पहला T20 मैच: जानें क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप की कैसे हुई शुरुआत

इतिहास में पहला पुरुष T20 अंतरराष्ट्रीय मैच 17 फरवरी 2005 को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया। इस मैच को पहले T20I मैच के साथ-साथ हल्के-फुल्के लम्हों और रेड कार्ड के लिए भी याद किया जाता है।

5 मिनटद्वारा अरसलान अहमर
Australia's Glenn McGrath pretends to bowl an underarm delivery on the last ball of the first T20 match.
(Getty Images)

T20 प्रारूप ने पिछले दो दशकों में क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।

खेल के सबसे छोटे फॉर्मेट T20 क्रिकेट ने ग्वांगझोऊ 2010 में एशियन गेम्स में अपना डेब्यू किया था, जहां यह पहली बार एक मल्टी स्पोर्ट इवेंट का हिस्सा बना था। लॉस एंजिल्स 2028 में होने वाले ओलंपिक में क्रिकेट की वापसी भी अब T20 प्रारूप में हो रही है।

आज T20 क्रिकेट पूरे विश्व में काफी लोकप्रिय है। कम समय में मैच का रिजल्ट और चौकों और छक्कों की बरसात इसकी अहम वजहों में से एक है। 

17 फरवरी, 2005 को ऑकलैंड में आयोजित हुआ न्यूजीलैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया मुकाबला, पुरुष क्रिकेट का पहला T20 अंतरराष्ट्रीय मैच था। तत्कालीन वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने 20 ओवरों में 214/5 का स्कोर खड़ा करके इस मैच को 44 रनों से जीता था।

इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने 55 गेंदों पर नाबाद 98 रन बनाए थे। 2007 में पहले T20 विश्व कप में क्रिस गेल के बनाए गए शतक से पहले यह T20I का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर था। 215 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड की तरफ से स्कॉट स्टाइरिस ने 39 गेंदों में से 66 रनों की शानदार पारी ज़रूर खेली लेकिन तेज़ गेंदबाज माइकल कास्प्रोविच की दमदार गेंदबाज़ी (29 रन देकर 4 विकेट) के आगे कीवी टीम 170 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने पहला पुरुष T20I मैच 44 रनों से जीत लिया।

अपनी शानदार पारी के लिए रिकी पोंटिंग ने पहला पुरुष T20I प्लेयर ऑफ द मैच खिताब जीता। 

क्रिकेट के मैदान पर पहला पुरुष T20I मुकाबला हल्के-फुल्के लम्हे, ड्रामा और मनोरंजन के तड़के से भरपूर रहा जिसका खिलाड़ियों ने भी ख़ूब लुत्फ़ उठाया।

दोनों टीमों ने 1980 के दशक की क्लासिकल रेट्रो जर्सी पहनी थी, साथ ही कुछ खिलाड़ियों ने अतिरिक्त आकर्षण के लिए नकली मूंछें भी लगा रखी थीं। ईडन पार्क में हुए इस मैच में 30,000 से अधिक दर्शकों की भीड़ मौजूद थी।

New Zealand's Hamish Marshall sported an afro during the first men's T20 match between Australia and New Zealand in 2005.

(Getty Images)

इस बीच, कीवी बल्लेबाज हामिश मार्शल भी एक अलग एफ्रो अंदाज़ में मैदान पर दिखे। हालांकि बल्लेबाजी में वह कुछ ख़ास नहीं कर सके और सिर्फ आठ रन पर आउट हो गए।

अंतिम गेंद पर 45 रनों की ज़रूरत थी और यह अब साफ हो था कि ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच जीत रहा है, ऐसे में ग्लेन मैक्ग्रा ने 1981 की एक मशहूर गेंदबाज़ी घटना को फिर से ताज़ा किया जब ऑस्ट्रेलिया के ट्रेवर चैपल ने आखिरी गेंद पर छक्का लगने से बचने के लिए अंडरआर्म गेंद फेंकी थी। अंपायर बिली बोडेन ने भी फुटबॉल के तर्ज़ पर मज़ाकिया अंदाज़ से रेड कार्ड दिखाया और मैक्ग्रा को उनके इस गेंदबाज़ी एक्शन के लिए खेल-खेल में वापस भेज दिया।

Glenn McGrath of Australia is shown a red card by umpire Billy Bowden for pretending to bowl an underarm delivery on the last ball of the match.

