अगर हम कुछ महीने पहले की बात करें तो बेहद कम लोग ही भारतीय ट्रिपल जंपर एल्डोस पॉल के बारे जानते थे। लेकिन, कुछ ही महीनों के भीतर इस एथलीट ने कड़ी मेहनत की बदौलत भारतीय और विश्व एथलेटिक्स में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
8 अगस्त, 2022 को, एल्डोस पॉल ने बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल में पुरुषों की ट्रिपल जंप स्पर्धा में भारत के लिए ऐतिहासिक पहला स्वर्ण पदक जीता था। इससे कुछ हफ्ते पहले, एल्डोस पॉल ने ओरेगन में हुए विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई कर इतिहास रच दिया था। वे इस प्रतियोगिता के फाइनल तक पहुंचने वाले पहले भारतीय ट्रिपल जंपर हैं।
अपने उम्र के तीसरे दशक के मध्य में सफलता की ऊंचाई को छूने वाले केरल के इस खिलाड़ी के बारे में यह कहना ग़लत नहीं होगा उन्होंने सफलता का स्वाद थोड़ी देर से चखा है। 25 वर्षीय एल्डोस पॉल, अपनी जीत और सफलता के लिए वर्षों की दृढ़ता को सबसे बड़ा कारण मानते हैं।
ऐतिहासिक स्वर्ण जीतने से एक दिन पहले एल्डोस पॉल ने स्पोर्टस्टार से बातचीत में कहा था, "यह कोई जादू की छड़ी जैसा नहीं था या ऐसा कुछ नहीं था कि किसी एक बड़ी घटना ने मुझे यहां तक पहुंचा दिया। बल्कि इस सफलता के पीछे हजारों ऐसी छोटी-छोटी चीज़ें थीं जो मैं लगातार करता रहा। उन्हीं सारी चीज़ों ने एक साथ मिलकर मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है जहां मैं हूं।"
एल्डोस पॉल कहां से हैं?
एल्डोस पॉल का जन्म 7 नवंबर 1996 को केरल के एर्नाकुलम शहर से 26 किमी दूर एक ग्रामीण इलाके में हुआ था जिसका नाम कोलेनचेरी है। जब पॉल सिर्फ चार साल के थे तब उनकी मां मरियाकुट्टी का निधन हो गया।
उनके पिता एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते थे। उन्होंने ही एल्डोस पॉल और उनके छोटे भाई अबिन की देखभाल और पालन-पोषण किया। उनकी दादी मरियम्मा ने उनकी मां की कमी को पूरी करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी।
राष्ट्रमंडल खेल 2022 के फाइनल में इतिहास रचने से पहले एल्डोस पॉल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "यह बिना बोले समझ लेने वाली बात है कि मैं उनके (मरियम्मा) बिना वह बिल्कुल नहीं होता जो मैं आज हूं। उन्होंने मां के गुजर जाने के बाद वह सब कुछ किया जो एक मां अपने बच्चों के लिए करती है। उन्होंने न सिर्फ मुझे पाला बल्कि मुझे जीवन के सभी मूल्यों से भी वाक़िफ़ कराया।"
एल्डोस पॉल ने अलंगद के कृष्णन एलयाथ मेमोरियल हाई स्कूल से पढ़ाई की। अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए एल्डोस ने स्कूल के बाद छत बनाने या रबर टैपिंग जैसे काम भी किए।
एल्डोस पढ़ाई के मामले में औसत थे और खेलों में उनकी रूचि शुरू से काफ़ी थी। ऐसे में उन्हें पता था कि अगर उन्हें एक अच्छी नौकरी हासिल करनी है तो उन्हें अपने इस शौक को आगे ले जाना होगा।
एल्डोस पॉल ने पोल वॉल्टर के रूप में अपने स्पोर्ट करियर की शुरुआत की और स्कूल की प्रतियोगिताओं में कई पदक भी जीते। खेल में उनके शानदार प्रदर्शन की मदद से उन्हें खेल कोटा के तहत कोठामंगलम के मार अथानासियस कॉलेज में आसानी से दाखिला मिल गया।
जब एल्डोस ने लॉन्ग जंप (लंबी कूद) और ट्रिपल जंप की तरफ अपना रुख़ किया तब उनकी प्रतिभा को पूर्व राष्ट्रीय जंपिंग कोच टीपी ओसेफ ने सही दिशा दी। बता दें कि उन्होंने ही दिग्गज एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज और बॉबी एलॉयसियस को अंतरराष्ट्रीय सफलता हासिल करने में मदद की थी। .
