ISL 2020-21 सीजन में रॉय कृष्णा ने किया पहला गोल 

रॉय कृष्णा ने ओलंपिक में फिजी के लिए पहला गोल किया था और एटीके के लिए सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ियों में से एक थे। उन्होंने ISL 2020-21 में ATKMB के लिए भी पहला गोल किया है।

5 मिनटद्वारा विवेक कुमार सिंह
Roy Krishna with his signature celebration

2020-21 इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की शुरुआत शुक्रवार को गोवा के बम्बोलिम शहर के जीएमसी स्टेडियम में धूमधाम के साथ हुई थी, जहां एक फिजीयन स्ट्राइकर ने एटीके मोहन बागा के लिए पहला गोल किया।

इस मुक़ाबले में बेहतरीन फुटबॉल की उम्मीद नहीं थी, क्योंकि ज्यादातर खिलाड़ी लगभग सात महीने तक कोई प्रतिस्पर्धी मैच खेले बगैर मैदान पर उतरे थे। जहां केरल ब्लास्टर्स शुरुआती मैच में नए नाम वाली एटीके मोहन बागान टीम की मेजबानी की।

एटीके मोहन बागान के रॉय कृष्णा की दोनों टीमों के बीच के अंतर को साफ कर दिया और मरीनर्स को आईएसएल में पहली जीत दिला दी।

लगभग 40 दिनों तक क्वारनटीन में रहने के बाद, लगभग 10 COVID-19 के टेस्ट से गुजरने के बाद गोवा पहुंचने के लिए इस खिलाड़ी को 50 घंटे से अधिक का समय बिताना पड़ा। उसके बावजूद रॉय कृष्णा (Roy Krishna) शुक्रवार की शाम को गेंद पर हावी दिखे।

शायद ऐसा कम ही देखने को मिलता है। कृष्ण ने एटीके मोहन बागान को दूसरे हाफ में पेनल्टी बॉक्स के किनारे पर एक ढीली गेंद पर गोल किया और अपनी टीम को बढ़त दिला दी।

लेकिन रॉय कृष्णा कौन हैं? वो मरीनर्स के लिए कैसे खेलने लगे?

न्यूजीलैंड में रहने वाले भारतीय मूल के फिजियन

33 वर्षीय रॉय कृष्णा फ़िजी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पिछले सीज़न में कोलकाता के एटीके में जाने से पहले अपना अधिकांश जीवन न्यूजीलैंड में बिताया है।

रॉय कृष्णा ने 2008 में न्यूजीलैंड में खेलने की शुरुआत वेटाकेरे यूनाइटेड (Waitakere United) के साथ की थी। इस क्लब के लिए उन्होंने पांच साल तक खेला। हालांकि तब के सिर्फ 21 साल के युवा स्ट्राइकर ने न्यूजीलैंड फुटबॉल चैम्पियनशिप (New Zealand Football Championship) में अपनी प्रतिभा साबित की, जहां उन्होंने अपनी टीम को पांच घरेलू खिताब तक पहुंचाया। उन्होंने वेटाकेरे के लिए 71 गोल दागे, फिजियन ने 2012-13 में गोल्डन बूट भी जीता।

लीग में उनके कारनामों का मतलब था कि रॉय कृष्णा जल्द ही सबकी नजर में आने वाले थे और तब डच क्लब पीएसवी आइंडहोवन (PSV Eindhoven) रॉय कृष्णा को अपने साथ जोड़ना चाहता था।

हालांकि, युवा खिलाड़ी ने यूरोप में न जाने का फैसला किया और 2013 में कीवी फुटबॉल के शीर्ष डिवीजन में एक चैंपियन टीम ऑकलैंड सिटी एफसी (Auckland City FC) के लिए साइन किए गए।

ऑकलैंड आउटफिट में एक साल तक रहने के बाद रॉय कृष्णा को वेलिंगटन फीनिक्स ने प्रतिस्पर्धी ए-लीग के लिए टीम में जगह दी। 2014 में मुख्य खिलाड़ी पॉल इफिल के चोटिल होने के बाद उन्हें चुना गया। यहां इस फिजियन ने शानदार प्रदर्शन किया और क्लब को दिग्गज टीमों में शुमार करवाया।

