जब 'फ़ुटबॉल किंग' पेले का जादू देखने ईडन गार्डन में जुट गया था कोलकाता 

न्यूयॉर्क कॉसमॉस की ओर से खेलते हुए, ब्राज़ील के दिग्गज ने कोलकाता के ईडन गार्डन में मोहन बागान के ख़िलाफ़ एक फ़्रेंडली मैच के दौरान फ़ुटबॉल प्रशंसकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था।

3 मिनटद्वारा जतिन ऋषि राज
Pele played for the New York Cosmos team when he was in India in 1977.
(imago images/WEREK)

एडसन अरांतेस डो नैसिमेंटो उर्फ पेले फ़ुटबॉल के मैदान पर क़दम रखने वाले महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं।

ब्राज़ील को तीन बार फ़ीफ़ा विश्व कप (1958, 1962 और 1970) दिलाने वाले पेले दुनिया भर में अपनी अलग पहचान रखते हैं और हर देश में उनके प्रशंसकों की भरमार है।

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाख ने एक बार ब्राज़ीलियाई खिलाड़ी के बारे में कहा था, "दुर्भाग्य से, आप कभी भी ओलंपिक खेलों का हिस्सा नहीं रहे, लेकिन फिर भी आप एक ओलंपिक एथलीट हैं क्योंकि आपने अपने पूरे करियर में ओलंपिक मूल्यों का पालन किया है।"

साल 1977 में उनकी पहली भारत यात्रा के दौरान ये मूल्य स्पष्ट रूप से देखे जा सकते थे। पेले ने अपने जीवन में तीन बार भारत का दौरा किया था।

न्यूयॉर्क कॉसमॉस की ओर से खेलते हुए, पेले ने 25 सितंबर को ईडन गार्डन में हुए एक फ़्रेंडली मैच में भारतीय दिग्गज मोहन बागान के ख़िलाफ़ टीम का प्रतिनिधित्व करने के लिए भारतीय शहर कोलकाता का दौरा किया था।

भारतीय दौरे के वक़्त, सेलेकाओ को तीन विश्व कप ख़िताब दिलाने वाले ब्राज़ीलियाई, एक पेशेवर फ़ुटबॉलर के रूप में अपने करियर के अंतिम वर्ष में थे। इसी वजह से कोलकाता के फ़ुटबॉल प्रेमियों ने इस मौक़े का फ़ायदा उठाया और उस शख़्स की एक झलक के लिए हर संभव प्रयास किया, जिसे उन्होंने अब तक टेलीविजन या खेल पत्रिकाओं के पन्नों पर ही देखा था।

फ़ुटबॉल इतिहासकार नोवी कपाड़िया ने अपनी किताब बेयरफुट टू बूट्स में इस घटना को याद करते हुए लिखा है, “लाखों लोग दम दम हवाई अड्डे के बाहर ब्राज़ील के दिग्गज के स्वागत के लिए पहुंचे। मध्य कोलकाता में उनके होटल के बाहर भी भीड़ जमा हो गई थी, जो उस खिलाड़ी की एक झलक के लिए बेताब थे जिसने अपनी टीम को तीन विश्व कप जीतने में मदद की थी। पेले तीन विश्व कप हासिल करने वाले दुनिया के एकमात्र फ़ुटबॉल खिलाड़ी थे।”

प्रशंसकों के उत्साह और उनके रोमांच को देखते हुए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी कि पेले और उनके न्यूयॉर्क कॉसमॉस की टीम को देखने के लिए जिसमें ब्राज़ील के विश्व कप विजेता कार्लोस अल्बर्टो और इतालवी जियोर्जियो चिनगलिया भी शामिल थे, लगभग 80,000 से अधिक दर्शक ईडन गार्डन के मैदान में जमा हो गए थे।

मैच से एक रात पहले लगातार बारिश के कारण मैदान खेलने लायक नहीं था लेकिन फ़िर भी पेले ने यह सुनिश्चित किया कि वे अपने भारतीय प्रशंसकों को कुछ यादगार लम्हें दे सकें। मोहन बागान के ख़िलाफ़ पेले ने अपने शानदार फ़ुटवर्क से सभी का दिल जीता और दर्शकों के लिए पैसा वसूल प्रदर्शन किया। ग़ौरतलब है कि उस समय मोहन बागान के कोच पीके बनर्जी हुआ करते थे।

अपनी टीम में सुभास भोमिक, श्याम थापा और सुरजीत सेनगुप्ता जैसे होनहार खिलाड़ियों के साथ मोहन बागान ने 18वें और 33वें मिनट में बढ़त हासिल की। लेकिन, मेहमान टीम ने उम्दा खेल दिखाते हुए गोल दागे और मुकाबले को 2-2 से बराबर किया।

मुक़ाबले में मोहन बागान के मोहम्मद हबीब ने शानदार प्रदर्शन दिखाया और इसके बाद पेले ने खुद उन्हें उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए बधाई दी थी।

यह पेले के करियर के अंतिम मैच से पहले का मुक़ाबला था। वह कोलकाता में केवल एक दिन रुके और एक सप्ताह बाद अपने करियर का अंतिम मैच खेला।

साल 2015 में ब्राज़ीलियाई स्टार ने एक बार फिर भारतीय सरज़मीं पर क़दम रखा। इस बार वे सुब्रतो कप के चीफ गेस्ट बनकर आए थे, जो राष्ट्रीय स्तर की इंटर स्कूल फ़ुटबॉल प्रतियोगिता है।

आख़िरी बार पेले ने भारत का दौरा साल 2018 में किया था जब उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स के लीडरशिप समिट में शिरकत किया था। इस दौरान भारत के दिग्गज फ़ुटबॉलर बाईचुंग भूटिया ने उनका इंटरव्यू भी लिया था।

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