टीपी ओसेफ ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "एल्डोस बेहद प्रतिभाशाली थे लेकिन अपरिपक्व थे और उनमें तजुर्बे की बहुत कमी थी। जब वह स्पोर्ट्स कोटे के तहत कॉलेज में दाखिल हुए, तो उनकी अधिकतम छलांग लगभग 13.40 मीटर थी - जो कि लंबी कूद में महिला एथलीटों द्वारा हासिल की गई दूरी थी।"
एल्डोस पॉल ने बाद में भारतीय नौसेना में नौकरी हासिल की और घरेलू प्रतियोगिताओं में नौसेना का प्रतिनिधित्व किया। भारतीय ट्रिपल जंपर ने 19 वर्ष की आयु तक जिला स्तर से ऊपर कोई प्रतिस्पर्धा नहीं की थी।
एल्डोस पॉल के पदक और उनकी उपलब्धियां
एल्डोस की लंबाई (5 फीट 8 इंच) दूसरे ट्रिपल जंपर्स की तुलना अपेक्षाकृत कम थी। इसके बावजूद, उन्होंने धीरे-धीरे अपने खेल में प्रगति की और 2018-19 में सर्विसेज और राज्य चैंपियनशिप में पोडियम पर जगह हासिल की।
हालांकि, उन्हें बहुप्रतीक्षित सफलता साल 2021 में मिली जब उन्होंने तीन भारतीय ग्रां प्री एथलेटिक्स स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने अपना पहला राष्ट्रीय ख़िताब हासिल करने के लिए पटियाला में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जीत दर्ज की।
एल्डोस पॉल ने जून 2022 में अल्माटी में पहली बार भारत के बाहर किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। यह 2022 में हुए ओरेगन में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने का उनका आख़िरी प्रयास था।
एल्डोस पॉल ने रजत पदक जीता और रैंकिंग के माध्यम से विश्व चैंपियनशिप के लिए चुने गए 32 सदस्यीय ट्रिपल जंप इवेंट के लिए अपना स्थान पक्का किया। केरल के एथलीट को अमेरिकी वीजा हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी और ओरेगन में चैंपियनशिप के शुरु होने से एक दिन पहले 14 जुलाई को ही वह रवाना हो पाए।
अपने कोच हरि कृष्णन के बिना ओरेगन में एल्डोस पॉल ने सभी बाधाओं को पार करते हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहुंचने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव हासिल किया। उनके कोच वीजा नहीं होने के कारण ओरेगन नहीं जा सके थे।
2022 में हुए फेडरेशन कप में 16.99 मीटर की व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाने वाले एल्डोस पॉल ने फाइनल में जगह बनाने के लिए 16.68 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाई।
भारतीय ट्रिपल जंपर ने फाइनल में 16.79 मीटर के प्रयास के साथ 12 विश्व स्तरीय प्रतियोगियों के बीच एक सराहनीय प्रदर्शन करते हुए 9वां स्थान हासिल किया।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक
बर्मिंघम 2022 में, एक बार फिर से एल्डोस पॉल बिना अपने कोच के प्रदर्शन कर रहे थे। राष्ट्रमंडल खेल में पुरुषों की ट्रिपल जंप में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीतने की उनकी शुरुआत ख़राब रही थी। लेकिन उन्होंने इससे उभरते हुए एक शानदार वापसी की और इतिहास रच दिया।
पॉल ने पहले दो राउंड में 14.62 मीटर और 16.30 मीटर की छलांग लगाकर धीमी शुरुआत की। वह इस धीमी शुरुआत के कारण पदक की दौड़ से लगभग बाहर हो गए थे। लेकिन, उनकी तीसरी छलांग ने पूरा गेम ही बदल दिया। एल्डोस पॉल ने अपने करियर में पहली बार 17 मीटर के निशान को पार किया और 17.03 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ तालिका में शीर्ष पर पहुंच गए।
इसके अलावा, अब्दुल्ला अबूबकर के 17.02 मीटर की छलांग के साथ भारत के दो एथलीटों ने पोडियम पर जगह बनाई। हालांकि, तीसरे भारतीय प्रवीण चित्रवेल 16.89 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ चौथे स्थान पर रहे और पदक से चूक गए।
बर्मिंघम 2022 से पहले, भारत ने राष्ट्रमंडल खेल की ट्रिपल जंप स्पर्धा में सिर्फ चार पदक जीते थे। इसमें मोहिंदर सिंह गिल का साल 1970 और साल 1974 में जीता गया क्रमशः कांस्य पदक और रजत पदक, राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक रंजीत माहेश्वरी के द्वारा साल 2010 में जीता गया कांस्य पदक और अरपिंदर सिंह के द्वारा साल 2014 में जीता गया कांस्य पदक शामिल था।
एल्डोस पॉल का रिकॉर्ड
- विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की ट्रिपल जंप फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय - ओरेगन 2022
- राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय ट्रिपल जंपर - बर्मिंघम 2022
- व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ - बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल 2022 में 17.03 मीटर