जापान के काकामिगहारा में महिला जूनियर एशिया कप 2023 के फ़ाइनल मैच में रविवार को भारतीय महिला हॉकी टीम ने रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया के ख़िलाफ़ 2-1 से जीत दर्ज करते हुए ऐतिहासिक ख़िताब अपने नाम कर लिया है।
यह पहली बार है जब भारतीय टीम ने इस प्रतियोगिता का ख़िताब अपने नाम किया है। भारत ने पहले ही चिली में होने वाले FIH जूनियर महिला विश्व कप 2023 के लिए क्वालीफ़ाई कर लिया है। वहीं, जापान ने कांस्य पदक मुक़ाबले में चीन को 2-1 से हराकर इस साल होने वाले विश्व कप प्रतियोगिता में अपनी जगह पक्की कर ली है।
भारत की ओर से अन्नू और नीलम ने क्रमशः 21वें और 40वें मिनट में गोल दागा जबकि कोरियाई टीम की तरफ़ से पार्क सेओ येओन ने 24वें मिनट में एकमात्र गोल किया।
भारतीय महिला टीम ने मैच की शुरुआत गेंद पर नियंत्रण के साथ आक्रामक रवैये के साथ की। मैच के पहले ही मिनट में वूमेन इन ब्लू के पास पेनल्टी कॉर्नर का एक मौक़ा था लेकिन वे इसे गोल में बदल नहीं सके। पहले क्वार्टर में दोनों ही टीमों की तरफ़ से ताबड़तोड़ अटैकिंग खेल देखने को मिला लेकिन कोई भी टीम अपना खाता नहीं खोल सकी।
फ़ाइनल के रोमांचक मुक़ाबले में ऐतिहासिक पहली जीत के इरादे से भारतीय टीम ने दूसरे क्वार्टर में भी जोरदार प्रदर्शन जारी रखा जिसके परिणामस्वरूप उन्हें 21वें मिनट में पहली सफलता मिल। भारत की अन्नू ने 21वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक से गोल कर टीम को 1-0 की अहम बढ़त दिला दी।
इस बीच कोरियाई टीम को भारत की ग़लतियों की वजह से कई पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गोल करने की उनकी हर कोशिश नाकाम रही।
24वें मिनट में दक्षिण कोरिया ने पलटवार किया और मैदान की दायीं ओर से पार्क सेओ येओन की शानदार रन और स्ट्राइक की बदौलत स्कोर को 1-1 से बराबर कर मैच का पारा हाई कर दिया। भारतीय गोलकीपर माधुरी किंडो के पास इस शॉट को रोकने का कोई मौक़ा नहीं था।
इस तरह पहला हाफ़ 1-1 की बराबरी पर ख़त्म हुआ जहां दक्षिण कोरियाई टीम के पास गोल करने कई मौक़े आए लेकिन वे उन्हें भुनाने में नाक़ामयाब रहे। हालांकि, अन्नू के गोल के बाद कोरियाई टीम ने वापसी करते हुए स्कोर को बराबर किया।
फ़ाइनल के रोमांच के बीच दूसरा हाफ़ भी बेहद आक्रामक रूप से शुरू हुआ और भारत की ओर से नीलम ने 40वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर से गोल कर मैच का रूख़ पलट दिया। यहां से तीसरे क्वार्टर में कोई और गोल नहीं हुआ और भारत ने ख़िताबी जीत की ओर क़दम बढ़ाते हुए 2-1 की मज़बूत बढ़त बनाए रखी।
चौथे और निर्णायक क्वार्टर की शुरुआत में ही स्कोर को बराबर करने के इरादे से दक्षिण कोरियाई खिलाड़ियों ने भारतीय सर्किल को भेदने में क़ामयाबी हासिल की लेकिन टीम इंडिया के डिफ़ेंस ने अपनी जोरदार लय बरक़रार रखी और अपनी बढ़त को कम नहीं होने दिया। यहां से प्रीति ब्रिगेड ने बिना कोई ग़लती किए दक्षिण कोरिया को भारत के गोलपोस्ट तक पहुंचने का कोई मौक़ा नहीं दिया और मैच को 2-1 से जीतकर इतिहास क़ायम किया।
ग़ौरतलब है कि इससे पहले महिला जूनियर एशिया कप में भारतीय टीम को कभी जीत नहीं मिली थी। उनका बेहतरीन प्रदर्शन साल 2012 में आया था जब वूमेन इन ब्लू उप-विजेता रही थी।
इस महीने की शुरुआत में, भारत ने फ़ाइनल में चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर पुरुषों के जूनियर एशिया कप हॉकी का ख़िताब भी जीता था।