टोक्यो ओलंपिक में भारत की पदक की प्रबल दावेदार और उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी: पीवी सिंधु

रियो में रजत पदक जीतने के पांच साल बाद पीवी सिंधु की नज़र टोक्यो में ओलंपिक स्वर्ण पदक पर होगी।

6 मिनटद्वारा रितेश जायसवाल
ऑल इंग्लैंड ओपन के क्वार्टर फाइनल में हारी पीवी सिंधु

रियो 2016 में 20 वर्षीय पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने अपने ओलंपिक डेब्यू में महिला एकल बैडमिंटन सिल्वर मेडल जीतकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था। यही नहीं, रियो के बाद से वह BWF विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं। उन्होंने 2018 में पहले BWF वर्ल्ड टूर फाइनल का ताज हासिल किया और अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल करते हुए दुनिया की नंबर-2 खिलाड़ी बन गईं।

टोक्यो 2020 में हिस्सा लेने जा रहीं पीवी सिंधु स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदारों में से एक होंगी। वर्तमान में बीडब्ल्यूएफ की 'रेस टू टोक्यो' रैंकिंग में वह सातवें स्थान पर हैं। पीवी सिंधु ने ओलंपिक वर्ष में मिलीजुली शुरुआत की थी।

भारतीय बैडमिंटन स्टार ने एशिया में काफी धीमी शुरुआत की। सिंधु योनेक्स थाईलैंड ओपन में राउंड ऑफ 32 से ही बाहर हो गईं थी, टोयोटा थाईलैंड ओपन में उन्होंने अंतिम आठ में जगह बनाई थी और 2020 बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल में ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाईं।

यूरोपीय चरण में पीवी सिंधु स्विस ओपन के फाइनल में पहुंचने में सफल रहीं, लेकिन अपनी पुरानी प्रतिद्वंद्वी कैरोलिना मारिन (Carolina Marin) से हार गईं और ऑल इंग्लैंड ओपन के सेमीफाइनल में जगह बनाई, जहां वह थाईलैंड की पोर्नपावी चोचुवोंग (Pornpawee Chochuwong) से हार गईं थी।

जबकि टोक्यो 2020 के करीब आने तक उनका फॉर्म बहुत अच्छा नहीं रहा है, पीवी सिंधु ने हर बार बड़े मौकों पर आगे बढ़ने की क्षमता दिखाई है। रियो 2016 का रजत और 2019 विश्व चैंपियनशिप का स्वर्ण उनके हुनर और काबिलियत की गवाही देता हैं।

इसके अलावा मौजूदा ओलंपिक चैंपियन मारिन के चोट लगने के कारण टोक्यो 2020 से अपना नाम वापस लेने के बाद पीवी सिंधु के ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीद को बढ़ावा मिला है। ये वही खिलाड़ी हैं जिन्होंने रियो 2016 फाइनल में पीवी सिंधु को हराया था। 

हालांकि, टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक के लिए भारतीय बैडमिंटन स्टार की राह आसान नहीं होगी। कई अन्य चैंपियन खिलाड़ी हैं जिनसे उनका कड़ा मुकाबला होगा।

(2016 Getty Images)

नोज़ोमी ओकुहारा (जापान)

शीर्ष उपलब्धियां: ओलंपिक कांस्य पदक विजेता (2016), विश्व चैंपियन (2017), दो बार की ऑल इंग्लैंड विजेता (2016, 2021)

अब जानते हैं उन्हें क्या खास बनाता है? निसंदेह ही वह अपनी घरेलू सरज़मीं पर एक पसंदीदा खिलाड़ी होंगी। संभव है कि तीसरी वरीयता प्राप्त नोज़ोमी ओकुहारा (Nozomi Okuhara) टोक्यो में पीवी सिंधु की सबसे बड़ी मुश्किल होंगी।

पीवी सिंधु और नोज़ोमी ओकुहारा के बीच प्रतिद्वंद्विता जूनियर स्तर पर शुरू हुई और मॉडर्न-डे क्लासिक में जाकर बढ़ी।

युवा स्तर पर एक स्टार के तौर पर 2012 में विश्व जूनियर चैंपियनशिप जीतने के बाद से ओकुहारा लगातार कई टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाकर सीनियर स्तर पर पहुंचीं। उन्होंने 20 साल की उम्र में 2015 में दो ग्रां प्री खिताब और वर्ल्ड सुपरसीरीज फाइनल जीते।

नोज़ोमी ओकुहारा 2016 में प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड ओपन जीतने वाली पहली जापानी महिला बनीं। संयोग से, वह रियो 2016 के सेमीफाइनल में पीवी सिंधु से हार गईं थी, लेकिन उन्होंने ओलंपिक कांस्य पर दावा किया।

2017 में ओकुहारा सबसे रोमांचक बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप फाइनल में सिंधु के खिलाफ जीतने में कामयाब रहीं और पहली बार विश्व चैंपियन बन गईं।

एक चोट से उबरने के बाद ओकुहारा ने 2018 में टीम जापान को उबेर कप खिताब दिलाने में मदद की और 2021 में अपना दूसरा ऑल इंग्लैंड खिताब जीतने से पहले 2019 में बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया था।

ताई त्ज़ु यिंग (चीनी ताइपे)

