किसी प्रतियोगिता के दौरान चौथा स्थान हासिल कर पदक जीतने से महज़ कुछ अंतर से चूक जाना एक एथलीट के लिए बेहद निराशाजनक है। भारत के ट्रिपल जंपर प्रवीण चित्रवेल राष्ट्रमंडल खेल 2022 में इस भावना का एहसास कर चुके हैं जब वे महज़ कुछ अंतर से पोडियम पर जगह बनाने में असफल रहे थे।
हालांकि, यह बात बिल्कुल सही है कि क़रीबी अंतर से पदक से चूकना और इससे मिली निराशा से कई बार उभरना बेहद मुश्किल होता है। लेकिन, 21 वर्षीय प्रवीण चित्रवेल को ऐसे मुश्किल वक़्त में उनके आदर्श और ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा के सांत्वना से भरपूर मैसेज ने काफ़ी हद तक प्रेरित किया।
Olympics.com से बातचीत में प्रवीण चित्रवेल ने बताया, "राष्ट्रमंडल खेल 2022 में बारीक अंतर से पोडियम पर जगह बनाने में असफल होने के बाद नीरज चोपड़ा ने मुझे इंस्टाग्राम पर मैसेज किया। वे वाक़ई में एक महान आदर्श हैं और काफ़ी लोगों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।"
"उन्होंने (चोपड़ा) सबसे पहले मुझे मेरी निरंतरता के लिए बधाई दी। इसके बाद उन्होंने कहा कि मुझे हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। साथ ही उन्होंने मुझे मोटिवेट करते हुए कहा कि मेरे अंदर एशियाई खेलों और साल 2023 में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन करने की क्षमता है।"
ये बातें प्रवीण चित्रवेल के लिए महत्वपूर्ण साबित हुईं, जिन्होंने साल 2023 के अपने पहले बड़े टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। चित्रवेल ने साल की अपनी पहली प्रतियोगिता, एशियाई इंडोर चैंपियनशिप में न सिर्फ़ रजत पदक जीता बल्कि 16.98 मीटर के प्रयास के साथ नेशनल इनडोर रिकॉर्ड भी तोड़ा।
प्रवीण चित्रवेल का लक्ष्य अब रंजीत माहेश्वरी के रिकॉर्ड को तोड़ना और उससे आगे बढ़ते हुए नया रिकॉर्ड क़ायम करना है। माहेश्वरी ने साल 2016 में 17.30 मीटर की छलांग के साथ आउटडोर नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
चित्रवेल ने बताया, "अगर हम तय की गई दूरियों को हासिल करने में सफल रहे, तो मुझे एशियाई खेलों में पदक जीतने के अलावा विश्व चैंपियनशिप और डायमंड लीग में भी अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी। यही वजह है मुझे निश्चित रूप से राष्ट्रीय रिकॉर्ड को लक्ष्य बनाने की ज़रूरत है। यह मेरी पहली प्राथमिकताओं में से एक है।"
पेरिस 2024 ओलंपिक पर नज़र
अपने रोल मॉडल नीरज चोपड़ा की तरह, प्रवीण चित्रवेल भी ओलंपिक पदक जीतने के लिए प्रयासरत हैं। पेरिस, जहां 2024 ग्रीष्मकालीन खेलों का आयोजन होगा, भारतीय एथलीट के दिल में एक विशेष स्थान रखता है।
चित्रवेल ने मज़ाकिया लहजे में कहा, "मैं साल 2021 में एक प्रतियोगिता के लिए पेरिस में था और वहां मैंने एफ़िल टावर देखा। यह इतना भव्य और मनोरम था कि मैंने ख़ुद से कहा कि मैं इस नज़ारे को एक बार फिर से देखने के लिए पेरिस 2024 ओलंपिक में हिस्सा ज़रूर लूंगा।"
"लेकिन उसके लिए भी, मुझे प्रक्रिया पर भरोसा करने की ज़रूरत है और इस स्तर पर इसके बारे में ज़्यादा नहीं सोचना चाहिए। मेरा पहला लक्ष्य राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ना और उससे आगे निकलना है। इसके बाद मैं एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप की चुनौती को सफलतापूर्वक पार करना चाहता हूं।"
युवा ओलंपिक खेलों में पदक जीतने से मिली प्रेरणा
प्रवीण चित्रवेल भारत के घरेलू प्रतियोगिताओं में नियमित रूप से हिस्सा लेते रहे हैं और उन्होंने साल 2016 से लगातार पदक जीते हैं। ब्यूनस आयर्स में आयोजित युवा ओलंपिक खेल 2018 में कांस्य पदक जीतने के बाद भारतीय एथलेटिक्स के मानचित्र पर वे उभरकर सामने आए।
प्रवीण चित्रवेल के अनुसार, युवा ओलंपिक में पदक जीतने के बाद उन्हें उतनी ही ख़ुशी और गर्व का एहसास हुआ, जितना टोक्यो 2020 में नीरज चोपड़ा को ओलंपिक पदक जीतते हुए देखकर हुआ था।
चित्रवेल ने कहा, "जैसे ही मैंने ब्यूनस आयर्स 2018 में कांस्य पदक जीता, मेरा पूरा जीवन ही बदल गया। मुझे स्पॉन्सरशिप मिलने लगी जिसकी मुझे सख़्त ज़रूरत थी और दो महीने बाद मुझे सीनियर एशियाई चैंपियनशिप के लिए भी चुना गया।"
"यह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से गर्व का क्षण था और मैनें ऐसा ही गौरवान्वित तब भी महसूस किया था जब नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा पल था और मेरे करियर के लिए बिल्कुल सही और सटीक शुरुआत थी।"
तमिलनाडु से ताल्लुक़ रखने वाले प्रवीण चित्रवेल, विजयनगर में स्थित इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (IIS) को अपना नया घर कहते हैं। वे 2 मार्च को IIS विजयनगर में राष्ट्रीय कूद प्रतियोगिता में शिरकत करेंगे।
चित्रवेल ने कहा, "मैं यहां आईआईएस विजयनगर में चार साल से अधिक समय से प्रशिक्षण ले रहा हूं। मैं साल में सिर्फ़ एक बार घर जाता हूं, इसके अलावा यही जगह मेरे लिए सब कुछ है।"