सुशील कुमार ने एशियन ओलंपिक क्वालिफ़ायर्स से ख़ुद को किया अलग

अब सुशील कुमार को टोक्यो ओलंपिक में जगह बनाने के लिए मई में वर्ल्ड ओलंपिक क्वालिफ़ायर्स का करना होगा इंतज़ार।

2 मिनटद्वारा सैयद हुसैन
2020 ओलंपिक गेम्स में क्वालिफाई करना सुशील के लिए बेहद मुश्किल 

दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार (Sushil Kumar) मंगलवार से नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में होने वाले नेशनल सेलेक्शन ट्रायल्स का हिस्सा नहीं होंगे।

कज़ाक़िस्तान के अलमाटी में अप्रैल में होने वाले एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप और एशियन ओलंपिक क्वालिफ़ायर्स में शामिल होने के लिए भारतीय रेसलरों को सेलेक्शन ट्रायल्स से गुज़रना होगा।

इससे पहले माना जा रहा था कि कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के बाद सुशील कुमार की वापसी इस इवेंट से हो सकती है। उनकी नज़र अपने एक और ओलंपिक यानी टोक्यो 2020 में जगह बनाने पर भी है, लेकिन ऐसा हो न सका।

सुशील कुमार ने डेल्ही लेट्स प्ले के साथ बातचीत में कहा कि वह इसके लिए तैयार नहीं थे इसलिए नाम वापस ले लिया।

“मैं स्कूल गेम्स फ़ेडरेशन के चुनाव में काफ़ी व्यस्त था इसलिए मैं हाल के दिनों में ट्रेनिंग नहीं कर पाया। मैं किसी भी इवेंट में तभी शिरकत करना चाहता हूं जब पूरी तरह से तैयार रहूं, इसलिए मैंने इस ट्रायल्स को छोड़ना मुनासिब समझा। हालांकि अब मैंने अभ्यास शुरू कर दिया है और जल्द ही दूसरे इवेंट में हिस्सा लूंगा।“

सुशील कुमार को एक बार फिर स्कूल गेम्स फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया का अध्यक्ष चुना गया है, जिसका मक़सद है स्कूल स्तर से ही बच्चों को ओलंपिक गेम्स के लिए तैयार करना।

बीजिंग 2008 में कांस्य पदक जीतने वाले और फिर लंदन 2012 में रजत पदक पर कब्ज़ा जमाने वाले सुशील कुमार की नज़र 74 किग्रा भारवर्ग में टोक्यो ओलंपिक में स्थान पक्का करने पर है। इस भारवर्ग में सुशील कुमार अकेले दावेदार नहीं हैं, उन्हें संदीप सिंह मान (Sandeep Singh Mann) और नरसिंह यादव (Narsingh Yadav) की चुनौती हासिल है।

अब जब सुशील कुमार के लिए एशियन ओलंपिक क्वालिफ़ायर्स में खेलना बेहद मुश्किल है, तो फिर टोक्यो का टिकट हासिल करने के लिए उनके पास अब एकमात्र मौक़ा मई में बुल्गारिया के सोफ़िया में होने वाले वर्ल्ड ओलंपिक क्वालिफ़ायर्स में होगा।

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