शीर्ष उपलब्धियां: बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल चैंपियन (2020), एशियन गेम्स चैंपियन (2018), तीन बार की ऑल इंग्लैंड विजेता (2017, 2018, 2020)

उन्हें क्या खास बनाता है? कभी भी कोई ओलंपिक पदक ना जीतने वाली या विश्व चैंपियन ना बनने वाली एक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी, ताई त्ज़ु यिंग (Tai Tzu Ying) टोक्यो ओलंपिक में उन सभी रिकॉर्ड में से एक को सही करने की कोशिश में होंगी।

ताई त्ज़ु यिंग की प्रतिभा जूनियर स्तर पर भी अद्भुत थी, लेकिन वह कोई खिताब जीतने में असफल रहीं। उनका पहला सीनियर खिताब 17 साल की उम्र में 2011 यूएस ओपन, ग्रां प्री गोल्ड इवेंट में आया था।

2012 के लंदन ओलंपिक में ताई त्ज़ु यिंग प्री-क्वार्टर फ़ाइनल में अंतिम चैंपियन ली ज़ुएरुई से हार गईं। इसके अगले साल वह जापान ओपन जीतने के साथ सुपरसीरीज खिताब जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं।

ताई त्ज़ु यिंग ने 2014 एशियाई खेलों में कांस्य जीता था। उन्होंने महाद्वीपीय बड़े मुकाबले में अपने देश का पहला बैडमिंटन पदक जीता और उस वर्ष सुपरसीरीज फाइनल भी जीता।

2015 में एक बार फिर खिताब से वंचित रहने के बाद वह इंडोनेशिया ओपन और हांगकांग ओपन जीतने के बाद 2016 में पहली बार दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी बनीं।

हालांकि, रियो 2016 में वह ओलंपिक पदक नहीं जीत सकीं, क्योंकि पीवी सिंधु ने उन्हें क्वार्टर फाइनल में हरा दिया था। 2017 में ताई त्ज़ु यिंग ने अपना पहला ऑल इंग्लैंड खिताब जीता और अगले साल इसका बचाव करने में भी सफल रहीं।

उन्होंने 2017 और 2018 में एशियाई चैंपियनशिप भी जीती, 2018 में एशियाई खेलों का स्वर्ण जीता और 2020 BWF वर्ल्ड टूर फाइनल खिताब पर भी दावा किया। टोक्यो 2020 में हिस्सा लेने जा रहीं ताई त्ज़ु यिंग इस समय दुनिया की शीर्ष महिला एकल बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।

(2018 Getty Images)

रत्चानोक इंतानोन (थाईलैंड)

शीर्ष उपलब्धियां: विश्व चैंपियन (2013) और एशियाई चैंपियन (2015)

उन्हें क्या खास बनाता है? पिछले एक दशक में सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक थाईलैंड की रत्चानोक इंतानोन की नज़र टोक्यो में अपना पहला ओलंपिक पदक जीतने पर होगी।

रत्चानोक इंतानोन (Ratchanok Intanon) ने तब प्रसिद्धि हासिल की जब वह 2009 में 14 साल की उम्र में BWF वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं।

रत्चानोक ने अगले दो वर्षों 2010 और 2011 में भी जीत हासिल करते हुए उस खिताब को बरकरार रखा।

जब वह 16 साल की थी तो उन्होंने 2011 BWF विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और तीसरे दौर में वह अंतिम चैंपियन वांग यिहान से हार गईं और 2012 लंदन ओलंपिक में अंतिम आठ से बाहर हो गईं।

2013 में रत्चानोक इंतानोन ऑल इंग्लैंड ओपन के फाइनल में पहुंचीं और ऐसा करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं, लेकिन वह टाइन रासमुसेन से हार गईं। वह 18 साल, 2 महीने और 22 दिन की उम्र में इंडिया ओपन में सुपरसीरीज का खिताब जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं।

उनका सबसे बेहतरीन पल 2013 विश्व चैंपियनशिप में आया, जहां रत्चानोक ने फाइनल में पूर्व ओलंपिक चैंपियन और विश्व नंबर-1 ली ज़ुएरुई को हराकर सबसे कम उम्र की विश्व चैंपियन बनीं। इसके बाद उन्होंने विश्व नंबर-3 खिलाड़ी के तौर पर अपने उस वर्ष को समाप्त किया।

2015 में रत्चानोक एशियाई चैंपियन बनीं। हालांकि, रियो 2016 में राउंड ऑफ 16 में उन्हें अकाने यामागुची के द्वारा रोक दिया गया। वह 2016 में दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी और साथ ही ऐसा करने वाली पहली थाई खिलाड़ी बनीं।

रत्चानोक इंतानोन ने 2017 में अपने दूसरे ऑल इंग्लैंड फाइनल में जगह बनाई, लेकिन ताई त्ज़ु यिंग से हार गईं। उन्होंने 2018 से अब तक चार बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर खिताब जीते हैं।

इन तीनों बैडमिंटन खिलाड़ियों के अलावा चीन की चेन युफेई (विश्व नंबर-2), जापान की अकाने यामागुची (विश्व नंबर-5), थाई युवा पोर्नपावी चोचुवोंग (विश्व नंबर-10) और दक्षिण कोरिया की एन से यंग (विश्व नंबर-8) भी पीवी सिंधु की राह में अन्य शीर्ष प्रतिद्वंदी हो सकते हैं।

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