बॉक्स के अंदर उनकी कलाकारी हो या पेनल्टी एरिया में शक्तिशाली ड्राइव, रॉय कृष्णा एक पूर्ण पैकेज थे, जिनपर वेलिंगटन फीनिक्स निर्भर था क्योंकि उन्होंने ए-लीग में शीर्ष टीमों को चुनौती दी थी।

आने वाले वर्षों में रॉय कृष्णा ने 51 गोल किया, पॉल इफिल को क्लब के सर्वकालिक शीर्ष गोल-स्कोरर के रूप में पीछे छोड़ दिया। उन्होंने 2019-19 सीज़न के लिए ऑस्ट्रेलियाई घरेलू लीग में सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर को दिए जाने वाले पुरस्कार जॉनी वारेन मेडल को भी प्राप्त किया।

इसके बाद कोई भी फिजियन को भारत आने से नहीं रोक सकता था, जो उनके पूर्वजों ने 140 साल पहले छोड़ दिया था और आईएसएल 2019-20 के लिए एटीके में शामिल हो गए थे।

एटीके के लिए एक शानदार गोल-स्कोरर

हालांकि रॉय कृष्णा को आईएसएल में अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराने पर संदेह था, क्योंकि ए-लीग से काफी हद तक आईएसएल में चीजें अलग होती हैं, इस तरह के बाधाओं को दूर कर एक बार फिजीयन ने जब मैदान में कदम रखा, तो सारे संदेह खत्म हो गए।

हेड कोच एंटोनियो लोपेज हैबास (Antonio Lopez Habas) ने सीजन के लिए 3-5-2 की रणनीति से आक्रमण करने का फैसला किया, रॉय कृष्णा ने अपने फीनिक्स टीम के साथी डेविड विलियम्स के साथ एटीके को उनके तीसरे खिताब की उम्मीद जगा दी है।

फिजियन ने 15 गोल के साथ अपनी पहली आईएसएल सीजन की शुरुआत की थी। और अगर उनके शुक्रवार के प्रदर्शन को देखें, तो आश्चर्य की बात नहीं होगी अगर रॉय कृष्णा इस साल इससे भी ज्यादा गोल करते हैं।

एक स्ट्राइकर के रूप में उनकी क्षमता पर कभी संदेह में नहीं रही है। रॉय कृष्णा को भारतीय फुटबॉल में मेंटर की भूमिका भी निभाते हुए देखा गया है।

एटीके मोहन बागान में मनवीर सिंह, जयेश राणे और माइकल सुसाइईराज जैसे कुछ प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी शामिल हैं, और अक्सर युवाओं की सहायता के लिए वो प्रभावशाली व्यक्ति रहे हैं।

ये वो भूमिका है जो उन्होंने पहले भी अच्छी तरह से निभाई है। विशेष रूप से, 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में फिजियन अंडर -23 टीम के साथ, जहां उन्हें टीम में तीन से अधिक आयु वर्ग के खिलाड़ियों में शामिल किया गया था। टीम के कप्तान और स्ट्राइकर ने ओलंपिक में फिजी के लिए पहला गोल भी किया, जहां मैक्सिको के खिलाफ 10वें मिनट में गोल किया गया था।

मरिनर्स उम्मीद कर रहे होंगे कि उनका मुख्य खिलाड़ी आईएसएल 2020-21 में भी अपना प्रभावीशाली प्रदर्शन जारी रखे।

प्रत्येक आईएसएल सीज़न का पहला गोल-स्कोरर

सीजन 1: एटलेटिको डी कोलकाता के लिए फिकरू टेफ्रा

सीजन 2: चेन्नईयन एफसी के लिए जीजे लालपेखलुआ

सीजन 3: नॉर्थएस्ट यूनाइटेड एफसी के लिए कट्सुमी यूसा

सीजन 4: एफसी गोवा के लिए फेरान कोरोमिनास

सीजन 5: केरला ब्लास्टर्स एफसी के लिए मैतेज पोपलाटनिक

सीजन 6: एटीके के लिए कार्ल मैकहुग

सीजन 7: एटीके मोहन बागान के लिए रॉय कृष्णा

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