भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में चीन को 1-0 से हराकर पांचवीं बार खिताब अपने नाम किया। भारत बनाम चीन हॉकी फाइनल मैच मंगलवार को खेला गया। इससे पहले भारत ने सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया को हराया था।
पेरिस 2024 ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के लिए एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जुगराज सिंह (51वें मिनट में) ने गोल किया। यह गोल खेल के अंतिम क्वार्टर में फील्ड गोल के जरिए आया। टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने जुगराज सिंह को पास दिया जो गोलपोस्ट के बेहद करीब थे। और उन्होंने बिना कोई चूक के अवसर को गोल में तब्दील करते हुए टीम को चैंपियन बना दिया।
भारत ने खेल की आक्रामक शुरुआत की और मैच के तीसरे मिनट में ही सुखजीत सिंह ने चीन के डिफेंस को दबाव में डाल दिया। भारतीय खिलाड़ी को सफलता तो नहीं मिली लेकिन उन्होंने अपने इरादे साफ कर दिए।
भारत के खेल का पहला पेनल्टी कॉर्नर 10वें मिनट में हासिल किया लेकिन विवेक सागर और राजकुमार पाल का संयुक्त प्रयास असफल रहा। इसके अगले ही मिनट में भारत ने एक और पेनल्टी हासिल किया। इस बार कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने गोल करने की कोशिश की लेकिन इस बार भी टीम को निराशा हाथ लगी।
चीन के गोलकीपर वांग वेहाऊ ने शानदार डिफेंस का मुजाहिरा किया और मैच के पहले क्वार्टर में भारत के सभी प्रयासों को असफल कर दिया। इस तरह एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल का पहला क्वार्टर गोलरहित रहा।
मैच का दूसरा क्वार्टर बेहद रोमांचक रहा। इस बार चीन की टीम ने भारत पर लगातार दबाव बनाए रखा। हालांकि, दूसरी तरफ भारतीय डिफेंडर भी चीन के सभी प्रयास को असफल करते रहे। खेल के 27वें मिनट में एक बार फिर सुखजीत ने टीम के लिए पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया।
टीम के स्टार ड्रैग फ्लिकर और कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने की पूरी कोशिश की लेकिन वह चीन के डिफेंस को नहीं भेद सके। मैच के दूसरे क्वार्टर में भी किसी भी टीम को सफलता हाथ नहीं लगी।
खेल के पहले हाफ के बाद दोनों टीमें गोल की तलाश में लगातार जोर-आजमाइश कर रही थीं। इस बार चीन की टीम ने लगातार पजेशन को बनाए रखा लेकिन इस दौरान भारतीय टीम के खिलाफ उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी। मैच के तीसरे क्वार्टर में भी दोनों टीमों का खाता नहीं खुला।
मैच के अंतिम और निर्णायक 15 मिनट में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच का पहला गोल किया। भारतीय खिलाड़ी जुगराज सिंह ने मैच के 51वें मिनट में गोल करके टीम को 1-0 की शानदार बढ़त दिला दी।
इसके बाद मुकाबले में कोई गोल नहीं हुआ और भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने यह फाइनल मुकाबला 1-0 से अपने नाम कर लिया और इस तरह से भारत ने पांचवी बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब हासिल किया।
भारत ने इससे पहले साल 2023 में मलेशिया को हराकर खिताब जीता था। भारतीय हॉकी टीम पांच खिताब के साथ पुरुषों की एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे सफल टीम हैं। इसके बाद पाकिस्तान की टीम तीन खिताब के साथ दूसरे स्थान पर काबिज है। दिलचस्प बात ये है कि चैंपियंस ट्रॉफी 2018 का खिताब भारत और पाकिस्तान के बीच साझा किया गया था क्योंकि लगातार बारिश के कारण फाइनल मैच रद्द करना पड़ा।
इससे पहले पाकिस्तान ने रिपब्लिक ऑफ कोरिया को 5-2 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया।