भारत टोक्यो पैरालंपिक में भेजेगा अब तक का सबसे बड़ा दल 

नौ स्पर्धाओं में 54 एथलीट टोक्यो पैरालंपिक खेलों में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व।

2 मिनटद्वारा दिनेश चंद शर्मा
Devendra Jhajharia
(Getty Images)

टोक्यो 2020 भारत का अब तक का सबसे सफल ओलंपिक रहा, जिसमें उन्होंने जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) के स्वर्ण पदक सहित सात पदक जीते। 

भारत 24 अगस्त से शुरू होने वाले टोक्यो पैरालंपिक में अब तक का सबसे बड़ा दल भेजेगा। देश खेलों के लिए नौ खेल स्पर्धाओं में 54 एथलीटों को मैदान में उतारेगा। 

एथलीटों का चयन पूर्व पैरालंपिक पदक विजेता दीपा मलिक (Deepa Malik) की अध्यक्षता में भारतीय पैरालंपिक समिति (PCI) ने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में ट्रैक और फील्ड एथलीटों के लिए दो दिवसीय चयन ट्रायल में किया। 

रियो 2016 की शॉट पुट स्पर्धा की रजत पदक विजेता मलिक के हवाले से ANI ने कहा, "हमें एथलीटों के कल्याण के संबंध में कुछ वास्तव में साहसिक निर्णय लेने थे। ट्रायल का आयोजन एक मुश्किल वक्त में था, SOP तैयार करने के लिए हम भारतीय खेल प्राधिकरण का आभार व्यक्त करना चाहते हैं।"

हालांकि, भारत में लंबे समय तक पैरा एथलीटों की उपेक्षा की गई थी, लेकिन 2016 रियो पैरालंपिक के बाद से चीजें बदलनी शुरू हो गई हैं। उस ओलंपिक में भारत ने पांच खेलों में 19 एथलीट का तब तक का अपना सबसे बड़ा दल भेजा था और एक रिकॉर्ड सफलता के साथ लौटा था। 

देश ने चार पदक जीते थे, जिनमें दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक शामिल था। रियो 2016 में पुरुषों की हाई जंप में स्वर्ण पदक जीतने वाले मरियप्पन थंगावेलु (Mariyappan Thangavelu) टोक्यो 2020 पैरालंपिक के उद्घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक होंगे। 

रियो में जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने वाले देवेंद्र झाझरिया (Devendra Jhajharia) भी टोक्यो में भारतीय दल का हिस्सा होंगे। भारतीय दल में शीर्ष पिस्टल निशानेबाजों सिंहराज (Singhraj) और मनीष नरवाल (Manish Narwal) सहित रिकॉर्ड 10 पैरा निशानेबाज भी शामिल हैं।