ओडिशा में भारतीय जेवलिन थ्रोअर्स ने कसी कमर : शिवपाल सिंह को ओलंपिक पदक जीतने की उम्मीद
कोरोना महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक का आयोजन आगे खिसकने से भारत के श्रेष्ठ भाला फेंक खिलाड़ी को नहीं कोई परेशानी
भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी (जेवलिन थ्रोअर्स) शिवपाल सिंह टोक्यो ओलंपिक में पदक हासिल कर देश की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।
नीरज चोपड़ा के बाद सिंह टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले दूसरे भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी हैं। उन्होंने इस साल मार्च में साउथ अफ्रीका के पोटचेफस्ट्रूम में ACNW लीग के मार्की इवेंट में 85.47 मीटर पर भाला फेंक कर अपना स्थान पक्का किया।
वाराणसी में जन्मे एथलीट सिंह ने Odishatv.in को बताया, “2020 मेरे लिए काफी अच्छा साल रहा। मैंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। हालांकि मैं प्रतियोगिताओं में और अच्छा प्रदर्शन कर सकता था, कोरोना ने खेल बिगाड़ दिया और मुझे घर पर ही रहना पड़ा, कार्यक्रम भी शेड्यूल से आगे खिसक गए।”
कोरोनो वायरस महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक को 24 जुलाई से 9 अगस्त, 2020 के स्थान पर 23 जुलाई से 8 अगस्त, 2021 तक आयोजित करने का निर्णय किया गया।
सिंह को ओलंपिक के आयोजन का पुनर्निर्धारण किए जाने के बावजूद अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी उम्मीद है। इसी के मद्देनजर उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपनी फिटनेस बनाए रखी।
सिंह ने कहा, "ओलांपिक को 2020 से खिसका कर 2021 में किए जाने से मुझे कोई परेशानी नहीं हैै। जो बदलाव हुआ है वो केवल मेरे लिए नहीं बल्कि सभी एथलीटों के लिए है। मैं इस साल बहुत अच्छे शेप में था और उम्मीद है कि मैं इसे जारी रखते हुए अपनी मातृभूमि का गौरव बढ़ाउंगा।”
सिंह भारत के सर्वश्रेष्ठ भाला फेंक टीम के चार अन्य सदस्यों के साथ वर्तमान में भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में टोक्यो ओलंपिक के लिए अभ्यास कर रहे हैं।
शिवपाल ने एक उम्मीद के साथ कहा, नीरज चोपड़ा सहित सभी ने साल 2020 में असाधारण प्रदर्शन किया है। इनमें से कोई भी भारत के लिए पदक ला सकता है।
सिंह को जिस समय सहयोग की सबसे ज्यादा जरूरत थी तब ओडिशा सरकार ने तत्काल उन्हें कलिंग स्टेडियम में प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई। इसके लिए उन्होंने सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए आभार भी जताया।
उन्होंने कहा, “हम पटियाला में हाड़ कंपाती सर्दी के कारण भुवनेश्वर आ गए, जहां हम अभ्यास कर रहे थे। यहां हमें इतनी जल्दी सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा, इस बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था। इसके लिए मैं ओडिशा सरकार हमेशा आभारी रहूंगां।"
उन्होंने 2019 एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में रजत पदक और 2019 सैन्य विश्व खेलों से स्वर्ण पदक जीता। अब टोक्यो में पहला ओलंपिक पदक जीतना उनका लक्ष्य है।