मैरी कॉम से लेकर चक दे इंडिया तक! खेल से जुड़ी लोकप्रिय फ़िल्में

ड्रामा से भरपूर होने के साथ ही साथ प्रेरणा देने वाली बॉलीवुड सभी स्पोर्ट्स फ़िल्मों के बारे में जानिए।

5 मिनटद्वारा जतिन ऋषि राज
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एक खिलाड़ी एक आम इंसान की प्रेरणा बन जाता है, लेकिन कभी सोचा है कि उस खिलाड़ी को प्रेरणा कहां से मिलती हैं। ऐसे ही बहुत से सवालों का जवाब आपको खिलाड़ियों के जीवन पर आधारित कुछ फिल्मों से मिल जाएगा।

इस लेख के ज़रिए हम आपके लिए खेल जगत से जुड़ीं कुछ ख़ास फ़िल्में लाएं हैं जिन्हें देख आप अपना मन भी बहला सकते हैं और स्पोर्ट्स की दुनिया में एक बार फिर दाखिल हो सकते हैं।

यहां भारतीय एथलीटों के बारे में कुछ चुनिंदा बॉलीवुड खेल फिल्में हैं जिन्हें किसी भी खेल प्रेमी को देखने से नहीं चूकना चाहिए।

मैरी कॉम

कहा जाता है कि जब आप अपने जुनून का पीछा करते हैं तो दुनिया में एक मिसाल बन जाते हैं। वैसी ही कहानी रही है भारतीय मुक्केबाज मैरी कॉम की। लंदन ओलंपिक गेम्स में ब्रॉन्ज़ जीतने वाली मैरी पर आधारित फिल्म मैरी कॉम में मैरी का किरदार जानीमानी अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने बखूबी निभाया है।

एक मुक्केबाज के रूप में उनके सफर, परिवार और करियर के बीच संतुलन को दर्शाती मैरी कॉम मूवी ने काफी तारीफ बटोरी और यह महिला प्रधान भारतीय फिल्म अब तक की सबसे अधिक ओपनिंग वीकेंड कमाई करने वाली फिल्म बन गई।

मैरी के रूप में ढलने के लिए प्रियंका ने मैरी ही जैसी ट्रेनिंग कर पर्दे पर उनकी सफल ज़िन्दगी के साथ इंसाफ किया।

यह फिल्म 2014 में रिलीज़ हुई थी, लेकिन इसकी कहानी सिर्फ 2008 की विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप की जीत तक ही सीमित है। अनुबंध के अनुसार फिल्म में सिर्फ 2008 तक की ज़िंदगी दिखाई गई है, इसलिए इसमें 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने की कहानी नहीं दिखाई गई।

चक दे इंडिया

भारत में खेल पर आधारित फिल्मों की बात करें तो एक और नाम इस फ़ेहरिस्त में जुड़ जाता है और वह है 2007 में रिलीज हुई चक दे इंडिया

कॉमनवेल्थ गेम्स 2002 की कहानी को भारतीय महिला हॉकी टीम से जोड़कर इस फिल्म ने खूब चर्चा बटोरी। जाने माने अभिनेता शाहरुख खान ने इस फिल्म में कोच की भूमिका निभाई जो समाज से लड़कर अपने देश के गौरव को सम्मान दिलाने की ज़िद पकड़ लेते हैं।

इस फिल्म ने जनता का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी और कहानी समेत हर किरदार को प्रेरणा का पात्र बनाकर स्वीकारा गया।

भारत के 60वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बनी यह फिल्म देशभक्ति की दास्तां बयां करती है और गैर-हॉकी प्रशंसकों के लिए भी देखने लायक है।

भाग मिल्खा भाग

कॉमनवेल्थ गेम्स और मल्टी एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुके मिल्खा सिंह की कहानी जब पर्दे पर आई तो मानों पूरे भारत में खुशियों और गर्व की लहर दौड़ उठी। फरहान अख्तर जो कि मिल्खा सिंह की भूमिका निभा रहे थे उन्होंने कठिन प्रयास कर उस किरदार के साथ इंसाफ किया और दर्शकों में अपनी एक अलग जगह बना ली।