(Getty Images)

मैच के दौरान नकली मूंछें लगाने वाले न्यूजीलैंड के कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग ने मुकाबले के बाद इस नए ज़माने के क्रिकेट के प्रारूप के बारे में कहा, "आपको 30,000 लोगों के साथ एक मंच मिलता है, आप उसे अस्वीकार नहीं करेंगे, इसलिए उम्मीद है कि यह यहीं रहेगा।"

2007 में पहला T20 विश्व कप आयोजित किया गया, जिसे वर्ल्ड T20 के नाम से जाना जाता है। इसकी सफलता ने पारंपरिक क्रिकेट अनुयायी देशों से परे दर्शकों को आकर्षित किया और T20 को दुनिया भर में क्रिकेट का सबसे अधिक खेला जाने वाला प्रारूप बना दिया।

पहला ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की महिला टीमों के बीच 05 अगस्त 2004 को यूनाइटेड किंगडम के होव में खेला गया था - पुरुष T20I मैच आयोजित होने से छह महीने पहले।

पहले T20I मैच की तरह ही महिला वनडे विश्व कप पुरुष वनडे विश्व कप के उद्घाटन संस्करण से दो साल पहले 1973 में हुआ था।

हालांकि, पहले महिला T20I मैच को ज़्यादा लोकप्रियता प्राप्त नहीं हुई थी और उसमें लगभग 500 दर्शक ही मैदान पर आए थे। यह मैच आख़िरी तीन गेंदों तक चला गया था जिसमें न्यूजीलैंड द्वारा बनाया गया 131/8 का स्कोर पर्याप्त साबित हुआ और इंग्लैंड 9 रन से इस मुकाबले को हार गया।

इंग्लैंड पहला T20I मैच हार गया था, लेकिन यह पहला स्थान था जहां इस प्रारूप को आज़माया, परखा और लागू किया गया था।

हालांकि भारत ने जो दुनिया में सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली T20 क्रिकेट लीग, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का गढ़ है, ने शुरुआती वर्षों में क्रिकेट सबसे छोटे प्रारूप में कुछ ज़्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।

आपको बता दें पहला T20 मैच 2003 ट्वेंटी20 कप में हैम्पशायर हॉक्स और ससेक्स शार्क के बीच खेला गया था। पाकिस्तान के विश्व कप विजेता और हैम्पशायर के लिए खेलने वाले दिग्गज तेज़ गेंदबाज वसीम अकरम ने T20 क्रिकेट में पहला छक्का जड़ने का कारनामा किया था। हैम्पशायर ने यह मैच पांच रन से जीता था।

उद्घाटन ट्वेंटी-20 कप में 45 से अधिक मैच खेले गए जिसमें 18 टीमें शामिल थीं। यह टूर्नामेंट इंग्लैंड के फैंस की उस सोच को बदलने के लिए आयोजित किया गया था, जिनका खेल के लंबे प्रारूपों के साथ लगाव 21वीं सदी की शुरुआत में इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार तेज़ी से कम हो रहा था।

ट्वेंटी-20 कप एक सफल आयोजन रहा और अंततः कुछ शुरुआती कठिनाइयों के बाद, सभी क्रिकेट बोर्डों ने खेल के इस नवीनतम प्रारूप को अपनाना शुरू कर दिया।

वर्तमान में, 100 से भी ज़्यादा देश हैं जो T20 अंतरराष्ट्रीय खेलते हैं, जबकि वनडे इंटरनेशनल (50 ओवर क्रिकेट) में 16 देश और पांच दिवसीय टेस्ट प्रारूप में 12 देश शिरकत करते हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने कहा है कि वह खेल को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए T20 को सबसे उपयुक्त प्रारूप के रूप में देखता है।

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