने गुरुवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने संन्यास का ऐलान किया।
साक्षी मलिक ने आखिरी बार बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेल 2022 में हिस्सा लिया था, जहां भारतीय पहलवान ने महिलाओं के 62 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। लेकिन इसके बाद से ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में हिस्सा नहीं लिया है। साक्षी मलिक का जन्म 3 सितंबर 1992 को हरियाणा के रोहतक ज़िले में हुआ था। महज़ 17 साल की उम्र में उन्होंने 2009 एशियाई जूनियर विश्व चैंपियनशिप में 59 किग्रा फ्रीस्टाइल में रजत पदक अपने नाम किया था। इसके बाद 2010 विश्व जूनियर चैंपियनशिप में इस होनहार पहलवान ने कांस्य पदक जीता। अपने करियर के दौरान कई प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते हुए साक्षी मलिक ने खुद को भारत की सबसे सफल महिला पहलवान खिलाड़ियों में से एक साबित किया।
2013 राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में कांस्य जीतने के बाद, साक्षी मलिक ने अगले साल ग्लासगो में अपने पहले राष्ट्रमंडल खेल में हिस्सा लिया और 58 किग्रा फाइनल में रजत पदक हासिल किया। वह साल 2018 में 62 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक के साथ अपना दूसरा राष्ट्रमंडल खेल पदक जीतने में सफल रहीं और इसके चार साल बाद उसी वर्ग में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
गीता फोगट की छत्र-छाया से बाहर आते हुए साक्षी ने रियो 2016 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया और अपने ओलंपिक डेब्यू में ही कांस्य पदक जीता। यह किसी महिला पहलवान द्वारा जीता गया भारत का पहला ओलंपिक पदक था।
साक्षी मलिक ने अपने करियर के दौरान सीनियर एशियाई चैंपियनशिप में छह पदक जीते हैं जिसमें तीन रजत और तीन कांस्य पदक शामिल हैं।
साक्षी मलिक ने साथी भारतीय पहलवान सत्यव्रत कादियान से शादी की है, जो 2010 के युवा ओलंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता और 2016 के राष्ट्रमंडल चैंपियन हैं और वह रोहतक में रहते हैं।