नए अवतार में नजर आए पुलेला गोपीचंद, निभाएंगे 'मेंटल फिटनेस ट्रेनर' की भूमिका

पुलेला गोपीचंद ध्यान ऐप के जरिए एथलीटों को बनाएंगे मानसिक रूप से मजबूत

3 मिनटद्वारा Bharat Sharma
पुलेला गोपीचंद ने लिन डान का सामना तीन बार किया है जिसमें वह 2 बार विजयी रहे हैं 

कोरोनो वायरस महामारी की शुरुआत के बाद से लोगों और एथलीटों में मानसिक तनाव की समस्या देखी जा रही है। ऐसे में भारत के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) एथलीटों को इस तनाव से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। वह एथलीटों को महामारी के इस दौर का सामना करने तथा उनकी मानसिक दृढ़ता को मजबूत बनाए रखने में मदद कर रहे हैं।

भारत में जब भी बैटमिंटन की बात होती है तो सबसे पहले गोपीचंद का नाम सामने आता है। वह 2001 में ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले दूसरे भारतीय थे और वह अब भारतीय बैडमिंटन टीम के राष्ट्रीय कोच हैं।

उन्हें अर्जुन पुरस्कार (1999) और कोचिंग के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार (2009) से भी नवजा जा चुका है। इसके अलावा साल 2014 में उन्हें भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

हालांकि, अब हम उन्हें एक नए अवतार यानी मेंटल फिटनेस ट्रेनर के रूप में भी देखने के लिए तैयार हैं। गोपीचंद अपने अनुभव का उपयोग करने और अपने मजबूत मानसिक दृष्टिकोण के साथ एथलीटों की मदद करने के लिए जाने जाते हैं। पी वी सिंधु और साइना नेहवाल जैसी ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने वाले गोपीचंद अब 'ध्याना ऐप' पर अपने नए अवतार में दिखाई देंगे।

ध्याना ऐप क्या है?

जैसा की नाम से ही जाहिर होता है "ध्याना" का अर्थ होता है एकाग्रता। गोपीचंद द्वारा निर्देशित इस ऐप में उनके व्यक्तिगत अनुभवों के सत्र शामिल हैं। ऐप के "खेल के लिए ध्यान" सेक्शन में 10 सत्र दिए गए हैं।

सत्रों को 'यूनाइटिंग योर इनर्सेल्फ, फॉरगिव, विनर इंस्टिंक्ट, ग्रैटिटूड, स्टिल्नस, विज्युलाइजेशन, स्ट्रेंथिंग डिसिप्लिन, प्री-वर्कआउट, पोस्ट-वर्कआउट और एंड ऑफ द डे' नाम दिया गया है।

टेलर द्वारा बनाई इस ऐप को एथलीटों में एक चैंपियन की मानसिकता विकसित करने में मददगार बनाने को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, क्योंकि वे एथलीट अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।

गोपीचंद ने कहा “सकारात्मक रहने और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता एक ऐसा गुण है, जिसको और विकसित करने की जरूरत है, विशेष रूप से ऐसे समय जब साल के अधिकांश लक्ष्य महामारी के कारण प्रभावित हुए हैं। हमने 'खेल के लिए ध्यान' को एथलीटों और अन्य लोगों को भावनात्मक रूप से मजबूत करने के मुताबिक तैयार किया, यह उन्हें उत्कृष्टता के मार्ग पर आगे बढने के लिए प्रेरित करता है।"

गोपीचंद ने आगे कहा "जीत हमेशा मजबूत या तेज व्यक्ति को ही नहीं मिलती। यह अंततः मजबूत दिमाग, आत्मविश्वास वाले को मिलती है। मुझे यकीन है कि मेरे द्वारा निर्देशित ये सेशन किसी के लिए भी स्वयं को सर्वश्रेष्ठ बनने में उपयोगी साबित होंगे।"