एमसी मैरी कॉम (MC Mary Kom) को अब तक की सबसे महान भारतीय मुक्केबाज के रूप में पहचाना जाता है। इस महान बॉक्सर से पूरा भारत टोक्यो ओलंपिक में भी पदक की उम्मीद कर रहा है।
मणिपुर की रहने वाली इस मुक्केबाज ने विश्व चैंपियनशिप में छह स्वर्ण पदक, एशियाई चैंपियनशिप में पांच खिताब, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीते हैं।
फ्लाईवेट डिवीजन (51 किग्रा) में दुनिया की नंबर 3 बॉक्सर मैरी कॉम ने 2012 लंदन ओलंपिक से कांस्य पदक के साथ वापसी की, उस वक्त इस महिला मुक्केबाज ने क्वाड्रेनियल इवेंट में शुरुआत की थी।
रियो 2016 में हिस्सा ना लेने के बाद मैरी कॉम ने 2020 में एशिया-ओशिनिया बॉक्सिंग क्वालिफायर में कांस्य पदक अपने नाम किया और इसी के साथ उन्होंने टोक्यो का टिकट भी हासिल कर लिया। 38 साल की ये दिग्गज अब ओलंपिक में एक और पदक हासिल करने का लक्ष्य रखकर आगे बढ़ रही हैं, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह उनका आखिरी पदक भी हो सकता है।
हालांकि, कुछ मुक्केबाज हैं जो टोक्यो 2020 में मैरी कॉम को चुनौती दे सकते हैं।
बूस नाज़ चाकिरोग्लू (तुर्की)
शीर्ष उपलब्धियां: विश्व चैंपियनशिप रजत पदक विजेता (2019) और यूरोपियन चैंपियन (2019)।
क्या बनाता हैं उन्हें खास: 25 वर्षीय ब्यूज़ नाज़ काकरोग्लू (Buse Naz Cakiroglu) ने पिछले चार सालों में कई खिताब और दर्जनों मुकाबले जीतकर फ्लाईवेट डिवीजन में अपनी रैंकिंग को ऊपर पहुंचाया है।
यूरोपियन हैवीवेट ने जून 2021 में डोमिनेट करते हुए यूरोपियन क्वालीफायर जीतकर अपना पहला ओलंपिक बर्थ हासिल किया।
इसके अलावा, तुर्की की यह मुक्केबाज रियो ओलंपिक के बाद से सिर्फ पांच बार हारी हैं। उन्होंने यूरोपियन खेलों (2019), यूरोपियन चैंपियनशिप (2019) और यूरोपियन यूनियन चैंपियनशिप (2017) में स्वर्ण पदक जीते है।
मैरी कॉम के खिलाफ अपने आखिरी मुकाबले में, दुनिया की नंबर 2 इस खिलाड़ी ने रूस में 2019 विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में भारतीय बॉक्सर को हराया था।
इंग्रिट वालेंसिया (कोलंबिया)
शीर्ष उपलब्धियां: रियो 2016 ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और पैन अमेरिकी खेलों की गोल्ड मेडलिस्ट (2019)।
क्या उन्हें बनाता है खास? इंग्रिट वालेंसिया (Ingrit Valencia) दक्षिण अमेरिका की सबसे सफलतम मुक्केबाजों में से एक है। वह 51 किग्रा डिवीजन में सबसे अनुभवी मुक्केबाज है।
2010 में दक्षिण अमेरिकी खेलों में कांस्य पदक जीतने के बाद कोलंबियाई खिलाड़ी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
34 जीत और 11 हार के शानदार रिकॉर्ड के साथ, दुनिया की 8वें नंबर की इंग्रिट वालेंसिया ने सेंट्रल अमेरिकन एंड कैरेबियन गेम्स (2014 और 2018), साउथ अमेरिकन गेम्स (2018) और पैन अमेरिकन गेम्स (2019) में खिताब जीते हैं।
इंग्रिट वालेंसिया रियो में अपने पहले ओलंपिक में एक प्रभावशाली प्रदर्शन के कारण ना केवल सेमीफाइनल तक पहुंची बल्कि उन्होंने कांस्य पदक भी जीता।
हालांकि इंग्रिट वालेंसिया 2019 विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में मैरी कॉम से हार गईं, लेकिन दक्षिण अमेरिकी अभी भी टोक्यो में भारतीय मुक्केबाज के लिए खतरा बन सकती हैं।
वर्जीनिया फुच्स (यूएसए)
शीर्ष उपलब्धियां: विश्व चैंपियनशिप (2018) में कांस्य पदक विजेता और पैन अमेरिकन गेम्स (2019) में सिल्वर मेडलिस्ट।
क्या बनाता है उन्हें खास? वर्जीनिया फुच्स (Virginia Fuchs) उन कुछ मुक्केबाजों में से एक हैं जिन्होंने मैरी कॉम को दो मुकाबलों में मात दी है।
इस साल की शुरुआत में स्पेन में बॉक्सम टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में भारतीय को बाहर करने से पहले 2015 में रियो ओलंपिक टेस्ट इवेंट में इस अमेरिकी बॉक्सर ने मैरी कॉम को शिकस्त दी थी।
ह्यूस्टन के दक्षिणपूर्वी इलाके की वर्जीनिया फुच्स सबसे अनुभवी अमेरिकी महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने तीन बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती और सात मौकों पर वह फाइनल में पहुंचीं।
यह देखा जाना बाकी है कि अगर टोक्यो ओलंपिक में इन दोनों बॉक्सर की भिड़ंत होती है तो क्या मैरी कॉम तीसरी बार भाग्यशाली होंगी।