ISL 2020-21: चेन्नईयन के अनिरुद्ध थापा ने शुरुआत में ही छोड़ी अपनी छाप
पिछले कई सीज़न से सभी को प्रभावित करने वाले भारतीय मिडफ़िल्डर अनिरुद्ध थापा आईएसएल के 2020-21 सीज़न में कुछ बड़ा करने का संकेत दे दिया है।
इंडियन सुपर लीग (ISL) के इस सीज़न में चेन्नईयन एफ़सी (Chennaiyin FC) के मिडफ़िल्डर अनिरुद्ध थापा (Anirudh Thapa) ने ठान लिया है कि वह अब सिर्फ़ युवा प्रतिभा से नहीं पहचाने जाएंगें।
जमशेदपुर एफ़सी (Jamshedpur FC) के ख़िलाफ़ उन्होंने अपने प्रदर्शन से इस बात पर मुहर लगा दी कि आने वाला समय उनके नाम रहने वाला है। थापा ने जमशेदपुर के ख़िलाफ़ पहले ही मिनट में गोल करते हुए न सिर्फ़ अपनी टीम को बढ़त दिलाई, बल्कि आईएसएल इतिहास का चौथा सबसे तेज़ गोल भी कर डाला।
देहरादून के रहने वाले इस 22 वर्षीय फ़ुटबॉलर का ये चेन्नईयन एफ़सी के साथ लगातार चौथा सीज़न है। 2016 से इस टीम के साथ जुड़े रहने वाले थापा ने 2017-18 सीज़न में भी टीम को चैंपियन बनाने में योगदान दिया था। थापा को लगातार दो बार (2017-18 और 2019-20) AIFF इमर्जींग प्लेयर का ख़िताब भी हासिल हुआ था। थापा अब भारतीय फ़ुटबॉल टीम (Indian Football Team) में भी अपना स्थान पक्का कर चुके हैं।
मंगलवार को अपने पहले मुक़ाबले के बाद थापा ने कहा, “लोग मुझे युवा कहते हैं, क्योंकि मेरी उम्र कम है। लेकिन मैं ख़ुद को युवा नहीं मानता, मैं उस स्टेज से अब ख़ुद को आगे ले जाना चाहता हूं, जहां मुझे सिर्फ़ युवा प्रतिभा के तौर पर जाना जाता है।“
ओवेन कोयल ने की अनिरुद्ध थापा की तारीफ़
एक तरफ़ जहां चेन्नईयन एफ़सी के प्रमुख कोच साबा लाज़लो (Csaba Laszlo) ने इस स्टार मिडफ़िल्डर की जमकर तारीफ़ की तो वहीं ओवेन कोयल (Owen Coyle) ने भी इस भारतीय खिलाड़ी की तारीफ़ में क़सीदे गढ़े।
“अनिरुद्ध थापा एक शानदार खिलाड़ी है, पिछले लीग सीज़न में भी वह सबसे बेहतरीन भारतीय मिडफ़िल्डर था और इस बार भी उसका जलवा जारी है। मैं हमेशा उसे आगे बढ़ने के लिए हौसलाअफ़ज़ाई करता रहता हूं, वह एक अच्छा फ़ुटबॉलर होने के साथ साथ बेहतरीन इंसान भी है।“
थापा की मेहनत ने लाया रंग
दबाव में थापा कभी बिखरे नहीं, और वह लगातार अपना ध्यान फ़ुटबॉल और मेहनत पर लगाते रहे। आख़िरकार उनकी मेहनत तब रंग लाई, जब 2016 में चेन्नईयन एफ़सी ने उन्हें अपने साथ जोड़ा।
शानदार कोच के साथ खेलते हुए थापा के प्रदर्शन में सुधार आता गया, इस दौरान वह फ़्रांस की शीर्ष डिविज़न टीम एफ़सी मेट्ज़ (FC Metz) के साथ भी तीन महीने की ट्रेनिंग की। थापा मानते हैं कि इससे उन्हें बहुत फ़ायदा हुआ।
“हम कई बार ‘बी’ टीम और अंडर-23 टीम के साथ अभ्यास किया करते थे। उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा, हमारी ट्रेनिंग पूरी तरह से तकनीक आधारित हुआ करती थी। जहां हम ज़्यादातर गेंद के साथ अभ्यास किया करते थे।“
देहरादून का ये खिलाड़ी भारतीय फ़ुटबॉल टीम के साथ भी ख़ूब मेहनत करता आया है, तब के प्रमुख कोच स्टीफ़ेन कन्सटनटाइन (Stephan Constantine) उन्हें उनके पसंदीदा स्थान पर ही खिलाते थे। जिसका फ़ायदा थापा को पिच पर मिला करता था और जल्द ही वह टीम इंडिया का अभिन्न अंग हो गए।
उनका ये शानदार सफ़र यूएई में हुए इवेंट में भी जारी रहा, जब उन्होंने AFC एशियन कप के पहले मुक़ाबले में अपना डेब्यू किया। थापा के लिए वह यादगार लम्हा बन गया था, उन्होंने थाईलैंड के ख़िलाफ़ 4-1 की जीत में शानदार गोल किया था। ये 1964 के बाद से इस स्तर पर भारत की पहली जीत थी।
इसके बाद थापा ने कहा था, “मैंने 2011 का इवेंट टीवी पर देखा था, और तब मैंने सोचा भी नहीं था कि यहां कब और कैसे पहुंच सकता हूं। इसलिए 2019 का वह पल मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा।“
“थाईलैंड के ख़िलाफ़ वह मैच बहुत स्पेशल था, सिर्फ़ इसलिए नहीं कि मैंने गोल किया और भारत की जीत हुई बल्कि दशकों बाद हम AFC टूर्नामेंट में जीत रहे थे।“
इसके बाद से तो इस भारतीय मिडफ़िल्डर ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, और अब थापा को उम्मीद है कि इस सीज़न वह अपने प्रदर्शन के बल पर एक अलग मुक़ाम हासिल करेंगे।