2022 FIFA महिला U17 विश्व कप की मेजबानी अगली पीढ़ी की महिला फुटबॉलर्स को प्रेरित करेगी- बाला देवी
रेंजर्स FC स्ट्राइकर ने बताया कि खिलाड़ी के रूप में विकसित होने के दौरान कैसे उनके पिता ने किया सहयोग
भारतीय महिला फुटबाॅलर बाला देवी को लगता है कि पांच साल के भीतर भारत ने दो FIFA इवेंट का आयोजन किया है, 2017 और 2022 में पुरुष और महिला U17 विश्व कप की मेजबानी करना भारत में फुटबॉल के लिए महत्वपूर्ण क्षण हैं।
कोरोना महामारी के कारण महिला U17 विश्व कप को अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 तक स्थगित कर दिया गया। हालांकि, FIFA को यह आयोजन रद्द करने के लिए मजबूर किया गया लेकिन भारत ने 2022 में इसकी मेजबानी का अधिकार प्राप्त कर लिया। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने पहले ही U17 बालिकाओं के लिए पहले से ही एक विस्तृत योजना तैयार कर रखी है ताकि उनकी प्रगति में कोई रूकावट पैदा ना होे।
बाला देवी को लगता है कि इस टूर्नामेंट की मेजबानी देश में महिला फुटबॉल के विकास में क्रांतिकारी कदम होगी। रेंजर्स FC स्ट्राइकर का मानना है कि आगामी महिला विश्व कप देश में लड़कियों को फुटबाॅल को पेशेवर खेल के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
रेंजर्स महिला FC ने AIFF टीवी चैट के दौरान बताया कि अभी तक हमने एक साथ कई लड़कियों को फुटबॉल खेलते हुए नहीं देखा। हालांकि अब इनकी संख्या काफी बढ़ गई है। FIFA अंडर-17 विश्व कप में विभिन्न देशों से विश्व की सर्वश्रेष्ठ लड़कियां भारत आएंगी और हमारे देश की लड़कियों को उनके साथ मुकाबला करने का मौका मिलेगा। यह उनकी समग्र मानसिकता को बदलने में मदद करेगाभारत को एक महत्वपूर्ण प्रतियोगिता की मेजबानी मिलने के लिए उन्होंने AIFF के अध्यक्ष और FIFA परिषद के सदस्य प्रफुल्ल पटेल के प्रयासों की सराहना की।
देवी ने कहा कि "पटेलजी ने महाद्वीप में भारतीय फुटबॉल को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की है। पुरुष और महिलाओं के लिए अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी का अधिकार हासिल कर महाद्वीप में भारत की स्थिति को प्रशंसनीय बना दिया है। वर्तमान अंडर-17 के लिए उनकी योजना महिला फुटबाॅल के लिए AIFF की दीर्घकालीन योजना को रेखांकित करती है। महिला फुटबाॅल के लिए निरंतर सहयोग के लिए प्रफुलजी का हृदय से आभार प्रकट करती हूं।"
AIFF ने भारतीय एरोज महिला टीम की शुरूआत की है और भारत की महिला लीग (IWL) के अगले संस्करण में लड़कियां देश में सर्वश्रेष्ठ बनने का आगाज करेंगी। बाला देवी का मानना है कि इससे उन्हें महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक खेलने और आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
बाला ने कहा कि "यह (FIFA अंडर -17 महिला विश्व कप) भारत की ख्याति बढ़ा देगा। 2017 में FIFA अंडर-17 विश्व कप में खेलने वाले सभी लड़के अब शीर्ष स्तरीय लीग में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। मेरा मानना है कि भारत में अलग-थलक पड़ी हमारे देश की बालिकाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने का शानदार मौका है।"
बचपन की यादों को ताजा करते हुए उन्होंने बताया कि "उनके आगे बढने के दिनों में उनके पिता उनके समर्थन में एक स्तंभ की तरह खडे़ रहे। मैं शुरू में स्थानीय लड़कों के साथ खेला करती थी। बहुत से लोग मेरे इस तरह लड़कों के साथ खेलने की आलोचना करते थे। मेरे पिता भी एक फुटबॉलर रहे थे। इसलिए वो हमेशा मुझे प्रेरित करते थे।"
याद करते हुए आगे कहा कि "उन्होंने मुझे 24/7 में फुटबॉल के बारे में ही सोचने और यहां तक कि बिस्तर में भी एक गेंद के साथ सोना सिखाया। कभी-कभी तो नींद के बीच में भी मैंने गेंद को लात मारी। इस तरह से मेरे अंदर फुटबाॅल के लिए जुनून बढ़ा। मैं सभी माता-पिता से अपने बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह करती हूं। ताकि उनके बच्चे अपने सपने को पूरा कर सके।"
दिसंबर में बाला देवी एक यूरोपीय पेशेवर फुटबॉल लीग में स्कोर करने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बनीं। उन्होंने मदरवेल के खिलाफ रेंजर्स के मैच में 9-0 के अंतर से एक तरफा मात दी।