दंगल: बड़े पर्दे पर दिखा गीता और बबीता फोगाट की कुश्ती का जलवा, आमिर खान के किरदार ने जीता दिल

कुश्ती करने वाली बहनों के पिता और कोच महावीर सिंह फोगाट का किरदार आमिर खान ने निभाया था। फिल्म 2016 में रिलीज हुई थी।

7 मिनटद्वारा शिखा राजपूत
Dangal movie makers Aamir Khan and Nitesh Tiwari.
(Getty Images)

पिछले एक दशक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्मों में से एक, फिल्म दंगल में भारत की मशहूर फोगाट बहनें गीता फोगाट और बबीता फोगाट के शुरुआती जीवन और करियर के बारे में बताया गया है।

यह बॉलीवुड फिल्म भी बाकी खिलाड़ियों पर बनी बायोपिक के नक्शेकदम पर ही आगे बढ़ी, इन स्पोर्ट्स बायोपिक में भाग मिल्खा भाग और मैरी कॉम जैसी फिल्मों का नाम शामिल है।

इस फिल्म का बजट 70 करोड़ रुपए था और फिल्म ने दुनिया भर में 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की थी।

फिल्म में मुख्य आकर्षण बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान थे, जिन्होंने फोगाट बहनों के पिता और कोच महावीर सिंह फोगाट की भूमिका निभाई थी।

हालांकि, यह पहली बार नहीं था जब आमिर खान, गीता और बबीता फोगाट से मिले थे।

फोगाट बहनों से आमिर खान की मुलाकात

टेलीविजन पर 2012 से 2014 तक आमिर खान ने सत्यमेव जयते नाम के मशहूर टॉक शो की मेजबानी की थी और इसी शो के दौरान बॉलीवुड मेगास्टार की जान-पहचान फोगाट बहनों से हुई।

2014 में तीसरे सीज़न में आमिर खान ने गीता और बबीता फोगाट को सत्यमेव जयते पर आमंत्रित किया था, जहां उन्होंने कुश्ती में अपने सफ़र के बारे में बात की थी। इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे उनके पिता ने बचपन में उन्हें एक सख्त प्रशिक्षण दिया।

उन्हें यह नहीं मालूम था कि ये मुलाकात उनके जीवन में बेहद अहम होने वाली है। वह अपने अब तक के शानदार सफ़र में एक ख़ास पड़ाव पर पहुंचने का पूर्वाभ्यास कर रहे थे। हालांकि, शो में आमिर खान की मौजूदगी का बायोपिक का हिस्सा होने से कोई लेना-देना नहीं था।

दंगल फिल्म की स्टारकास्ट

दंगल फिल्म का निर्देशन नितेश तिवारी ने किया था। प्रोडक्शन कंपनी वॉल्ट डिज़्नी इंडिया के एक एग्ज़क्यूटिव ने उनसे फोगाट के जीवन पर एक फिल्म बनाने के लिए संपर्क किया था।

गीता और बबीता फोगाट के उनके जीवन पर बनने वाली फिल्म के लिए राजी होने के बाद नितेश तिवारी ने महावीर सिंह फोगाट के रोल के लिए आमिर खान से संपर्क किया था।

वैसे तो शुरुआत में एक्टर ने राय दी कि वह एक दशक बाद यह किरदार निभाएंगे, जब वह अपने 60 के दशक के करीब होंगे। 

हालांकि, आमिर खान जल्द ही इस फिल्म के लिए राज़ी हो गए और सह-निर्माता होते हुए भी इस रोल के सहमत हुए। पिता के किरदार के लिए आमिर खान के साथ बाकी कलाकार भी धीरे-धीरे फिल्म का हिस्सा बनने के लिए तैयार हो गए।

फातिमा सना शेख को गीता फोगाट की भूमिका निभाने के लिए चुना गया। वहीं, सान्या मल्होत्रा ​​ने बबीता फोगाट का रोल बख़ूबी निभाया। ज़ायरा वसीम ने युवा गीता फोगाट का किरदार निभाया, जबकि मशहूर टीवी एक्टर साक्षी तंवर ने फोगाट बहनों की मां दया की भूमिका निभाई।

गीता और बबीता के चचेरे भाई ओमकार के रोल के लिए एक्टर आयुष्मान खुराना के छोटे भाई अपारशक्ति खुराना को चुना गया। बता दें कि अपारशक्ति ने दंगल फिल्म के साथ ही एक्टिंग करियर में अपना डेब्यू किया था। 

आमिर खान का शारीरिक बदलाव 

बॉलीवुड में आमिर खान अपने बेहतरीन अभिनय के लिए मशहूर हैं। किरदार को बेहतर बनाने के लिए वह घंटों काम करते हैं। हर फिल्म के लिए अपने रोल से जुड़ी हर ख़ास बात को जानने और एक किरदार के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार करने के लिए पूरा ध्यान देते हैं। कुश्ती शारीरिक रूप से ताकत और आक्रामकता का खेल है और एक पहलवान का किरदार निभाना उनके लिए एक नई चुनौती थी।  

उन्हें महावीर सिंह फोगाट की भूमिका निभानी थी। उन्हें एक युवा और उम्रदराज व्यक्ति के किरदार को निभाना था। आमिर खान ने पहले वजन बढ़ाया और उम्रदराज व्यक्ति के हिस्से की शूटिंग पूरी करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने लगभग 30 किलो वजन बढ़ाया।

लेकिन असली चुनौती तब सामने आई जब उन्हें युवा किरदार निभाने के लिए अपना वजन कम करना था। अपने डायटीशियन और फिज़िकल ट्रेनर के साथ आमिर खान ने अपने वजन और शरीर की चर्बी को कम करने और पहले जैसे होने के लिए पांच महीने की कड़ी मेहनत से गुज़रना पड़ा।

फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा ​​को भी ऐसी ही मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। जिन्हें अपने आकार में आने और अपने दांवपेच को बेहतर करने के लिए एक शीर्ष पहलवान की तरह ट्रेनिंग करना और फिटनेस के लिए आहार को फॉलो करना था।

प्रोडक्शन टीम ने पूर्व पहलवान और राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता और कोच कृपा शंकर पटेल को दोनों को प्रशिक्षित करने के लिए बुलाया गया था। 

रियो 2016 ओलंपिक के लिए भारतीय पहलवानों को जो मुश्किल ट्रेनिंग दी गई थी, उसी के अनुसार कृपा शंकर पटेल ने उन्हें प्रशिक्षित किया। 

कृपा शंकर पटेल ने News18 को बताया, "अंतर सिर्फ आक्रामकता का था। हमने प्रशिक्षण की आक्रामकता को कम कर दिया। मैं चाहता था कि सान्या और फातिमा, गीता और बबीता के जैसी ही हूबहू हों।

“फोगाट बहनें पहले एक घंटे 45 मिनट तक दौड़ती हैं और फिर क्रॉस कंट्री रनिंग में एक घंटे की दौड़ में शामिल होती हैं। फातिमा और सान्या को भी ऐसी ही ट्रेनिंग से गुज़रना पड़ा।”

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"मैंने उन्हें बिल्कुल उसी तरह ट्रेनिंग दी। इसके साथ ही मैंने उन्हें तकनीक सीखने से पहले पहलवानों के वीडियो देखने और उनके जैसा करने के लिएए कहा।"

फातिमा सना शेख को प्रशिक्षण के दौरान एक मामूली रिब फ्रैक्चर भी हुआ था, लेकिन जल्द ही ठीक हो गई और शूटिंग पूरी की।

बॉक्स ऑफिस पर दंगल की कामयाबी

दंगल 23 दिसंबर, 2016 को रिलीज़ हुई थी। रिलीज के कुछ समय बाद ही इसे साल की सबसे सफल फिल्म घोषित किया गया, क्योंकि इसने भारत में 500 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की। 

विदेशी बाजारों में दंगल ने 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की। इस कलेक्शन से यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म का तमगा हासिल किया।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि दंगल मूवी चीन में एक बड़ी हिट फिल्म साबित हुई, जबकि भारतीय फिल्में चीन में ज्यादा लोकप्रिय नहीं थीं। 

इस फिल्म ने चीन में 1,200 मिलियन युआन से अधिक की कमाई की, जो उस समय भारतीय राशि में 1,400 करोड़ रुपए था।

चीन में सफलता का श्रेय मुख्य रूप से देश में आमिर खान के फैंस को दिया गया, जहां उनकी पिछली फिल्में जैसे 3 इडियट्स और पीके ने भी काफी वाहवाही बटोरी थी। ऐसा माना जा रहा था कि चीनी दर्शक फिल्म की थीम से खुद को जोड़ रहे हैं।

दंगल ने फिल्मफेयर अवॉर्ड में 'सर्वश्रेष्ठ फिल्म' का अवॉर्ड जीता, जबकि आमिर खान ने 'सर्वश्रेष्ठ अभिनेता' का अवॉर्ड और नितेश तिवारी ने 'सर्वश्रेष्ठ निर्देशक' का अवॉर्ड जीता। अभिनेता विक्की कौशल के पिता एक्शन निर्देशक श्याम कौशल ने 'सर्वश्रेष्ठ एक्शन' का पुरस्कार हासिल किया।

युवा गीता फोगाट की भूमिका निभाने वाली ज़ायरा वसीम ने 'सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री' का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।

दंगल की सिनेमैटिक आजादी

ऐसा कई बॉलीवुड बायोपिक में हुआ भी है, जैसा दंगल में चित्रित कुछ सीन वास्तविक जीवन में बिल्कुल नहीं थे, लेकिन फिल्म को और रोचक बनाने के लिए काल्पनिक चीजें फिल्म में दिखाई गई थी।

उदाहरण के लिए दंगल में दिखाया गया है कि 2010 राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक गीता फोगाट की पहली अंतरराष्ट्रीय सफलता थी। लेकिन वास्तव में वह पहले ही 2009 में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल कर चुकी थीं।

दंगल के एक सीन में दिखाया गया है कि महावीर सिंह फोगाट को राष्ट्रमंडल खेल के फाइनल से पहले गीता के एक कोच द्वारा कमरे में बंद कर दिया गया था, जो उनके पिता के साथ असहमत थे।

लेकिन वास्तविकता में महावीर सिंह फोगाट 2010 राष्ट्रमंडल खेल में गीता फोगाट की ऐतिहासिक स्वर्ण पदक विजेता मैच के दौरान स्टैंड में ही थे।

गीता फोगाट ने फिल्मफेयर को बताया, "फिल्म में जो दिखाया गया है वह 99 प्रतिशत सच है। फिल्म के मेरे जीवन के करीब न होने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। फिल्म देखते समय हमें लगा कि हमारी जिंदगी फिर से हमारे सामने आ गई है और फिर वीडियो को पर्दे पर दिखाया गया।

“हमने (उन्होंने और बबीता ने) वास्तव में फिल्म का भरपूर आनंद लिया। इसे देखते हुए हम भी बेहद भावुक हो गए। दंगल की पूरी टीम ने अच्छा काम किया है।"

इस तरह दंगल पिछले एक दशक की सबसे ख़ास हिंदी भाषा की फिल्मों में से एक है।


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