भारत की स्टार महिला बॉक्सर एमसी मैरी कॉम (Mc Mary Kom) ने काफी लंबे समय बाद रिंग में वापसी की थी। वापसी के बाद से वह अच्छी लय में दिख रही थी लेकिन ह अपनी लय को स्पेन के कैस्टेलन में चल रही
बॉक्सम टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में नहीं दोहरा पाई और उन्हें 51 किलोग्राम वर्ग में अमेरिका की वर्जीनिया फुच्स (Virginia Fuchs) से हार झेलनी पड़ी।
भारतीय बॉक्सर को 2019 की वर्ल्ड चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता वर्जीनिया फुच्स से स्प्लिट डिसीजन के तहत हार मिली। अब मैरी कॉम को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
मार्च में पिछले साल अम्मान, जॉर्डन में ओलंपिक क्वालिफायर के बाद से मैरी कॉम का यह पहला टूर्नामेंट था। छह बार की विश्व चैंपियन ने बुधवार को क्वार्टर फाइनल में इटली की जियोर्डिना सोर्रिन्हो (Giordina Sorrentiono) को हराया था।
सेमीफाइनल मुकाबले में वर्जीनिया फुच्स ने पहले ही बाउट से मैरी कॉम पर अटैक कर दबाव बनाने की कोशिश की हालांकि मैरी कॉम ने भी विरोधी को कड़ा जवाब दिया।
शानदार फुटवर्क ने मैरी कॉम को भारी प्रहार से बचने में मदद की। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी पर हमला भी बोला।
अमेरिका की इस खिलाड़ी की अटैकिंग रणनीति का फायदा उन्हें तीसरे और फाइनल राउंड में मिला और उन्होंने कई जैब्स को कनेक्ट किया। वर्जीनिया की इस रणनीति से मैरी कॉम बाउट में पिछड़ गई और अंत में यही उनकी हार का सबसे बड़ा कारण साबित हुआ।
भारतीय दल में केवल मैरी कॉम ही थी, जिन्हें हार मिली बाकी सभी बॉक्सर ने फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली।
लंकी जैस्मिन (lanky Jasmine) जिन्हें पिछले साल बॉक्सम टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में हार झेलनी पड़ी थी, इस बार उन्होंने सभी को प्रभावित किया। भारतीय खिलाड़ी ने 57 किलोग्राम वर्ग में इटली की सिराइन चाराबी (Sirine Charaabi) को स्प्लिट फैसले से हराया।
75 किग्रा में, पूजा रानी (Pooja Rani) ने सर्वसम्मत फैसले से पनामा के रियो 2016 ओलंपियन अथेय बयोन (Atheyna Bylon) पर विजय प्राप्त की और सिमरनजीत कौर ने 60 किग्रा में स्प्लिट फैसले में पुर्तो रिको की किरिया तापिया (Kiria Tapia) के खिलाफ जीत हासिल की।
विकास कृष्ण का विजय रथ
वहीं मेंस मुकाबलों की बात करें तो दो बार के ओलंपियन विकास कृष्णन (Vikas Krishan) ने 69 किग्रा में एक स्प्लिट निर्णय के माध्यम से दो बार के विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक विजेता कजाकिस्तान के अबलाखान झुसुपोव (Ablaikhan Zhussupov) को हराया से बेहतर प्राप्त किया।
विकास ने लंदन 2012 के कांस्य पदक विजेता और दो बार के ओलंपियन, विन्सेन्ज़ो मांगियाकेरे (Vincenzo Mangiacapre) को गुरुवार को क्वार्टर फाइनल में हराया था। विकास इस साल के अंत में टोक्यो में अपने तीसरे ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करेंगे।
टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके कई बॉक्सर्स ने भी फाइनल में जगह बनाई। मनीष कौशिक (Manish Kaushik) (63 किग्रा) ने फ्रांस के लाउन्स हमारौई (Lounes Hamraoui), आशीष कुमार (Ashish Kumar) (75 किग्रा) ने रोमानिया के डुमित्रु विकोल (Dumitru Vicol) को हराया और सतीश कुमार (Satish Kumar) (+91 किग्रा) ने लिथुआनिया के जोनास जेजेवियस (Jonas Jazevicius) को हराया।
लंदन 2012 ओलंपियन सुमित सांगवान (Sumit Sangwan) ने 81 किग्रा वर्ग में सर्वसम्मत निर्णय से फ्रांस के राफेल मॉनी (Raphael Monny) को हराया। वहीं 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता मोहम्मद हुसामुद्दीन (Mohammad Hussamuddin) ने पनामा के ऑरलैंडो मार्टिनेज (Orlando Martinez) को 57 किग्रा में विभाजित निर्णय से हराया।
कुल मिलाकर 10 भारतीय बॉक्सर जिनमें 6 पुरुष और 4 महिला ने टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।
भारत की तरफ से 14 बॉक्सर्स ने बॉक्सम टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। 52 किलोग्राम वर्ग में दुनिया के नंबर वन मुक्केबाज अमित पंघल (Amit Panghal) को आश्चर्यजनक तौर पर गुरुवार को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार झेलनी पड़ी थी। वहीं संजित के अलावा दो और महिला मुक्केबाजों को टूर्नामेंटे से जल्दी बाहर होना पड़ा। अब कुल 14 में से 9 मुक्केबाजों ने टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई।