फ़ोंड्रे से मेंडोज़ा: ISL के विदेशी खिलाड़ियों पर नज़र जिन्होंने मैदान मारा
कोलंबिया के स्टीवेन मेंडोज़ा ने चेन्नईयिन एफसी की जीत में अहम भूमिका निभाई तो वहीं एडम ली फ़ोंड्रे ने मुंबई सिटी एफसी के लिए मैदान पर पसीना बहाया।
इंडियन सुपर लीग की जब से शुरुआत हुई है तब से ही विदेशी खिलाड़ी इस लीग का महत्व बढ़ाते हुए दिखाई दिए हैं।
प्रतियोगिता में रॉबर्टो कार्लोस, एलेसेंड्रो डेल पिएरो, फ़्रेडी ल्जुंगबर्ग, मार्को मातेराज़ी और डिएगो फोरलान जैसे खिलाड़ियों ने हिस्सा लेकर इसका मान बढ़ाया है।
जैसे-जैसे ISL अपने पैर पसारता चला गया वैसे-वैसे नज़रें उन खिलाड़ियों पर आने लगी जो अपने खेल से भारतीय फुटबॉल का नक़्शा बदल सकते है। ऐसे में फ़ुटबॉल प्रेमियों ने बर्थोलोमेव ओगबेचे, फेरान कोरोमिनास, अहमद जौह और रॉय कृष्णा से उम्मीदें बढ़ा ली हैं।
इस सीज़न में विदेशी खिलाड़ियों के नियमों में कुछ बदलाव किया गया है ताकि वह एशियन फुटबॉल कन्फेडरेशन की गाइडलाइन्स का सम्मान कर सकें। इसके चलते अब हर टीम को कम से कम एक AFC नेशन के खिलाड़ी को अपनी टीम में जगह देनी ही होगी ताकि यह मुहिम एशिया के दर्शकों को भी लीग के साथ जोड़ सकें।
आइए उन खिलाड़ियों पर नज़र डालते हैं जो ISL 2020-21 में धमाल कर सकते हैं:
एडम ली फ़ोंड्रे – मुंबई सिटी एफसी
वह पेनल्टी बॉक्स के अंदर खुद को ‘सेल्फिश और रूथलेस’ कहते हैं। हालांकि एक स्ट्राइकर में इस ख़ूबी को बहुत सरहाया जाता है।
33 वर्षीय एडम ली फ़ोंड्रे ऑस्ट्रेलियन A – लीग के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं और इस बार वह ISL में अपने तजुर्बे को लेकर ही मैदान में उतरेंगे। सिडनी एफसी से सीधे मुंबई सिटी एफसी में रुख करना इस खिलाड़ी के लिए बेहद ख़ास साबित हो सकता है और वह इस टीम को अपने पहले ISL ख़िताब को जितवाने में भी अहम किरदार अदा करते दिखाई दे सकते हैं।
सिडनी एफसी के लिए पिछले दो संस्करणों में एडम ने पेनल्टी के ज़रिए बहुत से गोल दागे हैं जो कि किसी भी टीम के लिए अहम साबित होते हैं।
प्रीमियर लीग के इस खिलाड़ी ने 32 मुकाबलों में 20 गोल अपने नाम किए हैं और अपने ISL के डेब्यू में भी वह कुछ ऐसा ही प्रदर्शन खुद से उम्मीद कर मैदान में उतरेंगे। ग़ौरतलब है कि इनके कदम यही नहीं रुके बल्कि अगले सीज़न में भी उन्होंने इतने ही गोल मारे लेकिन इस बार उन्होंने यह कारनामा महज़ 23 मुकाबलों में किया।
बाकारी कोने – केरला ब्लास्टर्स एफ़सी
पिछले दो सीज़न में हलके डिफ़ेंस की वजह से केरला ब्लास्टर्स एफ़सी कहीं न कहीं बाकी टीमों से पीछे रही है लेकिन अब मालगा के इस सेंटर-बैक को अपनी टीम में शामिल कर लेने से उनकी यह कमी भी ठीक होती दिखाई दे रही है।
फ्रेंच साइड ल्योन के साथ 5 साल बिताने के बाद बाकारी कोने ने फील्ड पर ज्लाटन इब्राहिमोविच, नेमार जूनियर और कीलियान और एडिनसन कावानी जैसे दिग्गजों के साथ मुकाबला किया है। इतना ही नहीं इस फुटबॉलर ने 2011-12 Coupe De France और 2012 Trophee Des Champions के लिए अहम किरदार भी अदा किया है।
कोने, ने UEFA चैंपियंस लीग और UEFA यूरोप लीग में भी शिरकत की है इर इस साल वह केरला ब्लास्टर्स एफ़सी के डिफ़ेंस को लीड करते हुए भी दिखिया देंगे।
गैरी हूपर - केरला ब्लास्टर्स एफ़सी
केरला ब्लास्टर्स एफ़सी Celtic FC के स्टार खिलाड़ी गैरी हूपर को भी अपने खेमे में शामिल किया है।
ग़ौरतलब है कि यह खिलाड़ी भी A – लीग का हिस्सा हैं और वेलिंगटन फ़ीनिक्स की ओर से अपने कौशल का प्रमाण पेश कर चुके हैं।
प्रीमियर लीग में नॉर्विच सिटी के लिए खेल चुके इस खिलाड़ी की ताकत गोल पोस्ट को देखते ही बनती है। अगर केरला ब्लास्टर्स एफ़सी इस खिलाड़ी को ज़्यादा से ज़्यादा खिला पाएं तो इनके आक्रामक रेवैये से बहुत ज़्यादा उठा सकते हैं।
ISL 2020-21 का सीज़न बहुत ही ख़ास नज़र आ रहा है लेकिन बीते संस्करणों ने भी अपनी छाप बखूबी छोड़ी है।
आइए एक नज़र डालते हैं ISL के कुछ सर्वश्रेष्ठ विदेशी खिलाड़ियों पर:
फेरान कोरोमिनास
एफसी गोवा से बहुत कम खिलाड़ी होते हैं जो अपनी टीम पर सबसे ज़्यादा और और सबसे अलग प्रभाव डालने में सफल हुए हैं और उनमें से एक नाम है फेरान कोरोमिन का।
2017 में एफसी गोवा से जुड़े इस खिलाड़ी ने खुद को गोल मशीन ही बना दिया और हमेशा नाज़ुक समय पर मानों टीम के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे।
लीग में सबसे ज़्यादा गोल (48) की मदद से इस खिलाड़ी ने भारत के हर फुटबॉल प्रेमी के दिल में एक ख़ास जगह बना ली है और इहोने यह भी सुनिश्चित किया है कि इनकी टीम हर साल कम से कम प्लेऑफ तक का सफ़र ज़रूर तय करें। इतना ही नहीं कोरो ने अपने खेल से एफसी गोवा को पहली भारतीय टीम भी बनाया जिसने AFC चैंपियंस लीग के ग्रुप स्टेज तक का सफ़र तय किया हो।
बॉक्स के अंदर तो इस खिलाड़ी के कौशल पर कोई भी सवाल नहीं है बल्कि खेल के दौरान वह अपने साथियों का भी बखूबी साथ देते हैं। वह डिफेंडरों को अपनी ओर कर अपने साथियों के लिए रास्ता बनाते हैं जिससे कि गोल करने के मौके बढ़ जाते हैं।
ये खिलाड़ी एटलेटिको बेलिएरिस की टीम के साथ रह चुका है और अब यह देखना अहम होगा कि गोवा एफसी इनके बिना मैदान में किस रणनीति के साथ उतरती है।
इयन ह्यूम – ATK, केरला ब्लास्टर्स एफ़सी, एफसी पुणे सिटी
ISL में तीन टीमों का हिस्सा रह चुके इयन ह्यूम को भारतीय दर्शकों ने खूब प्रेम दिया है और हमेशा ही उनके प्रदर्शन को याद किया जाएगा। ग़ौरतलब है कि इस खिलाड़ी ने केरला ब्लास्टर्स एफ़सी और ATK (अब ATK मोहन बागान) के लिए कई बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
2015 में केरला की टीम से जुड़ कर इस फुटबॉलर ने फैंस का दिल चुरा लिया और अपनी टीम की जान बन कर मुकाबले में उतरने लग गए। इतना ही नहीं बल्कि फाइनल मुकाबले में भी इस खिलाड़ी ने ख़ास भूमिका निभाई है।
इंग्लैंड लीग में छोटा सा समय बिताने के बाद यह खिलाड़ी अब दोबारा ISL का हिस्सा होने जा रहा है और इस बार वह ATK की ओर से हेलते हुए दिखाई देंगे।
ह्यूम की टीमें ज़रूर बदलीं हैं लेकिन उनके प्रदर्शन पर इस बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अपने दो संस्करणों में 30 मुकाबलों में इस खिलाड़ी ने 18 गोल अपने नाम किए थे और टीम को जिताने में अहम किरदार निभाया था। इतना ही नहीं उस सीज़न में यह खिलाड़ी दूसरे सबसे ज़्यादा गोल (7) करने वाला खिलाड़ी बना। उस साल के गोल्डन बूट विजेता मार्सेलो ने 10 गोल मारे थे।
स्टीवन मेंडोज़ा – चेन्नईयिन फुटबॉल
जब भी कोई ISL 2015 को याद करेगा तो स्टीवन मेंडोज़ा के प्रदर्शन को याद करना लाज़मी है।
एक ऐसा सीज़न जिसने भारतीय फुटबॉल को बहुत कुछ दिया इस सीज़न में कोलंबियन फॉरवर्ड ने चेन्नईयिन फुटबॉल को ख़िताब जितवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अपने आक्रामक खेल की बदौलत मेंडोज़ा ने हमेशा ही लिए मैदान में जगह बनाई है और गेंद को मानों अपने इशारे पर नचाया है। अपने खेल से सभी का मन मोहने वाले इस खिलाड़ी ने उस सीज़न सिर्फ 16 मुकाबले खेले थे और 13 गोल अपने नाम कर गोल्डन बूट पर भी हक जमाया था।