एक अरब में एक: अल्पाइन स्कीयर Arif Khan हैं बीजिंग 2022 खेलों में भारत की एकमात्र आशा
बीजिंग 2022 में भारत के एकमात्र शीतकालीन खिलाड़ी Arif Khan ने olympics.com से बात करते हुए अपने सफर, जीवन और ओलंपिक सपने के बारे में विस्तार से बताया।
ऑस्ट्रिया में स्थित इंसब्रुक शहर भारत के लिए खेल दृष्टिकोण से बहुत कम महत्त्व रखता है लेकिन ओलंपिक शीतकालीन खेल बीजिंग 2022 की बात करें तो भारत के लिए इसकी भूमिका बहुत बड़ी रही है। भारत के लिए ओलंपिक शीतकालीन खेल बीजिंग 2022 में भाग लेने वाले Arif Khan के लिए यह शहर पिछले छह महीनों से घर की तरह रहा है और शीतकालीन ओलंपिक खेलों में अपना स्थान पक्का करने के लगभग असंभव सपने को पूरा करने में इन्सब्रुक का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
कोरोना महामारी ने विश्व भर के खिलाड़ियों को परेशान किया और अगर आप भारतीय शीतकालीन खिलाड़ियों की बात करें तो परिस्थितियां और भी कठिन थी।
एक खास बातचीत में Arif Khan ने Olympics.com को अपने खेल जीवन अथवा पिछले कठिन और चुनौतीपूर्ण कुछ महीनों के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा, "चीज़ें और परिस्थितियां मेरे लिए बहुत कठिन रही हैं और जब मैं 2020 में अभ्यास करने के बारे में सोच रहा था तो कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया। इसी कारण मैं कहीं भी नहीं जा पाया और ओलंपिक खेलों में स्थान पक्का करना बहुत कठिन हो गया था। मुझे आशा नहीं थी की मैं यात्रा कर पाऊंगा और अभ्यास संभव होगा।"
एक खास बातचीत में Arif Khan ने Olympics.com को अपने खेल जीवन अथवा पिछले कठिन और चुनौतीपूर्ण कुछ महीनों के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा, "चीज़ें और परिस्थितियां मेरे लिए बहुत कठिन रही हैं और जब मैं 2020 में अभ्यास करने के बारे में सोच रहा था तो कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया। इसी कारण मैं कहीं भी नहीं जा पाया और ओलंपिक खेलों में स्थान पक्का करना बहुत कठिन हो गया था। मुझे आशा नहीं थी की मैं यात्रा कर पाऊंगा और अभ्यास संभव होगा।"
त्याग, संघर्ष और बड़े व्यक्तिगत निर्णय
ओलंपिक खेलों में अपना स्थान पक्का करने के लिए किसी भी खिलाड़ी को बहुत संघर्ष अथवा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और भारत के इतिहास में सिर्फ 15 खिलाड़ियों ने शीतकालीन खेलों में भाग लिया है। Arif Khan शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भारत के 16वें प्रतिनिधि हैं और यह हासिल करने के लिए उन्होंने कड़ा परिश्रम अथवा त्याग किया है।
व्यक्तिगत त्याग की बात करें तो Arif Khan ने 2021 में तय अपने विवाह को विलंबित किया और यह निर्णय आसान नहीं था लेकिन उन्हें अपने परिवार का पूरा सहयोग मिला। अपने विवाह को संपन्न करने के स्थान पर वह ऑस्ट्रिया में अभ्यास करने के लिए चले गए और उनका त्याग सफलता में बदल। गया
"मेरी कहानी में इस बात का बहुत वर्णन होता है और यह बात सही है कि ओलंपिक खेलों में भाग लेना मेरा 10-12 से सपना रहा है। विवाह को विलंबित करने के लिए मुझे अपनी मंगेतर और उनके परिवार की अनुमति अथवा सहयोग चाहिए था जो मुझे अंत में मिला और मेरा सपना सच हुआ।" - Arif Khan
एक अरब लोगों की आशा का भार
Arif Khan के लिए एक अरब से ज़्यादा लोगों का प्रतिनिधित्व करना बहुत गर्व की बात है और एक ज़िम्मेदारी भी। बीजिंग 2022 शीतकालीन खेलों में वह पूरे देश की आशा को लेकर मैदान में उतरेंगे और आने वाली युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का प्रयास करेंगे।
अगर उनसे पूछें तो एक अरब में एक होने का मतलब उनके लिए ज़िम्मेदारी है।
"मुझे ऐसा लगता है कि इतने साल का मेरा संघर्ष शायद इसलिए था। मेरे लिए एक अरब में एक होना और भारत का प्रतिनिधित्व करना एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है। यह एक सम्मान है लेकिन बड़ी ज़िम्मेदारी भी। भारत में कई ऐसे युवा हैं जो अपने आप को साबित करना चाहते हैं और उन्हें प्रेरित करना मेरे लिए एक जूनून जैसा है।"
"मेरे जीवन का एक ही मंत्र है - साहसी बनो। अगर खेल में सफल होना है तो आपको साहस दिखाना होगा।"
अगले दो हफ़्तों में Khan पूरे भारत को शीतकालीन खेलों और अल्पाइन स्कीइंग से जोड़ने का प्रयास करेंगे।