अंतरराष्ट्रीय पदकों और प्रशंसाओं की वजह से पीटी उषा एक महान भारतीय ट्रैक एंड फ़ील्ड दिग्गज रहीं हैं।
केरल के कोझिकोड में जन्मी पूर्व स्प्रिंटर पिलावुल्लाकंडी थेक्केपरम्बिल उषा को कम उम्र से ही महान एथलेटिक्स कोच ओम नांबियार ने प्रशिक्षित किया था। पीटी उषा को भारतीय एथलेटिक्स की 'गोल्डन गर्ल' के तौर पर भी जाना जाता है।
इस महान खिलाड़ी को आमतौर पर उनके द्वारा अपने करियर में जीते गए पदकों के लिए याद किया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि पीटी उषा को उस पदक के लिए सबसे ज़्यादा याद किया जाता है जो उन्होंने जीता ही नहीं!
ये लॉस एंजिल्स 1984 ओलंपिक के बारे में है, जहां उषा ने महिलाओं की 400 मीटर हर्डल रेस में 55.42 सेकेंड के समय के साथ चौथा स्थान हासिल किया था और वह मात्र 1/100 सेकेंड के अंतर से कांस्य पदक जीतने से चूक गई थी।
भले ही वह ओलंपिक पदक हासिल करने से चूक गईं, लेकिन उन्हें अपने सुनहरे दिनों में पय्योली एक्सप्रेस के तौर पर जाना जाता था और उन्होंने एक दशक से भी अधिक समय तक एशियन ट्रैक एंड फ़ील्ड इवेंट में अपना दबदबा क़ायम रखा।
पीटी उषा ने नई दिल्ली में 1982 एशियन गेम्स के दौरान अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक जीता, जहां उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया।
तब से, पीटी उषा ने एशियाई खेलों में 11 पदक जीते हैं जिसमें चार स्वर्ण और सात रजत पदक शामिल रहे। 1986 के सियोल एशियाई खेल में उन्होंने चार स्वर्ण और एक रजत पदक जीता। कॉन्टिनेंटल मीट में पीटी उषा का यह सबसे सफल प्रदर्शन था।
एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पीटी उषा के नाम रिकॉर्ड 23 पदक दर्ज हैं, जिसमें 14 स्वर्ण, 6 रजत और 3 कांस्य पदक शामिल हैं। उन्होंने इंडोनेशिया के जकार्ता में 1985 एशियन एथलेटिक्स में अकेले ही पांच स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता था।
संन्यास लेने से पहले भारतीय स्प्रिंट दिग्गज का आख़िरी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पदक 1998 में जापान में एशियन चैंपियनशिप में आया था, जहां उन्होंने 4x100 मीटर रिले में एक स्वर्ण सहित चार पदक जीते थे।
संन्यास लेने के बाद भी, शीर्ष स्प्रिंटर बीते कुछ वर्षों में भारतीय एथलेटिक्स से जुड़ी हुई हैं। 58 वर्षीय उषा साल 2022 में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष बनीं।
**पीटी उषा के पदक: अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीते गए मेडल की सूची
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पीटी उषा ने कई पदक जीतने के अलावा कई रिकॉर्ड भी बनाए हैं।
उषा ने महिलाओं की 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर और 400 मीटर हर्डल रेस स्पर्धाओं में एशियाई और राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में अधिकांश रिकॉर्ड पहले से काफ़ी बेहतर हो गए हैं।
पीटी उषा का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 55.42 सेकेंड है, जो उन्होंने एलए 1984 ओलंपिक में बनाया था। अभी भी महिलाओं की 400 मीटर हर्डल रेस में भारत का राष्ट्रीय रिकॉर्ड उन्हीं के नाम दर्ज हैं।
पीटी उषा के करियर की अन्य उपलब्धियां
- महिलाओं की 400 मीटर हर्डल रेस (55.42 सेकेंड) में उनके नाम राष्ट्रीय रिकॉर्ड दर्ज है।
- वह ओलंपिक (मास्को 1980) में हिस्सा लेने वाली 16 साल की सबसे कम उम्र की भारतीय धावक थीं।
- उषा ओलंपिक (एलए 1984, महिलाओं की 400 मीटर हर्डल रेस) में एथलेटिक्स मीट के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला थीं।