एशियाई खेल में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं रोशन मिस्त्री

रोशन मिस्त्री ने साल 1951 में नई दिल्ली में आयोजित हुए एशियन गेम्स में महिलाओं की 100 मीटर और 4x100 मीटर रिले में रजत पदक जीता था।

4 मिनटद्वारा विवेक कुमार सिंह
Athletics
(Getty Images)

एशियाई खेल में भारत ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। देश ने 18 बार इस प्रतियोगिता में भाग लिया है और कुल 672 पदक जीते हैं।

एशियन गेम्स में देश का गौरवशाली इतिहास तभी शुरू हो गया था, जब नई दिल्ली ने 1951 में एशियाई खेलों के उद्घाटन संस्करण की मेजबानी की थी।

**पहले एशियन गेम्स **में भारत ने 51 पदक जीते थे, जिसमें 15 स्वर्ण, 16 रजत और 20 कांस्य पदक शामिल थे। यही नहीं भारत, जापान के बाद पदक तालिका में दूसरे स्थान पर रहा था।

उन 51 पदकों में रोशन मिस्त्री का रजत पदक इतिहास के पन्नों में विशेष स्थान रखता है।

एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला

स्प्रिंटर रोशन मिस्त्री एशियाई खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, जब उन्होंने 10 मार्च, 1951 को 100 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता।

हालांकि स्वतंत्रता के बाद के शुरुआती वर्षों में भारत में पुरुषों का वर्चस्व था, लेकिन एंग्लो-इंडियन और पारसी समुदायों ने देश की महिलाओं के लिए चुनौतियों को आसान करने में अहम भूमिका निभाई।

बॉम्बे (अब मुंबई) की एक पारसी रोशन मिस्त्री उन छह भारतीय महिलाओं में से एक थीं, जिन्होंने 1951 के एशियाई खेलों में व्यक्तिगत पदक जीते थे। अन्य पांच महिला एथलीट एंग्लो-इंडियन मूल की थीं।

8 मार्च, 1951 को, नई दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में चार धावकों के फील्ड में प्रतिस्पर्धा करते हुए, रोशन मिस्त्री हीट 1 में दूसरे स्थान पर रहीं। उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए 12.9 सेकेंड का समय दर्ज किया। जापान की किमिको ओकामोटो 12.5 सेकेंड का समय निकालकर पहले स्थान पर रहीं।

उस 100 मीटर की रेस में एक अन्य भारतीय भी दौड़ रही थीं, जिनका नाम पैट मेंडोजा था। वो हीट 2 में दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल में पहुंचीं। प्रत्येक हीट से सिर्फ शीर्ष तीन धाविकाओं ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।

एक दिन के ब्रेक के बाद, सभी स्प्रिंटर 10 मार्च को फाइनल रेस के लिए ट्रैक पर उतरीं।

वो एक करीबी फाइनल था, जिसमें शीर्ष तीन स्प्रिंटर्स सिर्फ 0.3 सेकेंड से अलग-अलग स्थान हासिल कर पाई थीं।

जापान की कियोको सुगिमुरा ने 12.6 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता और रोशन मिस्त्री ने 12.8 सेकेंड के साथ रजत पदक जीता। किमिको ओकामोटो 12.9 सेकेंड के साथ तीसरे जबकि पैट मेंडोजा चौथे स्थान पर रहीं।

हालांकि, रोशन मिस्त्री 0.2 सेकेंड से स्वर्ण पदक से चूक गईं लेकिन एशियाई खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला के रूप में उनका नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो गया।

रोशन मिस्त्री ने 1951 के एशियाई खेलों में एक और पदक जीता। उन्होंने महिलाओं की 4x100 मीटर रिले टीम के साथ रजत जीता, जिसमें पैट मेंडोजा, मैरी डिसूजा और बानो गजडर शामिल थीं।

मैरी डिसूजा ने 1951 एशियाई खेलों में महिलाओं की 200 मीटर में कांस्य पदक भी जीता था। उन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

नई दिल्ली 1951 में पदक जीतने वाली अन्य भारतीय महिलाओं में बारबरा वेबस्टर (शॉट पुट और जैवलिन थ्रो में कांस्य), मैरी सेमोज (हाई जंप में कांस्य) और सिल्विया गौंटलेट (लॉन्ग जंप में कांस्य) शामिल थीं।

एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला

भले ही भारतीय महिलाएं एशियन गेम्स की शुरुआत से ही इस आयोजन में पोडियम तक पहुंचती रही हैं लेकिन उन्हें व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने में दो दशक लग गए।

स्प्रिंटर कमलजीत संधू एशियाई खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, जब उन्होंने थाईलैंड के बैंकॉक में एशियाई खेल 1970 में 400 मीटर दौड़ अपने नाम की थी।

कमलजीत संधू ने 57.3 सेकेंड के समय के साथ इस्राइल की अवीवा बालास और जापान की नोबुको कावानो को हराकर शीर्ष स्थान हासिल किया था। इसके बाद कमलजीत ने म्यूनिख में 1972 के ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया।