पेरिस 2024 ओलंपिक में अब महज़ कुछ महीने ही बाक़ी हैं, ऐसे में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा नियुक्त एड-हॉक कमेटी (तदर्थ समिति) ने शनिवार को ग्रीष्मकालीन खेलों के लिए भारतीय पहलवानों के लिए चयन नीति का खुलासा कर दिया है।
इस चयन नीति के अनुसार, भारत के लिए ओलंपिक कोटा स्थान प्राप्त करने वाले पहलवान 1 जून को दूसरे पहलवानों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेंगे और उस प्रतियोगिता का विजेता पेरिस ओलंपिक में उस भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा।
पेरिस 2024 ओलंपिक में कुश्ती में 18 भार वर्गों में प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी - पुरुषों और महिलाओं की फ्रीस्टाइल में छह-छह और ग्रीको-रोमन कुश्ती में छह। आपको बता दें कि अब तक अंतिम पंघाल एकमात्र पहलवान हैं जिन्होंने महिलाओं के 53 किग्रा में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक के साथ भारत के लिए ओलंपिक कोटा हासिल किया है।
मौजूदा अंडर-20 विश्व चैंपियन पंघाल ने एशियन गेम्स में कांस्य पदक हासिल किया था। लेकिन उन्हें शुरुआत में इस प्रतियोगिता के लिए स्टैंडबाय के तौर पर रखा गया था। बाद में विनेश फोगाट ने चोट की वजह से अपना नाम वापस ले लिया था जिसके कारण पंघाल को मुख्य टीम में शामिल किया गया था। ओलंपिक में जगह बनाने के लिए 1 जून को इन दो प्रमुख भारतीय पहलवानों के बीच संभावित मुकाबला होने की उम्मीद की जा रही है।
अप्रैल में किर्गिस्तान में होने वाला एशियन ओलंपिक गेम्स क्वालीफायर और मई में तुर्की में वर्ल्ड ओलंपिक गेम्स क्वालीफायर, दो ऐसे टूर्नामेंट हैं जहां भारत ओलंपिक के लिए 17 और कोटा स्थान अर्जित कर सकता है। दो ओलंपिक क्वालीफाइंग स्पर्धाओं के लिए भारतीय टीम का चयन फरवरी में ट्रायल के ज़रिए किया जाएगा, जिसके लिए अंतिम पंघाल को छूट दी गई है।
दो ओलंपिक क्वालीफाइंग स्पर्धाओं के लिए चयन ट्रायल उन पहलवानों के लिए खुला होगा जो एशियाई खेलों की टीम का हिस्सा थे और इसके साथ ही सीनियर विश्व चैंपियनशिप, अंडर-17, अंडर-20, अंडर-23 श्रेणियों में ओपन ट्रायल के विजेता और इस साल सभी सीनियर नेशनल और नेशनल गेम्स के पदक विजेता ही इस ट्रायल हिस्सा बन सकते हैं।
भारत ने अब तक ओलंपिक में कुल सात कुश्ती पदक जीते हैं जो हॉकी के बाद दूसरा सबसे अधिक है। रवि कुमार दहिया, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक तीन सक्रिय भारतीय पहलवान हैं जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीते हैं।