भारतीय फुटबॉल जगत में कई रिकॉर्ड और उपलब्धियां हासिल करने वाले शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों की एक लंबी लिस्ट है।
डिफेंडर गोस्था पॉल भारत के राष्ट्रीय टीम के पहले कप्तान थे। उन्होंने 1920 और 1930 के दशक में भारतीय टीम का नेतृत्व किया था। इसके अलावा उन्होंने साल 1924 में भारतीय टीम के प्रथम अंतरराष्ट्रीय दौरे पर भी टीम की कप्तानी की थी। श्रीलंका (तब सीलोन) का दौरा करने वाली टीम में भारतीय और ब्रिटिश खिलाड़ी शामिल थे।
साल 1937 में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) की स्थापना की गई, जो आगे चलकर देश में फुटबॉल के शासी निकाय के रूप में रतीय फुटबॉल संघ (IFA) बना। धीरे-धीरे भारतीय फुटबॉल टीमों में केवल भारतीय खिलाड़ियों को ही शामिल किया जाने लगा।
आज़ादी के बाद भारत ने अपना पहला मैच फ़्रांस के खिलाफ साल 1948 में लंदन ओलंपिक में खेला। इस मैच में तालीमेरेन एओ ने भारत की कप्तानी की और सारंगापानी रमन आज़ादी के बाद भारत के पहले गोल स्कोरर बने। हालांकि, भारत को इस मैच में 2-1 से हार मिली।
सैयद अब्दुल रहीम भारतीय फुटबॉल इतिहास में सबसे लंबे समय तक कोच रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय फुटबॉल का सुनहरा दौर शुरू हुआ और एशियाई खेल 1951 और 1962 में टीम ने स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा कोच सैयद रहीम की अगुवाई में भारतीय टीम मेलबर्न 1956 ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही।
1950 और 1960 के दशक में पीके बनर्जी, नेविल डि’सूज़ा और पीटर थंगराज भारतीय फुटबॉल टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ियों की सूची में शामिल थे। इनका नाम आज भी भारत के ऑल टाइम रिकॉर्ड लिस्ट में दर्ज है।
बाईचुंग भूटिया और आईएम विजयन 1990 के दशक के भारत के शीर्ष स्ट्राइकर रहे हैं और उनके नाम भी कई उपलब्धियां दर्ज हैं।
वर्तमान में भारतीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री और गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू का भी नाम भारतीय फुटबॉल रिकॉर्ड में दर्ज है, जिससे यह साफ नज़र आता है कि भारत की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम लगातार प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है।
यहां देखें भारतीय फुटबॉल रिकॉर्ड
भारतीय फुटबॉल के शीर्ष गोल स्कोरर
भारतीय फुटबॉल टीम के लिए सबसे अधिक मैच खेलने वाले खिलाड़ी
सुनील छेत्री ने भारत की ओर से सबसे अधिक मैच खेले हैं। साल 2005 में छेत्री ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था और साल 2018 में वह बाईचुंग भूटिया के बाद 100 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने।
भारत के सबसे सफल गोलकीपर
आर्टिकल लिखे जाने तक गुरप्रीत सिंह संधू ने शूटआउट में भारत के लिए सबसे अधिक गोल रोके हैं। उन्होंने अपने करियर में अभी तक 20 क्लीन शीट दर्ज की हैं। सुब्रत पॉल इस सूची में दूसरे नंबर पर आते हैं।
भारतीय फुटबॉल टीम की सबसे लंबी जीत का सिलसिला
भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम ने साल 1962 से 1964 के बीच सात मैचों की अपनी सबसे लंबी जीत का सिलसिला क़ायम किया। यह सिलसिला जकार्ता में साल 1962 के एशियाई खेल में थाईलैंड पर 4-1 की जीत के साथ शुरू हुआ और 1964 में एएफसी एशियन कप में रिपब्लिक ऑफ कोरिया पर 2-0 की जीत के साथ समाप्त हुआ।
भारतीय फुटबॉल टीम के लिए सर्वाधिक हैट्रिक
चार हैट्रिक के साथ भारत के सबसे शानदार गोल-स्कोरर सुनील छेत्री राष्ट्रीय टीम के लिए सबसे अधिक हैट्रिक करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की सूची में सबसे आगे हैं।
ब्रिटिश भारतीय आर लम्सडेन साल 1938 में एक दोस्ताना मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भारत की 4-5 की हार में भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए हैट्रिक करने वाले पहले खिलाड़ी थे। शीओ मेवालाल साल 1952 के कोलंबो कप में बर्मा पर भारत की 4-0 की जीत में तीन गोल दागकर आज़ादी के बाद हैट्रिक गोल दागने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।
1956 के मेलबर्न ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भारत की 4-2 की जीत में नेविल डी’सूजा ने तीन गोल किए और ओलंपिक में हैट्रिक बनाने वाले पहले एशियाई फुटबॉलर बन गए।
भारतीय फुटबॉल में सबसे लंबे समय तक नेतृत्व करने वाले कोच
पूर्व इंग्लिश खिलाड़ी स्टीफन कॉन्सटेंटाइन ने दो अलग-अलग कार्यकालों में भारतीय फुटबॉल टीम को कोचिंग दी। वह 2002 से 2005 तक और फिर 2015 से 2019 तक भारतीय टीम के कोच रहे। उनकी जगह पूर्व क्रोएशियाई अंतरराष्ट्रीय और वर्तमान भारतीय कोच इगोर स्टिमैक ने ली।
हालांकि, भारत के पूर्व खिलाड़ी सैयद अब्दुल रहीम को इतिहास में सबसे सफल भारतीय कोच माना जाता है। उन्होंने 1950 से 1963 के बीच भारतीय राष्ट्रीय टीम को दो एशियाई खेल में स्वर्ण पदक और ओलंपिक में चौथा स्थान दिलाया।