कौन हैं भारत की उभरती एथलेटिक्स सनसनी शैली सिंह? जानिए, उनके बारे में 5 खास बातें 

लॉन्ग जम्पर ने रविवार को वर्ल्ड एथलेटिक्स अंडर-20 चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।  

5 मिनटद्वारा दिनेश चंद शर्मा
India's Shaili Singh.
(Twitter/SAI Media)

अगली अंजू बॉबी जॉर्ज (Anju Bobby George) के रूप में मानी जा रहीं शैली सिंह (Shaili Singh) ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहली बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने रविवार को केन्या के नैरोबी में विश्व एथलेटिक्स अंडर-20 चैंपियनशिप में लॉन्ग जम्प में रजत पदक जीता। 

झांसी की एथलीट ने हवा की सहायता से 6.59 मीटर की छलांग लगाकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया। वह गोल्ड मेडल हासिल करने 0.01 मीटर से चूक गईं और स्वीडन की माजा असकाग (Maja Askag) (6.60 मीटर) से पीछे रह गईं। 

यह मार्की जूनियर इवेंट में भारत के लिए तीसरा पदक था। इससे पहले रेस वॉकर अमित खत्री ने रजत और 4×400 मीटर मिश्रित रिले टीम ने कांस्य पदक जीता।  

जैसा कि 17 वर्षीय शैली ने आने वाले सालों में बड़ी सफलता की उम्मीद जगाई है। आइए, एक नजर डालते हैं उनके अब तक के सफर पर:

**झांसी की रहने वालीं  **

शैली सिंह का जन्म 7 जनवरी, 2004 को भारत की योद्धा रानी लक्ष्मीबाई के शहर झांसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था। 

उनकी परवरिश सिंगल मदर विनीता ने की थी। विनीता सिंह ने अपने छोटे से सिलाई व्यवसाय से तीन बच्चों- दो लड़कियों और एक लड़के को पाला।  

**नंगे पांव लिया प्रशिक्षण **

शुरुआती दिन शैली के लिए बहुत मुश्किल थे। क्योंकि, उनकी मां उसके लिए जूते नहीं खरीद सकती थी। इस कारण उसे नंगे पैर प्रशिक्षण लेना पड़ता था। यह एक ऐसा समय भी था, जब उनका परिवार मुश्किल से तीन वक्त का खाना भी जुटा पाता था। 

शैली ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “स्पाइक्स को भूल जाइए, हम सामान्य जूतों की एक जोड़ी भी नहीं खरीद सकते थे। मैंने अपने स्कूल के लड़कों को दौड़ में प्रतिस्पर्धा करते देखा और सोचा कि 'अगर वे कर सकते हैं तो मैं क्यों नहीं'? मैं नंगे पांव दौड़ने लगी और अक्सर अपने पैरों में छाले लेकर घर लौटती थी। मेरी मां ये देखकर रो पड़ती।” 

**एथलेटिक्स की ओर किया प्रेरित  **

हालांकि, उनकी मां की आय कम थी, फिर भी उन्होंने युवा शैली को खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। 

वास्तव में, उनकी मां ने ही उन्हें एक जूनियर मीट में भाग लेने के लिए कहा, जिसके कारण उसका चयन लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल में हुआ और बाद में अंजू बॉबी जॉर्ज और उनके पति और प्रसिद्ध कोच रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज (Robert Bobby George) ने बैंगलोर में भारतीय खेल प्राधिकरण परिसर में ले लिया। 

शैली ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मेरी मां ने अखबार में पढ़ा कि एक चयन ट्रायल आयोजित किया जा रहा है और मुझसे कहा कि अगर मैं इच्छुक हूं, तो इसमें भाग ले सकती हूं। वह जानती थीं कि मुझे खेलों में दिलचस्पी है, इसलिए उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया।” 

 “मैं पहले झांसी में और फिर लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में चयन ट्रायल में पहुंची। मुझे लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल का हिस्सा बनने के लिए चुना गया था, जहां मैंने बैंगलोर जाने से पहले लगभग पांच महीने बिताए थे। राष्ट्रीय शिविर में ही मुझे लॉन्ग जम्प की तकनीक, आहार और आराम और स्वस्थ होने के महत्व के बारे में सिखाया गया था। मैं बैंगलोर जाने के बाद से अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ में एक मीटर सुधार करने में सक्षम हूं।” 

**हीरे को मिला तराशने वाला   **

रॉबर्ट ने पहली बार विजयवाड़ा के मंगलागिरी में 2017 की राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लड़कियों की अंडर-14 लॉन्ग जम्प फाइनल में शैली की प्रतिभा को देखा था। हालांकि, वह मीट नहीं जीत पाई या उसके पास सबसे अच्छी तकनीक भी नहीं थी। लेकिन, वह जानते थे कि युवा खिलाड़ी में विशेष कुदरती प्रतिभा है। 

एक हफ्ते बाद, भारतीय एथलेटिक्स की दिग्गज अंजू ने उसे देखा और जानती थी कि उनके पति उसको लेकर कुछ कर रहे हैं। 

द हिंदू ने 2003 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली अंजू के हवाले से कहा, "जब हम एक एथलीट को देखते हैं, तो हमें पता चल जाता है कि वह कैसे विकसित हो सकती है। जब मैंने शैली की मांसपेशियों का निर्माण, उसकी विस्फोटकता, प्रतियोगिता के दौरान उसकी आक्रामकता को देखा, तो मुझे लगा कि उसमें एक शीर्ष जम्पर बनने के सभी गुण हैं।" 

**अंजू जॉर्ज और रॉबर्ट जॉर्ज के साथ प्रशिक्षण **

रॉबर्ट के लिए सबसे खास बात यह थी कि शैली के पास औपचारिक प्रशिक्षण बहुत कम था। उसके कूदने की तकनीक न के बराबर थी, जिसका मतलब था कि उन्हें बुरी आदतों को छुड़ाने में बहुत ज्यादा समय खर्च नहीं करना पड़ा। 

रॉबर्ट ने उनकी मां विनीता को बुलाया और उन्हें बिना किसी आशंका के शैली को घर से दूर लखनऊ से बैंगलोर भेजने के लिए तैयार किया। 

भले ही शैली जूनियर नेशनल कैंप में रहती हैं और केंगेरी में SAI हॉस्टल में रहती हैं, लेकिन उन्हें अंजू बॉबी जॉर्ज फाउंडेशन का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने अपने सभी एथलीटों को ब्लड और जैव-यांत्रिक टेस्टों के माध्यम से रखा। फाउंडेशन उनकी शिक्षा, सामान और यात्रा में भी सहयोग करता है। 

औपचारिक लॉन्ग जम्प प्रशिक्षण शुरू करने के एक साल बाद शैली ने तेजी से राष्ट्रीय एथलेटिक्स परिदृश्य में सुर्खियां हासिल की। उन्होंने नवंबर, 2019 में जूनियर नेशनल में 6.15 मीटर की छलांग के साथ अंडर-16 राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। जून, 2021 में उन्होंने राष्ट्रीय इंटर स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 6.48 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता। 

अंजू बॉबी जॉर्ज का मानना है कि शैली उनके एथेंस 2004 में बनाए गए 6.83 मीटर के राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ देगी।