एशियाई खेल: जानें सौरभ चौधरी कैसे बने भारत के सबसे युवा स्वर्ण पदक विजेता

सौरभ चौधरी ने 16 साल की उम्र में एशियाई खेल 2018 में पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। 15 वर्षीय संजना बथुला महाद्वीपीय प्रतियोगिता में पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय हैं।

3 मिनटद्वारा मनोज तिवारी
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(2021 Getty Images)

भारत के सौरभ चौधरी सिर्फ 16 साल, 3 महीने और 9 दिन के थे जब उन्होंने जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था।

इस उपलब्धि ने निशानेबाज को एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाला सबसे कम उम्र का भारतीय एथलीट बना दिया। सौरभ चौधरी कॉन्टिनेंटल मल्टीस्पोर्ट क्वाड्रेनिअल इवेंट में सबसे कम उम्र के भारतीय व्यक्तिगत पदक विजेता भी हैं।

2018 एशियन गेम्स सौरभ चौधरी के लिए पहली सीनियर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता भी थी। शूटिंग स्पर्धा में उन्होंने हमवतन अभिषेक वर्मा को पीछे छोड़ा, जिन्होंने कांस्य पदक जीता और फिर फाइनल में दक्षिण कोरिया के दिग्गज निशानेबाज जिन जोंग ओह को हराकर शीर्ष स्थान हासिल किया।

क्वालीफीकेशन राउंड में शीर्ष पर रहे सौरभ चौधरी ने फाइनल में एशियाई खेलों का रिकॉर्ड 240.7 स्कोर बनाकर जापान के पूर्व विश्व चैंपियन तोमोयुकी मात्सुदा (239.7) को हराया।

इसी के साथ सौरभ चौधरी एशियाई खेलों में कोई भी पदक जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय भी बन गए, लेकिन, यह रिकॉर्ड सिर्फ एक दिन के लिए ही कायम रहा। दरअसल, एक दिन बाद ही उन्हीं के एक साथी निशानेबाज और मेरठ में उनके पड़ोसी, शार्दुल विहान ने इस रिकॉर्ड को तोड़ा।

शॉटगन निशानेबाज शार्दुल विहान एशियन गेम्स 2018 में पुरुषों की डबल ट्रैप स्पर्धा में रजत पदक जीतकर एशियाई खेल में पदक जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बन गए। अपनी जीत के समय शार्दुल सिर्फ 15 साल, 7 महीने और 12 दिन के थे।

एशियाई खेलों में पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला

शार्दुल विहान का रिकॉर्ड पांच साल तक कायम रहा। हांगझोऊ 2023 में संजना बथुला एशियन गेम्स में पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बनीं।

एशियाई खेल 2023 में महिलाओं की स्पीड स्केटिंग 3000 मीटर रिले स्पर्धा में प्रतिस्पर्धा करते हुए, टीम इंडिया ने तीसरे स्थान पर रहकर कांस्य पदक जीता। भारतीय रोलर स्केटिंग टीम में संजना बथुला, कार्तिका जगदीश्वरन, हीरल साधु और आरती कस्तूरी राज शामिल थीं।

जब संजना बथुला ने पदक जीता तब उनकी उम्र 15 साल, 3 महीने और 11 दिन की थी। वहीं उनकी टीम की साथी खिलाड़ी कार्तिका जगदीश्वरन की उम्र सिर्फ 15 साल, 11 महीने और 27 दिन की थी।

आपको बता दें इससे कुछ दिन पहले ही एक और 15 वर्षीय खिलाड़ी ने हांग्जोऊ में भारत के लिए पदक जीता था। दरअसल, जब अनाहत सिंह ने स्क्वैश में महिला टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता, उस समय वह 15 साल, 6 महीने और 16 दिन की थीं और उस समय उन्होंने एशियन गेम्स में भारत के लिए सबसे कम उम्र में पदक जीतने का रिकॉर्ड बनाया।

एक हफ्ते से भी कम समय के बाद, अनाहत ने एक और कांस्य पदक जीता। इस बार उन्होंने अपने साथी अभय सिंह के साथ मिश्रित युगल स्पर्धा में भारत के लिए पदक हासिल किया।

अभय सिंह ने कहा, "15 साल की लड़की होना और एशियाई खेलों में आना और दो कांस्य पदक जीतना, वह दिखा रही है कि वह क्या करने में सक्षम है।"

हांग्जोऊ से पहले, एशियाई खेल में पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला का रिकॉर्ड वर्षा गौतम के नाम था। वह 16 साल, 8 महीने और 18 दिन की थीं जब उन्होंने महिलाओं की 29er में ऐश्वर्या नेदुनचेझियान के साथ कांस्य पदक जीता था।

सौरभ चौधरी की तरह, शार्दुल विहान भी क्वालिफिकेशन राउंड में शीर्ष पर रहे, लेकिन फाइनल की पांचवीं सीरीज में उनका निशाना थोड़ा सा चूक गया और उन्हें दक्षिण कोरिया के शिन ह्यून-वू के ख़िलाफ़ एक अंक से हार का सामना करना पड़ा।

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