ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और भारतीय रेसलर बजरंग पुनिया सोमवार को अपने 26 दिनों की प्री सीजन ट्रेनिंग कैंप के लिए मॉस्को पहुंच गए हैं। बता दें कि उनकी यह ट्रेनिंग 21 जनवरी तक चलेगी।
टोक्यो 2020 के बाद बजरंग की यह पहली ट्रेनिंग कैंप होगी। ग्रीष्मकालीन खेलों मे कांस्य जीतने के बाद भारतीय रेसलर चोट की वजह से मैट पर दिखाई नहीं दिए थे। उन्हें चोट के कारण ओस्लो में आयोजित हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप से भी बाहर बैठना पड़ा था।
2022 में बजरंग का काफी व्यस्त कार्यक्रम रहने वाला है। वह फरवरी में इटली और तुर्की में आयोजित होने वाली यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग रैंकिंग इवेंट्स में भाग लेंगे इसके बाद वह अप्रैल में मंगोलिया में आयोजित होने वाली एशियन चैंपियनशिप में अपनी दावेदारी पेश करेंगे।
इसके बाद जुलाई – अगस्त में हरियाणा के 27 वर्षीय फ्रीस्टाइल रेसलर पुरुषों की 65 किग्रा वर्ग में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में अपनी खिताब को डिफेंड करने के लिए मैट पर अपनी दावेदारी पेश करेंगे, तो वहीं सितंबर में आयोजित होने वाली एशियन गेम्स 2022 में भी वह खिताब बचाने के लिए मैट पर अपनी चुनौती पेश करेंगे।
वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत की ओर से बजरंग ने सबसे अधिक मेडल जीते हैं (दो कांस्य और एक रजत)। वह उम्मीद करते हैं कि उन्हें अनुभवी रूसी रेसलर्स के साथ तैयारी करने से काफी मदद मिलेगी।
बजरंग ने कहा, "मैंने अभ्यास के लिए रूस को इसलिए चुना है क्योंकि ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप में रूस के पहलवानों ने सबसे अधिक पदक जीते हैं।"
बजरंग के साथ उनके लंबे समय के साथी और पहलवान जितेंदर भी साथ होंगे। बता दें कि जितेंदर कुमार ने दो बार कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप का खिताब जीता है और एशियान चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता भी रहे हैं। इन दोनों पहलवानों के साथ फिजियोथेरेपिस्ट आनंद कुमार भी होंगे।
बजरंग पुनिया ने यह भी कहा कि उनका लक्ष्य पेरिस 2024 ओलंपिक में अपने टोक्यो प्रदर्शन को बेहतर करना है।
बजरंग ने कहा, "मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने जा रहा हूं क्योंकि मेरा अगला लक्ष्य पेरिस 2024 में अपने पदक का रंग बदलना है।"