FIH जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप: जर्मनी की पुरुष टीम का रहा है दबदबा, नीदरलैंड की महिला टीम रही है सबसे आगे

जर्मनी की टीम ने FIH जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप को छह बार जीतकर इतिहास रचा है, जबकि नीदरलैंड की महिला टीम सबसे सफल टीम रही है, उन्होंने पांच बार इस खिताब को अपने नाम किया है।

4 मिनटद्वारा रौशन कुमार
Germany vs Argentina in men's junior hockey World Cup 2021 final
(Hockey India)

ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित एफआईएच पुरुष जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप 2021 में अर्जेंटीना ने फाइनल में छह बार की चैंपियन जर्मनी को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। जबकि फ्रांस और भारतीय हॉकी टीम क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर रही।

पुरुषों और महिलाओं का FIH जूनियर वर्ल्ड कप हर चार साल पर आयोजित किया जाता है। यह दुनिया के युवा खिलाड़ियों के लिए शानदार मौका होता है, जहां वह अपनी प्रतिभा के दम पर विश्व स्तर पर एक अलग पहचान हासिल करने का सुनहरा अवसर होता है।

जितने भी खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं उनकी उम्र दिसंबर में और टूर्नामेंट शुरु होने से पहले 21 वर्ष से कम होनी चाहिए।

पहला जूनियर विश्व कप साल 1979 में खेला गया था। यह सिर्फ पुरुषों के लिए आयोजित किया गया था और यह एक आमंत्रण टूर्नामेंट था।

FIH हॉकी पुरुष जूनियर हॉकी विश्व कप में पहले 12 टीमें हुआ करती थीं। वहीं, साल 2001 में इसे बढ़ा कर 16 टीमों का कर दिया गया था। हालांकि, साल 2009 में 20 टीमों ने इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था।

वहीं, उद्धाटन समारोह में पाकिस्तान ने पुरुषों की जूनियर हॉकी विश्व कप के फाइनल मुकाबले में वेस्ट जर्मनी को 2-0 से हराकर खिताब जीता था।

हालांकि, इसके बाद वेस्ट जर्मनी ने इस प्रतियोगिता में अपना दबदबा बनाया और टूर्नामेंट जीतने की हैट्रिक लगाई। जहां उन्होंने यह खिताब साल 1982, 1985 और 1989 में अपने नाम किया। उसके बाद जर्मनी की टीम ने 1993 में चौथी बार खिताब पर कब्जा जमाया।

ऑस्ट्रेलिया ने उसके बाद जर्मनी के विजय अभियान को रोका और साल 1997 में भारत को 3-2 से हराकर खिताब अपने नाम किया। यह पहला मौका था जब भारतीय टीम ने पुरुष हॉकी जूनियर विश्व कप में शीर्ष चार में जगह बनाई थी।

इसके बाद भारतीय टीम ने साल 2001 में अर्जेंटीना को 6-1 से हराकर पहली बार खिताब जीता।

अर्जेंटीना ने अपना पहला खिताब साल 2005 में जीता था, जबकि इसी टूर्नामेंट में जर्मनी टीम इतिहास में पहली बार शीर्ष तीन में जगह बनाने में असफल रही थी।

जर्मनी ने अपना पांचवां और छठा खिताब 2009 और 2013 में हासिल किया। उसके बाद भारत ने अपना दूसरा खिताब साल 2016 में जीता। भारत दूसरी ऐसी टीम बनी, जिसने एक से अधिक बार पुरुष जूनियर वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। अर्जेंटीना साल 2021 में टूर्नामेंट जीतकर ऐसा करने वाला तीसरा देश बन गया।

FIH मेंस जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप विनर्स

FIH महिला जूनियर विश्व कप का पहला संस्करण पुरुषों के विश्व कप के एक दशक बाद साल 1989 में खेला गया था। जहां इस प्रतिस्पर्धा में नीदरलैंड की टीम तीन बार खिताब जीत कर अभी तक की सबसे सफल टीम है।

इस टूर्नामेंट का पहला तीन संस्करण 12 टीमों के बीच खेला गया था, उसके बाद साल 2005 से इसे 16 टीमों के साथ खेला जा रहा है।

वेस्ट जर्मनी की टीम ने दक्षिण कोरिया को फाइनल में 2-0 से हराकर पहली बार महिला जूनियर हॉकी विश्व कप का खिताब जीता था। जर्मन पुरुष और महिला की टीमों ने इसी साल एक साथ दोनों खिताब अपने नाम किया था।

डच महिलाओं ने साल 1997 में पहली बार खिताब जीता था और फिर 2009 और 2013 में लगातार दो खिताब अपने नाम किया।

अर्जेंटीना ने 1993 और 2016 का संस्करण जीता था और इसके अलावा उन्होंने चार बार (2001, 2009, 2013 और 2023) फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन इस दौरान टीम उपविजेता रही।

इसके साथ ही दक्षिण कोरिया ने भी महिला जूनियर हॉकी विश्व कप का खिताब जीता है। उन्होंने 2001 और 2005 में लगातार दो बार खिताब अपने नाम किया है।

भारत का अभी तक का सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 2013 के संस्करण में देखने को मिला था, जब महिला जूनियर वर्ल्ड कप में टीम तीसरे स्थान पर रही थी। वहीं, साल 2022 में टीम को कांस्य पदक मैच में इंग्लैंड से हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद टीम को चौथे स्थान पर रहकर संतोष करना पड़ा। 

FIH वूमेंस जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप विनर्स

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