#StrongerTogether: डोनोवन कैरिलो, परिवार की मदद से एक ओलंपिक सपने को किया पूरा

30 सालों में पहली बार ओलंपिक में फिगर स्केटिंग में प्रतिस्पर्धा करने वाले मेक्सिकन एथलीट डोनोवन कैरिलो के लिए ये उनके माता-पिता की मदद और उनकी प्रेरणा के बिना संभव नहीं होता।

4 मिनटद्वारा रौशन प्रकाश वर्मा
Donovan Carrillo during the short program in Beijing 2022
(GETTY IMAGES)

#StrongerTogether अभियान 2022 के संदेश को इस लाइन के द्वारा संक्षेपित किया जा सकता है: "हर उतार-चढ़ाव और हर जीत में हम एक साथ हैं।"

जब हम एक दूसरे पर विश्वास करते हैं, तो हम अविश्वसनीय काम को भी पूरा सकते हैं। जब हमें दूसरों का विश्वास हासिल होता है तो हम खुद पर विश्वास करने के लिए प्रेरित होते हैं।

जब हमें स्वयं पर भरोसा पर होता है तब हम हर उतार-चढ़ाव और हर जीत के माध्यम से लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।

ये बात मेक्सिकन फिगर स्केटर डोनोवन कैरिलो के सपने के अतीत और वर्तमान में बिल्कुल फिट बैठता है। कैसे उनके परिवार ने उन्हें ओलंपिक गेम्स तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया और उनकी मदद की।

मेक्सिको जैसे गर्म मौसम वाले जगह पर जहां आइस इवेंट्स का काफी कम चलन है, वहां विंटर गेम्स का चयन करना बेहद ख़ास और बहादुरी का काम है। लेकिन 22 वर्षीय कैरिलो इससे आगे बढ़ चुके हैं। 30 वर्षों में वो पहले मेक्सिकन हैं जो विंटर ओलंपिक गेम्स बीजिंग 2022 के फिगर स्केटिंग इवेंट में प्रतिस्पर्धा करेंगे।

आठ साल की उम्र में इस खेल से परिचय होने से लेकर 14 साल बाद विंटर गेम्स तक पहुंचने का सफर मेक्सिकन स्केटर के लिए आसान नहीं रहा।

कैरिलो कहते हैं - मेरे देश में फिगर स्केटिंग चुनना आम नहीं था। जब आप मेक्सिको में आठ साल के होते हैं, तब आप फुटबॉल खेल रहे होते हैं। सौभाग्य से मुझे बहुत जल्दी एहसास हुआ कि फुटबॉल मेरे लिए नहीं था। ओलंपिक चैनल के ओरिजिनल सीरीज़ विंटर ट्रैक्स में अपनी कहानी बताने के दौरान, मुस्कुराते हुए कैरिलो कहते हैं - मेरे दो बाएं पैर थे, मैं इसमें बहुत बुरा था।"

पारिवारिक संबंध: घर से मिली प्रेरणा

रिंक के बाहर आलोचनाओं के बावजूद उनका परिवार इस यात्रा में एक बुनियादी स्तंभ रहा है।

कैरिलो ने बताया कि फिगर स्केटिंग के प्रैक्टिस के दौरान उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन मैंने कभी भी उन टिप्पणियों से अपने फैसले को प्रभावित नहीं होने दिया। उन्होंने आगे कहा, "अपने परिवार की मदद के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं, जिसके कारण मैं उन टिप्पणियों को अनदेखा करने में कामयाब रहा जो मुझे बढ़ने में मदद नहीं कर रही थीं और मैंने उन्हें महत्व देना बंद कर दिया। मैंने केवल वही करने पर ध्यान केंद्रित किया जो मुझे पसंद है, जो स्केटिंग है।"

कैरिलो को अपनी ट्रेनिंग में पैसों की बाधा भी झेलनी पड़ी। उनके माता-पिता ने ये महसूस किया कि एक ऐसे देश में जहां इसे हाई-लेवल पर प्रैक्टिस करने के लिए सीमित बुनियादी ढ़ांचा है, वहां फिगर स्केटिंग एक सस्ता खेल नहीं है। ऐसे में कैरिलो को अपने सपनों को पूरे करने के लिए पैसों की जरूरत थी। वास्तव में, वे एक शॉपिंग सेंटर में एक सार्वजनिक आइस रिंक पर ट्रेनिंग लेते हैं।

कैरिलो की मां डायना कहती हैं, “पैसा हमारे लिए सबसे कठिन पहलू था। हमें एक महीने के लिए अपने बच्चों को स्केटिंग से वापस लेने के विकल्प पर विचार करना पड़ा क्योंकि हम स्केटिंग का खर्च नहीं उठा सकते थे। उन्होंने कहा कि ये बात मैंने गोयो [ग्रेगोरियो नुनेज़, डोनोवन के कोच] को बताया था।”

हालांकि, उनकी सारी कोशिश रंग लाई।

उनके पिता एडॉल्फो कहते हैं, "सब कुछ मुश्किल था, लेकिन मुझे लगता है कि यह इसके लायक है। हमारे पास पैसे नहीं हैं, लेकिन हमारे बच्चे [डोनोवन और उनकी बड़ी बहन] खुश हैं।"

डोनोवन कैरिलो: बड़े सपनों वाला एक ओलंपियन

डोनोवन के ओलंपिक सपने की शुरुआत घर से हुई। उनके माता-पिता ने उन्हें प्रेरित किया।

उन्होंने कहा, "ओलंपिक खेलों तक पहुंचना अमूल्य है। “जब मैं बच्चा था, मेरे माता-पिता ने मुझे समझाया कि ओलंपिक तक पहुंचने का क्या मतलब है, और हर किसी को यहां तक पहुंचने का मौका नहीं मिलता है। इस बात को समझने के बाद मेरे लिए ओलंपिक में क्वालीफाई करना और भी अधिक मूल्यवान हो गया।”

अपने ओलंपिक सपने को साकार करने के लिए, डोनोवन को 2013 में अपने कोच ग्रेगोरियो के साथ ग्वाडलाजारा से लियोन जाना पड़ा।

कैरिलो ने बताया, “जब मैंने ओलंपिक तक पहुंचने के अपने यात्रा की शुरुआत करने के लिए घर छोड़ा तो यह मेरे लिए और मेरे माता-पिता के लिए काफी कठिन था। इस अलगाव के कारण हमें काफी नुकसान भी हुआ। हालांकि हम फोन और वीडियो चैट के माध्यम से संपर्क में रहने की कोशिश करते थे लेकिन ये एक-साथ रहने जैसा नहीं था।”

मेक्सिको में चार बार के चैंपियन, कैरिलो ने 2021 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में 20 वां स्थान हासिल करके अपना ओलंपिक बर्थ हासिल किया, जो बीजिंग 2022 के लिए क्वालीफाइंग इवेंट्स में से एक है।

इस क्षण तक पहुंचने के लिए वर्षों की मेहनत में कैरिलो का फिगर स्केटिंग करियर शामिल था। ये वो मंजिल थी जिसे वो एक युवा लड़के का सपना कहते हैं जिसने कभी हार नहीं मानी।

लेकिन उससे भी ज्यादा, ये सिर्फ उनका सपना नहीं था, बल्कि ये उनके पूरे परिवार का सपना था जहां तक वो अपने परिवार की मदद से ही पहुंच सके।

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