आर्टिस्टिक जिमनास्टिक क्या है?
आर्टिस्टिक जिमनास्टिक आधुनिक ओलंपिक खेलों में मौलिक श्रेणी (डिसिप्लीन) के खेलों में से एक है, जिसकी शुरुआत साल 1894 में हुई थी। आर्टिस्टिक जिमनास्टों के सामने बीम (एक ख़ास तरह की कड़ी जिसपर एथलीट प्रदर्शन करते हैं) और फ़र्श पर प्रदर्शन की चुनौती होती है जिसमें उन्हें पूरी तरह से दक्ष होना आवश्यक होता है।
आर्टिस्टिक जिमनास्टिक का आविष्कार कब, कहां और किसके द्वारा किया गया था?
प्लेटो, अरस्तू और होमर जिमनास्टिक गतिविधियों से मिलने वाली शारीरिक और मानसिक मज़बूती के बड़े समर्थक थे। पुरानी यूनानी सभ्यता का मानना था कि मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करना तभी संभव है जब शारीरिक व्यायाम को बौद्धिक गतिविधि के साथ जोड़ा जाए।
1800 के दशक की शुरुआत में शब्द "आर्टिस्टिक जिमनास्टिक" सैन्य प्रशिक्षण में इस्तेमाल किए जाने वाले फ़्री- फ्लोइंग स्टाइल और सैन्य प्रशिक्षण में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों के बीच अंतर करने के फलस्वरूप सामने आया। पूरे यूरोप में स्कूलों और एथलेटिक क्लबों में जिमनास्टिक प्रतियोगिताएं तेज़ी से आयोजित की जाने लगी। जब 1896 में एथेंस में ओलंपिक खेलों को फिर से शुरू किया गया, तो इस खेल ने प्रतियोगिता में अपनी वापसी की।
साल 1896 और 1924 के बीच यह खेल उस रूप में विकसित हुआ जिसे हम आधुनिक जिमनास्टिक के रूप में जानते हैं। कुछ डिसिप्लीन को इससे बाहर भी किया गया जैसे क्लब स्विंगिंग, रॉक लिफ़्टिंग और यहां तक कि तैराकी भी, जो साल 1922 में शामिल थी।
ओलंपिक खेलों में आर्टिस्टिक जिमनास्टिक के शुरुआती दिनों में, प्रतिभागी अक्सर बैले के बैकग्राउंड में होते थे, और वे अपने 20 के दशक तक शीर्ष पर पहुंच जाते थे। 1976 के मॉन्ट्रियल खेलों में 14 साल की उम्र में नादिया कोमानेसी और नेली किम के द्वारा सटीकता से हासिल किए गए 10 अंक ने युवा चैंपियनों के युग की शुरुआत की और बचपन से ही जिमनास्टिक का प्रशिक्षण दिया जाने लगा। हालांकि, ओलंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए जिमनास्ट को अब 16 साल या उससे अधिक का होना चाहिए।
आर्टिस्टिक जिमनास्टिक के नियम क्या हैं? आर्टिस्टिक जिमनास्टिक में अंक कैसे मिलते हैं?
जिमनास्ट को डिफ़िकल्टी के लिए D स्कोर और निष्पादन एज़ीक्यूशन के लिए E स्कोर दिया जाता है।
डिफ़िकल्टी स्कोर प्रदर्शित मूव्स पर निर्भर करता है। एथलीटों को हर मूव के लिए उसकी कठिनाई के आधार पर 0.1 और 1.0 के बीच अंक दिया जाता है।
अंतिम D स्कोर देने के लिए महिलाओं के शीर्ष आठ मूव्स को ध्यान में रखा जाता है जबकि पुरुषों के शीर्ष 10 मूव्स को देखकर उन्हें अंक दिया जाता है।
वॉल्ट के लिए, यह सिर्फ़ वॉल्ट मूव से जुड़ा स्कोर है।
E स्कोर के लिए, हर जिमनास्ट 10.0 के स्कोर के साथ शुरू परफ़ॉर्म करना शुरू करता है और उनकी हर ग़लती के लिए अंक काटे जाते हैं।
D और E स्कोर को मिलाकर जिस जिमनास्ट के पास सबसे अधिक अंक होते हैं वही विजेता होता है।
सभी स्पर्धाओं को मिलाकर शीर्ष संयुक्त स्कोर हासिल करने वाला जिमनास्ट ऑल-अराउंड स्पर्धा का विजेता होता है।
ओलंपिक और आर्टिस्टिक जिमनास्टिक
1896 में एथेंस में पहले ओलंपिक खेलों में जिमनास्टिक भी शामिल था, और तब से खेलों के हर संस्करण में इसने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। शुरुआत में, इसमें कुछ ऐसे डिसिप्लीन शामिल थे जिन्हें "आर्टिस्टिक" कहना मुश्किल है, जैसे कि एक्रोबेटिक्स और क्लाइंबिंग।
ओलंपिक जिमनास्टिक प्रोग्राम की नींव पेरिस में 1924 के खेलों में रखी गई थी, जब पुरुषों की व्यक्तिगत और टीम प्रतियोगिताएं शुरु हुई। 1928 में एम्स्टर्डम खेलों में महिलाओं की स्पर्धा को शामिल किया गया था। 1952 तक महिलाओं की स्पर्धा को सात इवेंट के साथ विकसित नहीं किया गया था, और फिर रोम में 1960 के खेलों से महिलाओं का छह इवेंट आयोजित किया जाने लगा।
सर्वश्रेष्ठ आर्टिस्टिक जिमनास्ट जिन्हें आप देख सकते हैं
खेलों में मानसिक स्वास्थ्य के साथ उनके संघर्ष के बाद चार बार की ओलंपिक चैंपियन सिमोन बाइल्स टोक्यो 2020 में अपने रियो 2016 वाले प्रदर्शन को दोहरा नहीं सकीं। हालांकि, उन्होंने रजत और कांस्य पदक अपने नाम किया। उनके फ़्रांसीसी कोच सेसिल कैनक्यू-लैंडी ने फ़ेसबुक वॉच डिस्कसन में घोषणा की कि सिमोन बाइल्स "पेरिस 2024 के बारे में सोच रही हैं।"
मेलानी डी जीसस डॉस सैंटोस को भी आप देख सकते हैं जो फ़्रांस की ओर से पदक की दावेदार हैं। 2019 यूरोपीय ऑल-अराउंड चैंपियन पेरिस 2024 की तैयारी के लिए सेसिल और लॉरेंट लैंडी के अलावा सिमोन बाइल्स के साथ प्रशिक्षण लेने के लिए अप्रैल में यूएसए गईं हैं।
टोक्यो 2020 ऑल-अराउंड ख़िताब की विजेता यूएसए की सुनीसा ली सुनीसा भी पदक की मज़बूत दावेदार होंगी। इसके अलावा बेल्जियम की नीना डेरवेल, जिन्होंने टोक्यो 2020 में अनइवेन बार्स का ख़िताब जीता था भी आकर्षण का केंद्र होंगी।
पुरुषों की बात करें तो, जापान के हाशिमोटो डेकी एक पसंदीदा एथलीट होंगे, जिन्होंने टोक्यो 2020 में ऑल-अराउंड और हॉरिजॉन्टल बार का ख़िताब सहित दो स्वर्ण पदक जीते थे। 20 वर्षीय एथलीट ने टीम इवेंट में रजत पदक भी जीता है। उन्होंने अपने प्रदर्शन से ये साबित कर दिया है कि वे खेल के दिग्गज और सात बार के ओलंपिक पदक विजेता उचिमुरा कोहेई के संन्यास के बाद जापानी टीम का नेतृत्व करने में सक्षम हैं।
ब्रिटेन के मैक्स व्हिटलॉक पर भी प्रशंसकों की निगाहें होंगी, जिन्होंने टोक्यो 2020 में अपने दूसरे ओलंपिक में दूसरा पॉमेल हॉर्स ख़िताब अपने नाम किया था। साथ ही अर्टेम डोलगोपायत बेहतरीन जिमनास्ट हैं, जो ओलंपिक पदक जीतने वाले इज़राइल के पहले जिमनास्ट भी हैं। उन्होंने फ्लोर एक्सरसाइज़ में स्वर्ण पदक जीता था।