एशियाई खेल निस्संदेह एशिया महाद्वीप में सबसे बड़ा खेल आयोजन है।
साल 1951 में शुरू हुए इस कॉन्टिनेंटल शोपीस के अबतक के 18 संस्करण आयोजित किए जा चुके हैं। एशियन गेम्स 2022 यानी इस आयोजन का 19वां संस्करण इस साल के अंत में चीन के हांगझोऊ शहर में प्रस्तावित है।
एशियाई खेलों की मेजबानी करने वाला भारत पहला देश है, जब साल 1951 में भारत की राजधानी नई दिल्ली में पहली बार इस टूर्नामेंट का आयोजन हुआ था।
मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम जिसेे नेशनल स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है। साल 1951 के एशियाई खेलों के सभी इवेंट यहीं आयोजित हुए थे।
11 देशों के कुल 489 एथलीट - अफगानिस्तान, बर्मा (वर्तमान म्यांमार), सीलोन (वर्तमान श्रीलंका), इंडोनेशिया, ईरान, जापान, नेपाल, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और मेजबान भारत ने इसमें हिस्सा लिया था। पहले संस्करण में कुल 57 गोल्ड मेडल इवेंट हुए थे।
जापान ने सबसे अधिक 60 पदक जीते थे, जबकि मेजबान भारत ने कुल 51 मेडल जीतकर एशियाई खेलों के पदक तालिका में दूसरा स्थान हासिल किया था।
साल 1951 के एशियाई खेल पहले 1950 में ही आयोजित होने वाले थे। लेकिन तैयारियों में देरी के कारण उसे स्थगित कर दिया गया था। इसका दूसरा संस्करण 1954 में फिलीपींस के मनीला में आयोजित किया गया था और तब से इस इवेंट की मेजबानी हर चार साल के अंतराल पर होती रही है।
दिलचस्प बात यह है कि एशियन गेम्स फार ईस्टर्न चैंपियनशिप गेम्स की जगह आयोजित होना शुरु हुआ था, जो पहले ओरिएंटल ओलंपिक के नाम से भी जाना जाता था। इसे साल 1913 से 1934 तक आयोजित किया गया था।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अधिक से अधिक एशियाई देश आजाद हुए, जिसके बाद उस वक्त के एशियाई देशों ने मिलकर फैसला किया कि क्षेत्र में सकारात्मका के संचार के लिए और फार ईस्टर्न चैंपियनशिप को दोबारा से जीवंत करने के लिए ऐसे आयोजन किए जाएं।
इस विचार को तब और बल मिला जब एशियन रिलेशन्स कॉन्फ्रेंस में इस बारे में बकायदा चर्चा हुई। लगभग सभी एशियाई देशों के प्रतिनिधियों की एक असेंबली भारत की आजादी के कुछ समय बाद साल 1947 में नई दिल्ली में आयोजित हुई थी।
जवाहरलाल नेहरू जो भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उन्होंने इस शिखर सम्मेलन का नेतृत्व किया। जबकि प्रमुख भारतीय कवियत्री और राजनीतिक कार्यकर्ता सरोजिनी नायडू ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
लंदन में हुए साल 1948 के ओलंपिक के मौके पर एशियन गेम्स फेडरेशन (AGF) का गठन भारतीय ओलंपिक समिति के प्रतिनिधि गुरु दत्त सोंडी जो एक मशहूर खेल प्रशासक थे, उनके नेतृत्व में किया गया था। संगठन ने पहले एशियन गेम्स के आयोजन का जिम्मा भी संभाला।
AGF के नेतृत्व में साल 1978 तक एशियाई खेलों का आयोजन किया गया। उसके बाद एशिया की ओलंपिक काउंसिल (OCA) को ये जिम्मेदारी दे दी गई। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) द्वारा मान्यता प्राप्त एशियाई खेलों को अक्सर ओलंपिक के बाद दूसरी सबसे बड़ी मल्टी-इवेंट के रूप में माना जाता है।
आज तक नौ अलग-अलग देशों ने एशियाई खेलों की मेजबानी की है। चार अलग-अलग संस्करणों का आयोजन (1966, 1970, 1978 और 1998) सिर्फ थाईलैंड ने किया है। वह एकमात्र ऐसा देश है जिसने एशियन गेम्स की कई बार मेजबानी की है। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक ने सभी चार गेम्स की मेजबानी की है।
दक्षिण कोरिया ने एशियन गेम्स की तीन बार (1986, 2002 और 2014) मेजबानी की है। वहीं, हांगझोऊ 2022 को मिलाकर चीन तीसरी बार गेम्स की मेजबानी करेगा। इससे पहले यहां 1990 और 2010 के संस्करणों का आयोजन हो चुका है।
इसके साथ ही भारत दो बार एशियन गेम्स की मेजबानी कर चुका है। जहां साल 1951 में पहला संस्करण और फिर 1982 में दूसरी बार खेलों के इस महाकुंभ का आयोजन किया है।
2026, 2030 और 2034 एशियाई खेलों की मेजबानी के लिए देश और शहरों का नाम फिलहाल तय है।
एशियाई खेल मेजबान
*अभी आयोजन होना है