जानिए विश्व हॉकी रैंकिंग में भारतीय पुरुष और महिला टीम का इतिहास और मौजूदा स्थान

अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन (FIH) रैंकिंग में, भारतीय पुरुष हॉकी टीम वर्तमान में पांचवें स्थान पर है जबकि महिला टीम 9वें स्थान पर है।

7 मिनटद्वारा सतीश त्रिपाठी
Indian hockey team
(Hockey India)

हॉकी जगत में भारत का गौरवशाली इतिहास रहा है और भारतीय टीम ने लगभग एक शताब्दी तक इस खेल में अपना दबदबा क़ायम रखा है।

ओलंपिक स्वर्ण पदक से लेकर विश्व कप के शिखर तक, भारतीय हॉकी टीम ने खेल के हर स्तर पर अपनी ख़ास जगह बनाई है।

अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद भारतीय पुरुष टीम विश्व रैंकिंग में कभी भी विश्व नंबर 1 तक नहीं पहुंच पाई है, क्योंकि आधिकारिक हॉकी रैंकिंग साल 2003 में शुरू हुई थी।

अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) द्वारा आयोजित टूर्नामेंट में टीमों के प्रदर्शन को देखते हुए, टूर्नामेंटों में टीमों की वरीयता और पूल निर्धारित करने के लिए हॉकी रैंकिंग सिस्टम को अपनाया गया था।

इस दैरान सिर्फ FIH प्रतियोगिताओं को ध्यान में रखा गया और काफी लंबे समय तक हॉकी रैंकिंग अपरिवर्तित रही और यह छोटे देशों के लिए अनुकूल नहीं थी। इसलिए, साल 2020 में एक नई प्रणाली अपनाई गई और वर्तमान में इसी नियम को फॉलो किया जा रहा है।

हॉकी रैंकिंग प्रणाली कैसे काम करती है?

हॉकी रैंकिंग की नई प्रणाली 1 जनवरी, 2020 को शुरू हुई थी।

यह एलो रेटिंग प्रणाली (Elo rating system) पर आधारित है, जिसका उपयोग आमतौर पर शतरंज, फुटबॉल, टेबल टेनिस, अमेरिकी फुटबॉल और मेजर लीग बेसबॉल (MLB) में किया जाता है।

इससे प्रत्येक हॉकी मैच को टीमों के वर्तमान फॉर्म को ध्यान में रखा जाता है। हासिल किए गए या खोए गए रैंकिंग अंकों की संख्या मैच के परिणाम, टीमों की संबंधित रैंकिंग और मैच या टूर्नामेंट के महत्व पर निर्भर करती है।

इसका मतलब यह है कि एक टीम द्वारा प्राप्त रैंकिंग अंकों की संख्या दूसरी टीम द्वारा खोए गए अंकों से बिल्कुल मेल खाती है। हाई रैंक वाली विपक्षी टीम को हराने पर टीमें अधिक अंक हासिल करती हैं और इसलिए अपने से नीचे रैंक वाली टीम से हारने पर टीमें अधिक अंक खो देती हैं।

आइए यहां एक नज़र डालते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय हॉकी टीम की रैंकिंग में कैसा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।

(Getty Images)

भारतीय पुरुष हॉकी टीम की रैंकिंग

साल 2003 में हॉकी रैंकिंग प्रणाली शुरू हुई थी, उस समय भारतीय पुरुष टीम छठे स्थान पर थी।

उसी साल भारत ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर पहली बार एशिया कप का ख़िताब जीता था।

लेकिन जल्द ही भारतीय टीम की फॉर्म में गिरावट देखने को मिली और वह टूर्नामेंट से शुरू में ही बाहर हो गई। साल 2005 में आठ देशों की राबो ट्रॉफी में भारतीय टीम सातवें स्थान पर आ गई और साल 2005 चैंपियंस ट्रॉफी में भी टीम आख़िरी स्थान पर रही।

हालांकि, भारत टूर्नामेंट जीतने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा था, लेकिन फिर भी उन्होंने टॉप 10 में अपना स्थान बनाए रखा क्योंकि हॉकी रैंकिंग सिस्टम टीमों के चार साल के परिणाम के आधार पर अपने रैंकिंग में बदलाव करती थी।

वहीं, 2007 चैंपियंस चैलेंज में भारत ने कांस्य पदक जीता, जिससे टीम को थोड़ी बहुत मदद ज़रूर मिली। भारतीय हॉकी टीम की फॉर्म में गिरावट जल्द ही रैंकिंग में दिखाई देने लगी।

भारतीय पुरुष हॉकी टीम को 2006 हॉकी विश्व कप में अपने सात में से पांच मैचों में हार का सामना करना पड़ा और टूर्नामेंट में 11वें स्थान के साथ अपना अभियान समाप्त किया।

भारतीय हॉकी टीम 80 वर्षों में पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही और बीजिंग 2008 के लिए जगह बनाने से चूक गई।

निराशाजनक प्रदर्शन के कारण भारत साल 2008 में पहली बार हॉकी रैंकिंग के टॉप 10 से बाहर हो गया। पूर्व विश्व चैंपियन भारत ने साल 2010 में विश्व कप की मेज़बानी की थी, लेकिन पूल स्टेज में भारतीय टीम ने सिर्फ़ केवल एक जीत हासिल की और टीम टूर्नामेंट में आठवें स्थान पर रही थी।

इस निराशाजनक प्रदर्शन के साथ भारतीय हॉकी टीम 12वें स्थान पर पहुंच गई, जो अब तक की उनकी सबसे ख़राब हॉकी रैंक रही।

हालांकि, इसके अगले दशक में भारत के प्रदर्शन में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिला।

भारत ने 2014 एशियाई खेल और 2017 एशिया कप के साथ-साथ चार बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (2011, 2016, 2018 और 2023) जीती है। भारत चैंपियंस ट्रॉफी, राष्ट्रमंडल खेल और हॉकी वर्ल्ड लीग में भी पदक विजेता रहा है।

भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार सुधार होने के बाद हॉकी रैंकिंग में भी इसका असर देखने को मिला। साल 2020 में जब पुरानी रैंकिंग प्रणाली को बदला गया तो भारत पांचवें स्थान पर पहुंच गया।

टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद साल 2021 में भारतीय पुरुष टीम अपनी सर्वोच्च रैंकिंग तीसरे स्थान पर पहुंच गई। आपको बता दें कि यह 41 वर्षों में उनका पहला ओलंपिक पदक था।

तब से भारतीय पुरुष हॉकी टीम एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2021, FIH प्रो लीग 2021-22 और एशिया कप 2022 में तीसरे स्थान पर रही। बर्मिंघम में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारतीय टीम ने रजत पदक जीता और फिर दोबारा एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2023 का ख़िताब हासिल किया। हांगझोऊ में जीत के साथ भारत ने पेरिस 2024 के लिए भी अपनी जगह सुनिश्चित की।

पेरिस 2024 में, भारत ने 52 वर्षों में ओलंपिक में अपना पहली बार लगातार पदक जीता और कांस्य पदक के साथ अभियान समाप्त हुआ।

भारतीय पुरुष हॉकी टीम वर्तमान में विश्व रैंकिंग में पांचवें स्थान पर है।

भारतीय महिला हॉकी टीम की रैंकिंग

पुरुषों की टीम के विपरीत, भारतीय महिला हॉकी टीम का प्रदर्शन ज़्यादा ख़ास नहीं रहा है। टीम कुछ साल पहले तक टॉप 10 से बाहर थी।

भारतीय महिला टीम 2002 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही थी, जिसके बाद साल 2003 में पहली बार रैंकिंग जारी होने पर भारतीय महिला हॉकी टीम 13वें स्थान पर थी।

इसके बाद भारतीय महिला टीम एथेंस 2004 ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई करने में असफल रही और इसके बाद भारतीय महिला हॉकी टीम 2004 में 15वें स्थान पर खिसक गई, जो उनकी अपनी अब तक की सबसे निचली रैंकिंग थी।

हालांकि, भारतीय महिला खिलाड़ियों ने हिम्मत नहीं हारी और अच्छे प्रदर्शन के लिए लगातार अपना प्रयास जारी रखा। वहीं, 2006 विश्व कप में भारतीय महिला टीम ने जगह बनाई लेकिन टीम 11वें स्थान पर रही और इसके बाद 2010 संस्करण में नौवें स्थान पर रही।

भारतीय महिला टीम ने राष्ट्रमंडल खेल 2002 और एशिया कप 2004 में स्वर्ण पदक जीतकर 2000 के दशक में काफी सुर्ख़ियां बटोरी, लेकिन अन्य प्रमुख इवेंट में टीम का प्रदर्शन ज़्यादा ख़ास देखने को नहीं मिला। इस तरह साल 2017 तक महिला हॉकी टीम टॉप 10 में जगह बनाने में असफल रही।

हालांकि, साल 2015 में भारतीय महिला खिलाड़ियों के प्रदर्शन में काफी सुधार देखने को मिला। जब 30 वर्षों के एक लंबे इंतजार के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम ने रियो 2016 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।

लेकिन इस दौरान भारत ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ सका, क्वालिफिकेशन से टीम को रैंकिंग की प्रक्रिया में आगे बढ़ने में काफी मदद मिली।

भारतीय महिला टीम ने साल 2016 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और इसके बाद 2018 एशिया कप में शीर्ष स्थान हासिल किया।

भारतीय महिला हॉकी टीम साल 2017 में पहली बार हॉकी रैंकिंग में टॉप 10 में जगह बनाने में सफल हुई।

रानी रामपाल के नेतृत्व में, भारत ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में भी जगह बनाई और यहां टीम ने अच्छे खेल का मुज़ाहिरा करते हुए चौथा स्थान हासिल किया। हालांकि, टीम ग्रेट ब्रिटेन के ख़िलाफ़ कांस्य पदक जीतने से चूक गई, लेकिन इससे भारतीय महिला हॉकी टीम को अगस्त 2021 में अपनी सर्वोच्च रैंकिंग - आठवीं - पर पहुंचने में मदद ज़रूर मिली।

भारतीय महिला खिलाड़ियों ने 2021-22 सीज़न में FIH प्रो लीग में शानदार शुरुआत की। भारत चैंपियन अर्जेंटीना और नीदरलैंड के बाद तीसरे स्थान पर रहा।

इस बेहतरीन प्रदर्शन के बाद टीम FIH रैंकिंग में छठे स्थान पर पहुंच गई, जो अब तक की उनकी सर्वश्रेष्ठ हॉकी रैंकिंग थी।

साल 2022 में, FIH महिला हॉकी विश्व कप में भारत की महिला टीम को स्पेन और नीदरलैंड के ख़िलाफ़ काफी चुनौतीपूर्ण प्रदर्शन करना पड़ा था, जहां वह नौवें स्थान पर रहीं।

लेकिन भारत ने बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल 2022 में कांस्य पदक अपने नाम कर वापसी का संकेत दिया और फिर स्पेन में FIH महिला नेशंस कप जीता।

(Getty Images)

साल 2023 में, भारत की महिला टीम ने हांगझोऊ में आयोजित हुए एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता और फिर महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में अपना दबदबा बनाते हुए खिताब पर कब्जा कर लिया। हालांकि, क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में पिछड़ने के बाद वे पेरिस 2024 के लिए स्थान सुरक्षित करने में असफल रहीं।

भारतीय महिला हॉकी टीम वर्तमान में विश्व में 9वें स्थान पर है।

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