यह कहानी बंटवारे से पहले और बाद के कुछ दृश्यों पर आधारित है, जिसे फिल्म में दिखाया गया है कि जब देश हर चीज़ से जूझ रहा था तो एक इंसान में जुनून पनप रहा था और इस जुनून ने उसके देश को गौरवान्वित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

गौरतलब है कि यह फिल्म “रेस ऑफ़ माय लाइफ” नामक किताब पर आधारित है जिसे मिल्खा सिंह ने खुद लिखा था। इस फिल के राइट्स उन्होंने महज़ 1 रुपये में बेचे थे और मांग की थी कि मुनाफे का कुछ प्रतिशत मिल्खा सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट में जाए ताकि वे ज़रूरतमंद खिलाड़ियों की मदद कर सकें।

दंगल

दंगल फिल्म फोगाट परिवार की कुश्ती की कहानी है। गीता फोगाट और बबीता कुमारी और उनके पिता महावीर सिंह फोगाट पर आधारित इस कहानी को सच्चाई और सीख के साथ पर्दे पर दिखाया गया है।

आमिर खान द्वारा दर्शाया गया एमेचुयर रेसलर महावीर सिंह के किरदार को मजबूरन कुश्ती छोडनी पड़ जाती है लेकिन कुश्ती उन्हें नहीं छोडती। अपनी बेटियों के ज़रिए अपने कुश्ती के सपने को पूरा करने की जिद्द ने अपनी बेटियों के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने तक का सफ़र तय किया।

जनता के साथ फिल्म इंडस्ट्री ने भी इस फिल्म को बहुत पसंद किया।

गोल्ड

गोल्ड एक ऐसी फिल्म है जो काल्पनिक तरीके से दिखाती है कि कैसे आज़ाद भारत की पहली नेशनल हॉकी टीम ने ओलंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। 1948 समर ओलंपिक गेम्स की इस कहानी को अभिनेता अक्षय कुमार ने बखूबी दर्शाया है।

अक्षय कुमार का किरदार तपन दास के जीवन पर आधारित है जिसने भारतीय हॉकी को हर कदम पर बहुत कुछ दिया है।

पान सिंह तोमर

पान सिंह तोमर फिल्म में सच्चाई को बहुत उम्दा तरीके से पर्दे पर दिखाया गया है। इस काल्पनिक फिल्म में पान सिंह तोमर की ज़िंदगी की सच्चाई भी छुपी है जिसे इरफ़ान खान ने शानदार तरीके से पर्दे पर पेश किया है।

आर्मी में भागने की सज़ा को पूरा करते करते भारत को पान सिंह तोमर के रूप में एक तेज़ और उत्तम धावक मिला।

स्टीपलचेज़ नेशनल रिकॉर्ड विजेता हालातों की वजह से गलत कार्य करने लगे और उनका करियर हमेशा के लिए खत्म हो गया। इस फिल्म में सच्चाई और हालातों को शामिल किया गया है और जिसमें सभी किरदारों ने अपने-अपने काम के साथ इंसाफ किया है।

अन्य महत्वपूर्ण बॉलीवुड स्पोर्ट्स फिल्में

सूरमा

सूरमा भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी और ओलंपियन संदीप सिंह की बायोपिक है, जो गलती से गोली लगने के बाद लकवाग्रस्त हो गए थे। बायोपिक में दिलजीत दोसांझ मुख्य भूमिका में हैं।

सुल्तान

सलमान खान और अनुष्का शर्मा अभिनीत, सुल्तान एक काल्पनिक बॉलीवुड खेल फिल्म है, जो एक पहलवान के इर्द-गिर्द घूमती है, जो तमाम मुश्किलों के बावजूद खेल में एक बार फिर से वापसी करना चाहता है।

बुधिया सिंह - बॉर्न टू रन

बुधिया सिंह - बॉर्न टू रन, यह फिल्म बुधिया सिंह की बायोपिक है, जिन्हें दुनिया के सबसे कम उम्र के मैराथन धावक के रूप में जाना जाता है। जब वह सिर्फ पांच साल के थे, तब बुधिया ने 48 मैराथन में दौड़े थे!

साइना

साइना ओलंपिक पदक विजेता साइना नेहवाल की बायोपिक है। इसमें परिणीति चोपड़ा भारतीय बैडमिंटन स्टार की भूमिका में हैं और यह फिल्म खेल में उनके उदय पर आधारित है।

खेल पर आधारित बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्में