SAFF चैंपियनशिप एक अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल टूर्नामेंट है जिसमें मुख्य रूप से दक्षिण एशियाई उपमहाद्वीप की टीमें हिस्सा लेती हैं। इसका आयोजन दक्षिण एशियाई फ़ुटबॉल महासंघ (SAFF) द्वारा किया जाता है, जो एशियाई फ़ुटबॉल परिसंघ (AFC) के तहत पांच उप-संघों में से एक है।
भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और मालदीव साल 1997 में SAFF के छह संस्थापक सदस्य थे। भूटान 2000 में SAFF में शामिल हुआ, जिससे सदस्य देशों की संख्या बढ़कर सात हो गई। अफ़गानिस्तान 2005 में SAFF का सदस्य बना लेकिन 2015 में मध्य एशियाई फ़ुटबॉल एसोसिएशन (CAFA) में चला गया।
दक्षिण एशियाई देशों के लिए फ़ुटबॉल चैंपियनशिप का पहला संस्करण SAFF के गठन से चार साल पहले 1993 में आयोजित किया गया था।
साल 1993 में इस टूर्नामेंट को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC) गोल्ड कप के रूप में जाना जाता था। 1995 में इसे दक्षिण एशियाई गोल्ड कप में बदल दिया गया और 1997 से 2005 तक इसका नाम बदलकर SAFF गोल्ड कप कर दिया गया। 2008 से इस टूर्नामेंट को SAFF चैंपियनशिप के रूप में जाना जाता है।
पाकिस्तान के लाहौर में खेले गए उद्घाटन संस्करण में भारत ने ख़िताब अपने नाम किया था, जबकि श्रीलंका की टीम उपविजेता रही थी। इस टूर्नामेंट को एकल राउंड-रॉबिन लीग फ़ार्मेट में खेला गया था, जिसमें कोई भी नॉकआउट गेम नहीं था।
साल 1993 का संस्करण ही एकमात्र ऐसा मौक़ा था जब टूर्नामेंट में कोई नॉकआउट गेम नहीं था। भारतीय फ़ुटबॉल के दिग्गज आईएम विजयन ने भारत के लिए चार में से तीन गोल किए और टूर्नामेंट के शीर्ष गोलस्कोरर रहे।
SAFF महिला चैंपियनशिप 2010 में बांग्लादेश में शुरू की गई थी। भारतीय महिला फ़ुटबॉल टीम ने नेपाल पर 1-0 से जीत हासिल करते हुए पहला ख़िताब जीता था। टीम के लिए विजयी गोल सस्मिता मलिक ने किया।
टूर्नामेंट के 30 साल के इतिहास में भारतीय पुरुष फ़ुटबॉल टीम का दबदबा रहा है। भारतीय पुरुषों ने 2003 को छोड़कर सभी फ़ाइनल में जगह बनाई है।
14 संस्करणों में से, भारत ने 9 पुरुष SAFF चैंपियनशिप ख़िताब जीते हैं।
भारत और श्रीलंका के बीच SAFF चैंपियनशिप का 1995 संस्करण का फ़ाइनल अतिरिक्त समय में चला गया था, जहां श्रीलंका ने फ़ुटबॉल में भारत पर अपनी पहली जीत हासिल की थी।
1997 संस्करण में आईएम विजयन, बाईचुंग भूटिया और जो पॉल एंचेरी की घातक तिकड़ी ने भारत के अटैक का नेतृत्व किया। ब्लू टाइगर्स ने टूर्नामेंट में चार मैचों में 12 गोल किए। मालदीव के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में पांच गोल आए और भारत ने 5-1 से जीत हासिल करते हुए ख़िताब अपने नाम कर लिया।
भारत 1999 में भी इस टूर्नामेंट को अपने नाम करने में सफल रहा था। अगला संस्करण चार साल बाद आयोजित किया गया, जहां मेज़बान बांग्लादेश ने सेमीफ़ाइनल में भारत पर जीत दर्ज की और मालदीव के ख़िलाफ़ पेनल्टी पर ख़िताब जीता। आपको बता दें यह एकमात्र मौक़ा था जब भारत SAFF फ़ाइनल में जगह नहीं बना सका।
साल 2005 में इस्लामाबाद में आयोजित फ़ाइनल में बांग्लादेश को हराकर भारत ने ख़िताब जीतने के लिए वापसी की।
2008 SAFF चैंपियनशिप पहला ऐसा टूर्नामेंट था, जिसकी मेज़बानी दो देशों, श्रीलंका और मालदीव द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी। उस वर्ष मालदीव को चैंपियन का ताज पहनाया गया था।
SAFF चैंपियनशिप के अगले तीन संस्करणों में भारत और अफ़गानिस्तान के बीच कड़ी प्रतिद्वंद्विता देखने को मिली। दोनों टीमों ने तीनों फ़ाइनल खेले। भारत ने 2011 और 2015 में जीत हासिल की जबकि अफ़गानिस्तान 2013 में चैंपियन बना।
मालदीव ने फ़ाइनल में भारत को हराकर 2018 में अपना दूसरा SAFF चैंपियनशिप ख़िताब जीता।
साल 2021 के पिछले संस्करण में, नेपाल ने अपने पहले SAFF चैंपियनशिप फ़ाइनल में जगह बनाकर इतिहास रचा। हालांकि, फ़ाइनल मुक़ाबले में वे भारत से हार गए। अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल में भारत के प्रमुख गोलस्कोरर सुनील छेत्री टूर्नामेंट के शीर्ष स्कोरर रहे।
भारत ने 2023 में बेंगलुरु में ख़िताब को डिफ़ेंड करते हुए कुवैत को हराया।
सुनील छेत्री 23 गोल के साथ SAFF चैंपियनशिप में सबसे ज़्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने यह सम्मान मालदीव के दिग्गज अली अशफ़ाक़ के साथ साझा किया है।
महिलाओं के SAFF चैंपियनशिप विजेता
महिला SAFF चैंपियनशिप के पहले पांच संस्करणों में भारत का प्रदर्शन असाधारण रहा है। भारतीय महिला टीम ने 2010 में ढाका में आयोजित उद्घाटन संस्करण में पांच मैचों में 50 गोल किए, वो भी एक भी गोल खाए बिना। भारतीय महिला फ़ुटबॉल टीम ने फ़ाइनल में नेपाल को 1-0 से मामूली अंतर से हराया।
दूसरे संस्करण में भी भारत की अटैक टीम ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया। उन्होंने 33 गोल किए और केवल एक ही गोल खाया। फ़ाइनल में टीम ने नेपाल के ख़िलाफ़ शुरुआती गोल किया और भारत ने 3-1 से शानदार जीत दर्ज की।
अन्य टीमों के प्रदर्शन में सुधार होता रहा लेकिन भारतीय टीम का प्रदर्शन लगातार शानदार रहा। उन्होंने 2014 के फ़ाइनल में नेपाल को 6-0 से हराया और 2016 में पहली बार फ़ाइनल में जगह बनाने वाले बांग्लादेश पर 3-1 से जीत हासिल की।
भारत ने 2019 में फ़ाइनल में नेपाल को चौथी बार हराया।
साल 2022 के संस्करण में नेपाल और बांग्लादेश दोनों ने प्रतियोगिता के दौरान भारत को एक बार हराया और फ़ाइनल में पहुंचने में कामयाब रहे। फ़ाइनल में नेपाल का निराशाजनक प्रदर्शन उन्हें परेशान करता रहा और बांग्लादेश ने 3-1 से जीत हासिल करते हुए ख़िताब जीता।